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अंकल फाड़ डालो मेरी गांड


मेरी गांड को लग गई मौज

लेखक : सनी

यह जो कहानी आज लिखने जा रहा हूँ यह आज से ठीक दो महीने पहले की बात है, पापा जी ने घर ऊपर वाला हिस्सा किराये पर देने का फैसला किया और एयरफोर्स में काम करने वाले मद्रास के रहने वाले एक युगल को दिया। बीवी एयरफोर्स स्कूल में टीचर है। बीवी पर तो नहीं मियां पर मेरी नज़र थी, ऊपर जाने के लिए सीढ़ियाँ अन्दर से ही निकलतीं थीं।
जैसे कि आप सब तो जानते ही हैं कि मुझे लौड़ों से कितनी चाहत है !
एक दिन दोपहर की बात है, मैं कॉलेज से घर आया। बहुत गर्मी थी, मैं बाथरूम में नहाने के लिए जाने लगा, दिमाग में आया कि तौलिया तो ऊपर तार पर ही सूख रहा होगा। मैं ऊपर गया, उनका कमरा बंद था, अन्दर से बहसने की आवाजें आ रही थी।
वो बोला- साली ना तेरे में गर्मी है, न सुन्दर ! ऊपर से नखरे हज़ार ! चल मुँह में लेकर इसको चूस !
वो नहीं मानी। मैं चला आया। शाम को ऊपर किसी काम से गया तो अंकल नहा रहे थे, पानी से उनका अंडरवियर चिपका हुआ था और फूले हुए भाग से मालूम हुआ कि लौड़ा मस्त है। मेरी नज़र वहाँ पड़ती देख अंकल ने अन्दर हाथ डाल साबुन लगाने के बहाने साइड से लौड़ा दिखा ही दिया।
क्या मस्त लौड़ा था !
आजकल उनकी रात की शिफ्ट थी, वो नहा कर तैयार होकर चले गए। सुबह वो आठ बजे आते थे और आंटी नौ बजे जातीं थी। घर में कोई नहीं था, मैं अकेला था, कॉलेज ११ बजे जाना था। आंटी चाभी देकर चली गई। अंकल आज लेट थे।
जैसे ही वो आये, झट से कपड़े उतार बाथरूम में घुस गए। उन्होंने आवाज़ दी- मैं नहा रहा हूँ, आया !
मैं भी सिर्फ अंडरवियर पहन बाहर आया। उनकी नज़र मेरे चिकने और लड़की जैसे जिस्म पर थी- वाह बेटा ! चिकने हो ! देखूँ छाती ! कोमल !
बोले- अकेला है ?
जी हाँ ! अकेला ही हूँ !
ऊपर आजा ! मैं भी अकेला हूँ, मिलकर नहाते हैं !
मैं उनके पास गया और एक हाथ से चाबी देते हुए नीचे से लौड़े को मसलते हुए कहा- आप नीचे क्यूँ नहीं आ जाते ! ए.सी में मजा भी आयेगा !
हाय मेरी जान अभी आया !
मेन गेट बंद करते हुए आना !
सोचा- अबे ओ सनी ! तेरी गांड को तो मौज लग जायेगी ! वो भी घर में ही !
मैं शावर के नीचे नहाने लगा, अंकल भी आ गए। मैं उनसे चिपक गया, वो मेरे होंठ चूसने लगे। मैं हाथ में लौड़ा लेकर सहलाने लगा। पानी में और भी आनंद मिलने लगा।वाह मेरे गांडू !
वो मेरे चूतडों को पकड़ कर मसलने लगे। बेटा ! कितनी गांड मरवाता है कितने मस्त चूतड़ हैं !
मार के देख लेना जान ! कितने मस्त हैं ! आपका लौड़ा रात को जबसे देखा है चूसने को दिल कर रहा है।
हाँ हाँ चूस न !
मुझे पता है आंटी नहीं चूसती !
भोसड़ी की बहुत हरामी है !
ऐसे ही है अंकल ! मैंने उनका कच्छा उतार दिया और नीचे झुक कर मुँह में डाल लिया। मुँह में जाते ही उनका खड़ा होने लगा, देखते ही तन कर खड़ा हो गया।
आह मेरे लाल ! चूसता जा !
६९ में होकर मेरी गांड चाटने लगे, साबुन गांड पर लगा ऊँगली डालते हुए मुझे पूरा मजा देने लगे।
आह अह अह ! अंकल आई लव योउर लौड़ा !
चूस बेटा ! अच्छा लगा, बहुत अच्छा !
आह आह ! बिस्तर में चले अंकल?
ज़रूर !
तौलिए से पोंछ कर उठा मेरे ही कमरे में मेरे ही बिस्तर पर डाल दिया। अंकल ने दिल खोल कर चुसवाया, मैंने भी दिल से चूसा ऐसा लौड़ा।
मुझे घोड़ी बना पीछे से लौड़ा गांड पर रख दिया, मैंने पकड़ ठिकाने पर लगा दिया। पहले धक्के से थोड़ा सा घुसा, दो चार धक्कों से पूरा अन्दर घुस गया।
आह अंकल ! अब गांड मारो !
आह ओह !मेरे बेटा ! बहुत मस्त निकला ! तेरी गांड रोज़ मारूँगा ! क्या माल है ! ऐसा मजा तो मेरी औरत ने नहीं दिया !
आह अंकल ! फाड़ डालो मेरी गांड !
उनका लौड़ा ज़बरदस्त तरीके से मेरी गांड के अंदर बाहर हो रहा था।If I Was Gay
चल ऊपर बैठ जा ! देखूँ कैसे उछल उछल कर इस पर बैठेगा ! तुझे भी मजा आ जायेगा ! वैसे भी तेरी पोली पोली गांड जब जांघों से घिसेगी तो मजे का आलम छा जायेगा मेरी जान !
लो अंकल आ गया ऊपर !
चल इस पे बैठता जा साले, नाटक मत कर, बहनचोद, सब जाने तू !
संभालो अंकल ! मैं अपने तरीके से आराम से पूरा लौड़ा निगल गया।
औ अह मेरी जान ! उछल ! अह ओह अह ओह ! बेटा मजेदार माल है ! फाड़ दूंगा तेरी ! आज से तू मेरी औरत ! क्या मुझे रोज़ मरवाया करेगा?
ज़रूर अंकल ! बाहर मुँह मारने से अच्छा है यहीं मरवाया करूँगा बिना किसी डर से !
अंकल ने एकदम मुझे पलटा और मेरे ऊपर आ गए दोनों टांगें कन्धों पर रखवा कर बीच से मोर्चा फतह किया। अब वो झड़ने वाले थे, वो फाड़ देने पर उतर आये थे। यह अंदाज़ मुझे स्वर्ग दिखा रहा था।
ओह बेटा !
वह जोर जोर से झटके लगाने लगे। कुछ मुझे दर्द भी हुआ, लेकिन सब भूल कर मैं चुदवाता रहा। फ़िर अंकल एकदम मुझ पर गिर गए और सारा माल अन्दर डाल दिया।
दोस्तो, मेरी तो गांड को मौज लग गई। वो ड्यूटी से आते और मुझे चोदने के बाद ही कॉलेज जाने देते। वह पूरे मजे लूट रहे हैं।
अब तो आंटी का पेट बाहर आने लगा है, उनका भाई कुछ दिनों में उनको लेने आने वाला है ताकि बच्चे की और माँ की देख रेख किसी घर की सयानी की देख रेख में हो।Indian Heat
मैं और अंकल बहुत खुश हैं। बोलते हैं- अब से तू मेरी पत्नी है ! तू घबरा मत, तुझे मैं नए लौड़े दिलवाता रहूँगा। किसी दिन हम उसके एक दोस्त के घर जाकर चुदाई करेंगे, उसके बारे में जल्दी लिखूंगा।
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थूक लगा के लौड़ा गांड में डाल दिया




लेखक : सनी

मुझे शिक्षा बोर्ड में किसी काम से अपने नाम को दरुस्त करवाने जाना पड़ा ! मुझे अपना काम निपटाते हुए मोहाली में ही शाम के पांच बज गए ! मैं बस स्टैंड पहुंचा तो कुछ राहत मिली कि रात्रि सेवा के तहत रात की सर्विस थी ! मैंने विडियो कोच का टिकेट लिया और बस में बैठ गया ! वहां से बस पूरी भर कर चली ! मैंने टू सीटर सीट ली! मेरे साथ एक अच्छा खासा मर्द बैठा ! मेरी नज़र बार बार उस पे जा रही थी, उसके लौड़े वाले स्थान पर !
थोडा अँधेरा सा हुआ ! मैं बहुत चिकना हूँ और मुझे वो मर्द बहुत पसंद आया ! अब उसने भी नोट किया कि मेरी निगाहें उसके फूले हुए हिस्से पर जा रुकती हैं ! अब मुझे लगा कि वक़्त आ गया है अपना जाल बिछाने का !
मैंने कहा,"आप कहाँ जा रहे हो? क्या करते हो?"
ऐसे ही उसने भी मुझ से कुछ सवाल पूछें ! मेरे बोलने का स्टाइल और चेहरा वो पढ़ रहा था ! जैसे ही बस नवां शहर पहुंची, काफी बस खाली हो गई और इस बस में रास्ते की सवारी नहीं लेते थे ! मैंने देखा कि अब सामने वाली सीट खाली है ! किसी की नज़र अब मेरे पर नहीं पड़ने वाली ! मैंने उसके साथ फिर से बातें करनी शुरू की ! अब बाहर पूरा अँधेरा छा गया था ! इस बार मैंने कुछ और ही विषय चुना !
मैंने कहा,"आप बहुत हैण्डसम हो ! आपकी बीवी भाग्यशाली होगी !"
वो बोला,"अच्छा ???"
मैंने कहा,"बिलकुल !"
फिर मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रखते हुए कहा," और नहीं तो क्या ! इतनी बरदस्त बॉडी है, मजबूत जांघें हैं ! और क्या चाहिए किसी को ?"
वो कुछ नहीं बोला ! मैंने अपना हाथ उसके फूले हुए स्थान पर रखते हुए कहा,"आपका तो यह भी बहुत कड़क लगता है ! और क्या चाहिए किसी को ??"
मैंने पैंट के ऊपर से ही उसको सहलाना शुरू किया ! अब उसने अपना हाथ मेरे गले में डाल दिया ! मैंने अब आराम से उसके लौड़े को सहलाते हुए पूछा," कैसा लग रहा है?"
उसने कहा,"बहुत अच्छा !"
मैंने उसकी जिप खोल कर अपना हाथ अन्दर डाल दिया और लौड़े के सर पर हाथ फेरते हुए जड़ तक उसका मुआयना किया ! मैंने कहा,"बहुत सॉलिड पीस है आपका ! "
उसने पूछा,"अच्छा लगा ?"
मैंने कहा," बहुत अच्छा ! "
हम आगे बढ़ने लगे, तभी लुधियाना आ गया ! बस रुकी और कंडक्टर ने सबको कहा," अगर किसी ने खाना वगैरा खाना है तो खा लो ! बस ३० मिनट रुकेगी ! "
सभी यात्री उतर गए ! न वो उठा न मैं ! अचानक वो सबसे पिछली सीट पे जाने के लिए उठा ! बोला,"यह पैसे पकड़ और नीचे से कोल्ड ड्रिंक के साथ प्लास्टिक ग्लास ले कर आ !"
उसके पास विस्की का पौवा था ! ज्यादा लोग नहीं थे बस में ! उसने दो पैग डाले और दोनों ने डकार लिए ! मैंने अब दिल खोल कर उसके पप्पू को निकाला और देखता रह गया ! सांवला लौड़ा मेरी कमजोरी है ! मैंने लौड़े को सहलाते हुए चेहरा झुकाया और चूसने लगा ! वो मस्त होने लगा ! तभी सीटी की आवाज़ सुन हम सीधे हो गए ! बस चल पड़ी ! सिर्फ दस के करीब सवारी बचीं थी ! उनमें से ४ तो शादीशुदा जोड़े थे ! सभी बैठ गए ! कंडक्टर आगे ड्राईवर के पास बैठ चुका था ! उसका काम अब ख़त्म था ! सभी जोड़े एक दूसरे से चिपक रहे थे ! हम अन्तिम सीट पे थे ! पूरी लम्बी की लम्बी सीट !
नशे के सरूर ने मुझे पागल कर दिया ! मैं घुटनों के बल बैठ गया और उसका लौड़ा निकाल कर चूसने लगा ! सफ़र की वजह से मैंने सिर्फ लोअर डाला था ! उसने मेरा लोअर नीचे खिसकाते हुए मेरी गांड पे हाथ फेरा तो मेरी प्यास बढ़ गई ! उसने अपनी ऊँगली गीली करके मेरी गांड में डाल दी और वो ऊँगली-बाज़ी करने लगा ! मैं उसका लौड़ा चूसने लगा ! इतने में जालंधर आ गया !
वो बोला,"तू मेरे साथ चल ! मुझे तेरी गांड मारनी है !"
"लेकिन कहाँ ?" मैंने पूछा !
वो बोला,"यहीं पास ही मेरे दोस्त ने कमरा लिया हुआ है ! वो दिल्ली से यहाँ पढ़ने आया है ! अकेला रहता है, चलो चलते हैं !"
मैंने कहा,"ठीक है !"
हमने रिक्शा किया और पहुँच गए उसके दोस्त के घर ! बाहर रुक कर उसको मोबाइल किया और मेरे बारे में बताया ! उसका दोस्त भी बहुत हैण्डसम था ! मेरे साथ आया व्यक्ति बोला,"यह सनी है ! बस में इसके साथ दोस्ती हुई है और इसको खुश करना है !"
वो बोला,"ओह ! समझ गया दोस्त ! आ जाओ, घर में दारू पड़ी है !"
हमने दो दो पैग लगाये ! नशा आते ही मैं बेशर्म बन गया और उसका एक एक कपड़ा उतार दिया ! मैं उसका लौड़ा चूसने लगा ! दूसरे वाले ने मेरा लोअर खींच दिया और मेरा अंडरवियर नीचे खिसका कर मेरी गांड सहलाने लगा ! पहले वाले ने खींच कर मेरी शर्ट उतार दी ! मेरे लड़की जैसे मम्मे देख दोनों दंग रह गए ! वो सीधा लेट गया ! मैं उसके लौड़े पर बैठा हुआ उसको पूरा अंपनी गांड की गहराई तक पहुंचा लिया और खुद आगे पीछे हो चुदने लगा ! वो साथ में मेरा मम्मा मुँह में डाल कर चूस रहा था !
उसका दोस्त मेरे पास आया ! मैंने उसका लौड़ा निकाल लिया! क्या सॉलिड था वो भी ? गुलाबी लौड़ा ????? मेरे तो मुँह में पानी आ गया और मैंने झट से उसके लौड़े को चूसना चालू किया ! पहला वाला धनाधन मेरी गांड पे वार करने लगा ! मैं घोड़ी बन गया ! मैंने उनकी ओर अपनी गांड घुमाई! पहले वाले ने थूक लगा के अपना लौड़ा फिर से अन्दर डाल दिया ! उसका दोस्त मेरे सामने घुटनों के बल खड़ा अपना लौड़ा चुसवा रहा था ! दो-दो लौड़े देख कर मुझे सेक्स चढ़ने लगता !
वो बोले," साले ! तू तो लड़की जैसा है ! कितना नाज़ुक और चिकना है तेरा बदन ?? ऊपर से यह मम्मे ? कोई १७ साल की लड़की जितने होंगे !"
"सालो ! दबवा -दबवा कर हुये हैं ! चोदो बस मुझे !" मैंने कहा !
"अभी ले साले ! दो लौड़े एक साथ डालेंगे तो फट जायेगी तेरी ! देखता जा बस ! " उनमें से एक बोला !
वो गया और फ्रिज में से काफी मोटा खीरा ले कर आया ! उसने अपने दोस्त को दिया और पास में पड़ी बियर की बोतलें उठाई ! उसने अपना लौड़ा निकाला और पहले बियर की बोतलें घुसा दीं और मुझे उसी से चोदने लगा ! मैंने दोनों के लौड़े बारी-बारी चूस रहा था ! उसने बोतलें दूसरी तरफ रख कर खीरा मेरी गांड में घुसा दिया ! काफी मोटा था ! थोड़ा सा तेल लगा कर करीब ५ मिनट दोनों ने खीरे से मुझे चोदा ! देखते ही देखते मैंने पूरा खीरा अन्दर डलवा लिया !
एक दम से दोनों ने कंडोम अपने लौड़ों पर डाल लिए ! वो सीधा लेट गया और मैं उसके लौड़े पर बैठ गया ! पूरे का पूरा लौड़ा मेरी गांड में घुस गया ! साथ में उसने अपनी दो ऊँगली भी डाल ली ! पूरा घुसने पर उसने मुझे अपने साथ चिपका लिया ! अब पीछे से मेरी गांड चौड़ी हो गई ! दूसरा व्यक्ति मेरे पीछे बैठ गया और ऊँगली निकाल उसकी जगह अपना लौड़ा रखते ही दबाया ! दूसरे का लंड-मुंड भी मेरी गांड में घुस गया !
मेरी चीख निकल गई,"छोड़ दो, पलीज़..........! " मैंने कहा," एक- एक करके लो !"
किन्तु वो नहीं माना और आधे से ज्यादा लौड़ा मेरी गांड में घुसा कर रगड़ने लगा ! मेरा बुरा हाल था ! धीरे धीरे मुझे सुकून मिला और वो धक्के लगाने लगे !
एक बार दोनों ने मेरी गांड में दो लौड़े डाल कर दिखा दिया ! फिर एक ने निकाल लिया और दूसरे ने तेजी से गांड मारते हुए अपना माल कंडोम में छोड़ दिया ! दूसरा मेरे ऊपर चढ़ गया और उसने भी कुछ देर मेरी गांड फाड़ने के बाद एक दम कंडोम उतार दिया और पेल दिया ! तीनों हांफने लगे ! दोनों मुझे चूमा-चाटी करते रहे और मैं उनके लौड़े सहलाता रहा ! उन दोनों के लौड़े आधे घंटे में फिर से तन गए और फिर शुरू हुआ दूसरा राउंड !
दो-दो बार चोदने के बाद हम नंगे वहीं सो गए ! सुबह ११ बजे मेरी आंख खुली ! मैं झट से उठा लेकिन उसके दोस्त ने मेरी बाजू पकड़ कर रोक लिया ! बोला,"छोड़ ! कितनी गर्मी है बाहर ! कल सुबह-सुबह निकल जाना ! एक रात और रुक जा ! रात को तुझे और मजे दिलवाऊंगा अपने दो नए दोस्तों के साथ ! "
मुझे ग्रुप सेक्स का शौक था ! वो बोले," पास में दो और गांडू रहते हैं ! साथ-साथ करेंगे ! "
मैं मान गया और फिर हम मिल कर नहाने लगे ! बाथरूम में फिर से ठुकाई हुई मेरी !!!
उसके बाद क्या हुआ रात को यह अगली बार लिखूंगा ! बाय !!!
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उसकी चूत चाट-चाट कर लाल कर दी




मेरा नाम शक्ति अरोरा है। मूल-रूप से मैं लखनऊ से हूँ। मैं २२ साल का हूँ, रोज़ाना जिम करता हूँ इसलिए मेरा ज़िस्म बहुत मज़बूत है। सेक्स के मामले में भी मैं काफ़ी मज़बूत हूँ। अभी करीब १५ दिन पहले की घटना मैं आपको बताने जा रहा हूँ। मैं पंजाब से बी-टेक कर रहा हूँ। शुरूआत से हॉस्टल में रहता था, लेकिन दो सत्रों के बाद मैंने शहर में एक कमरा किराए पर ले लिया था।
उस मकान की मकान मालकिन का नाम कुलजीत कौर था। उसकी फ़िगर क्या बात थी! उसकी चूचियों का तो कोई जवाब ही नहीं था और जब वो चलती तो उसकी पिछाड़ी भी बड़ी सेक्सी लगती थी। उसके चूतड़ दाएँ-बाएँ हिलते थे। मैं तो उसका दीवाना हो गया था। उसकी उम्र लगभग ३५-३६ साल की होगी। उसकी एक लड़की थी, वो भी अपनी माँ पर गई थी।
मकान मालकिन का पति आर्मी में कर्नल था जो कि बहुत कम आया करता था, इसलिए वो प्यासी लगती थी, और जब भी मुझसे मिलती थी या बात करती थी तो वो बड़ी प्यासी नज़रों से देखती थी। मैं उसका इशारा समझता था, लेकिन मैंने कभी कुछ कहा नहीं। एक दिन उसकी लड़की स्कूल गई थी, और मैं उस दिन कॉलेज नहीं गया था तो उसने मुझे आवाज़ दी कि ज़रा यहाँ आना।
मैं जब उसके कमरे में गया तो वो वॉशिंग मशीन में कपड़े धो रही थी। पंजाब में सभी सलवार-सूट पहनते हैं तो उसने भी नीली रंग की सेक्सी सलवार-सूट पहन रखी थी, जिसमें उसकी चूचियाँ बड़ी ही सेक्सी लग रहीं थीं। एक बार मैंने उसे देखकर सोचा कि काश मैं इसे चोद पाता। तभी उसने कहा कि जाओ ज़रा बाज़ार से सामान ले आओ, घर में कोई नहीं है इसलिए तुम्हें कह रही हूँ, मैं भी गीली हूँ। जब भी वह झुकती तो मैं उसकी चूचियाँ देखता रहता और वो भी यह जानती थी।
मैं सामान लेने चला गया, जब सामान लेकर उसे देने गया तो वह नहाने जा रही थी। वह यह कहकर गई कि बैठो, मैं अभी आती हूँ। वो काले रंग की नाईटी में आई, और माँ क़सम, क्या गज़ब ढा रही थी। उसकी चूचियाँ साफ-साफ दिख रहीं थीं, उसने ब्रा नहीं पहनी थी। सामान देकर मैं चला गया।
उसी रात को मैंने अपने कमरे में आहट सुनी, उसने खटखटाया। मैंने दरवाज़ा खोला, उस समय रात के करीब २ बज रहे थे।
वह बोली, “मुझे नींद नहीं आ रही।”
मैंने पूछा - “क्यों?”
तो बोली - “ऐसे ही।” अचानक वह मेरे पास आकर बैठ गई,
फिर पूछती है, “तुम्हारी कोई गर्लफ्रेण्ड है क्या?”
मैंने उत्तर दिया - नहीं।”
उसने फिर पूछा, “आज तक किसी लड़की को नहीं छुआ।”
मैंने कहा, “मन तो करता है, लेकिन अभी तक नहीं।
उसने अचानक मेरा हाथ पकड़ा और किस किया। फिर वो मेरे होठों को अपने होठों से भींचने लगी। मैंने भी अपना हाथ उसकी चूचियों पर रख दिया, उसने मुझे बढ़ावा दिया, “दबाओ, ज़ोरों से दबाओ।”
दूसरा हाथ मैंने उसकी नाइटी में डाल दिया और ऊपर ले जाने लगा, उसने पैन्टी नहीं पहन रखी थी। उसने फटाफट मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरा ८ इन्च का लण्ड चूसने लगी। उसने भी अपनी नाईटी उतार दी। उस समय क्या लग रही थी वो!
फिर उसने अपनी चूत चाटने को कहा, मैंने उसकी चूत चाट-चाट कर लाल कर दी, वो गर्म हो चुकी थी। उसने कहा कि शक्ति अब मुझसे सहा नहीं जाता, चोद दे मुझे, प्लीज़ मुझे चोद दो। फिर मैंने अपना लण्ड उठाकर उसको चोदा। वो चीखती रही… हाय!!!!!! और चोद मेरे राजा…!!!! मैं उसकी चूचियों को खूब दबाता… तो वो और चीखती अ्अअअअ्अअअअआआआआहह्ह्ह्ह्हह्हहहह आआआआआहहहहह… और फिर करीब ३० मिनट के बाद हम दोनों झड़ गए।
उसने मुझे प्यार से गले लगाया और स्मूच्च किया। इसके बाद तो मुझे गिनती भी याद नहीं कि मैंने उसे कितनी बार चोदा।

मेरी प्याशी चूत को फाड़ दो


मैं नीषा हूँ. मेरी उमर २१ साल, रंग गोरा, बोडी एक दम सलीम है. मेरी शादी १ साल पहले सुनील के साथ हूई है. सुनील की उमर २३ साल की थी. सुनील के अलावा घर पर कोई नहीं रहता. मैं सेक्स में बहुत
रुची रखती हूँ. मैंने अपनी लाइफ के बारे में जो ख्वाब देखे थे वो सभी ख्वाब सुनील से शादी करने के बाद टूट गए. सुनील का लंड (पेनिस) बहुत ही छोटा था और उस से मेरी भूख शांत नहीं होती थी.


शादी के बाद जब मैं ससुराल पहुची तो मैंने देखा की एक आदमी एक दम नंगा ही पागलों की तरह हमारे घर के आस पास चक्कर लगता रहता था. दीखने में वो गठीले बदन का सुंदर नौजवान था और कीसी
अच्छे परीवार का लगता था. उसकी उमर लगभग २६-२७ साल की रही होगी. मैंने सुनील से उस पागल के बारे में पूछा तो वो बोले ये तो बहुत दीनो से यहीं आस पास ही घूमता रहता है. मेरे घर के आस पास
बहुत सरे जंगली पेड और पौधे थे जीस से कोई भी आदमी gate के बहार से हमारे घर को आसानी से नहीं देख सकता था. वो जब हमारे घर के आस पास होता तो मैं हमेशा छुप छुप कर उसके लंड (पेनिस) को देखती रहती थी क्यों की उसका लंड (पेनिस) ढीला रहने पर भी लगभग ८” लम्बा और बहुत ही मोटा था. मैंने सोचा की काश एक बार मैं उसके लंड (पेनिस) को अपने हाथो से पकड़ कर देख सकती.

मैं हमेशा सोचा करती थी की काश सुनील का लंड (पेनिस) भी लम्बा और मोटा होता क्यों की सुनील का लंड (पेनिस) लगभग ४” लम्बा और बहुत ही पतला था. मुझे उनसे चुदवाने में बिल्कुल भी मज़ा नहीं आता था. वो पागल रात को हमारे compound में आ जता था और पूरी रात घर के मैं दरवाज़े के पास बैठा रहता था. ये Un दीनो की बात है जब सुनील १५ दीनो के लीये बंगलोर चले गए. उनके जाने के दुसरे दीन रात के ८ बजे के आस पास वो पागल हमारे घर के दरवाजे के पास आ कर बैठ गया. जब वो रात को आ कर बैठ जता तो वो फीर सुबह ही वहाँ से वापस जता था. मैंने सोचा आज उस से कुछ बात करके देखती हूँ. मैंने डरते हुये दरवाज़ा खोला और उस से पूछा खाना खाओगे. उस ने अपना सीर हाँ में हीला दीया. मैं खाना ले आयी और जब वो खाना खा चूका तो उसने इशारे से पानी माँगा. मैंने उसे पानी लाकर दीया. पानी पीने के बाद वो चुपCity Requiem, Calcutta: Gender And The Politics Of Poverty
चाप बैठा रह. मौका अच्छा था मैं उसके बगल में बैठ गयी. मैं तो उसके लंड (पेनिस) को अपने हाथ में लेकर देखना चाहती थी. मैं ये भी देखना चाहती थी की उसका लंड (पेनिस) खड़ा होने के बाद कीतना
लम्बा और मोटा हो जता है.

मैंने अपना हाथ उसके जांघों पर रख दिया. वो कुछ नहीं बोला तो मैं अपना हाथ उसके जांघ पर फीराने लगी. वो फीर भी कुछ नहीं बोला तो मैंने अपना हाथ धीरे धीरे उसके लंड (पेनिस) की तरफ बढ़ा दीया. वो फीर भी कुछ नहीं बोला. अब मेरी उंगलियाँ उसके लंड (पेनिस) को touch कर रही थी. मेरे बदन में सुरसुरी सी होने लगी तो मैंने अपनी ऊँगली उसके लंड (पेनिस) पर फीरनी शुरू कर दी. जब वो फीर भी कुछ नहीं बोला तो मैंने अपने हाथों से उसके लंड (पेनिस) को पकड़ लीया. मैं धीरे धीरे उसका लंड (पेनिस) सहलाने लगी तो वो मुझे घूर घूर कर देखने लगा. उसकी आंखों में भी सेक्स की प्यास एक दम साफ दीख रही थी. थोड़ी ही देर में उसका लंड (पेनिस) खड़ा होने लगा. उसका लंड (पेनिस) tight होने के बाद लगभग १०” लम्बा और बहुत ही ज्यादा मोटा हो गया.

मैं उसके लंड (पेनिस) के साइज़ को देखकर जोश के मारे पागल सी होने लगी और थोड़ी ही देर में मेरी चुत एक दम गीली हो गयी. मुझे अब गलत या सही का कोई होश नहीं रह गया था. मैंने सोचा अगर मैं इस पागल से चुदवा लूं तो मुझे कोई कुछ भी नहीं कह सकेगा. अगर मुझसे कोई कुछ कहेगा तो कह दूँगी की इस पागल ने मेरे साथ जबरदस्ती कीया है. मैंने सोच लीया की आज मैं इस पागल से चुदवा कर रहूंगी भले
ही मेरी चुत का हाल कुछ भी हो. मैं उस पागल का हाथ पकड़ कर घर के अन्दर ले गयी. उसे देख कर लग रह था जैसे उसने कभी नहाया ही ना हो. मैं उसे बाथरूम में ले गयी और उसे एक साबुन देते हुये
नहाने को कहा. मैं खडी रही और वो नहाने लगा. जोश के मारे मेरी चुत फीर से गीली होने लगी. नहाने के बाद उसका गोरा बदन एक दम नीखर आया. उसका लंड (पेनिस) भी बहुत गोरा था. जब वो नहा चूका तो मैं
उसे बेडरूम में ले गयी. मैंने उसे बेड पर बिठा दिया. वो कुछ भी नहीं बोल रह था.

मैंने पूछा तुम गूंगे हो क्या तो उसने अपना सीर हाँ में हीला दिया. मैंने सोचा की ये तो और अच्छी बात है की ये गूंगा है और कीसी से कुछ भी नहीं कहेगा. मैं बेड पर उसके बगल में बैठ गयी. मैंने उसके लंड (पेनिस) को फीर से सहलाना शुरू कर दिया तो थोड़ी ही देर में उसका लंड (पेनिस) खड़ा हो कर एक दम tight
हो गया. मैंने सोचा ये तो पागल है. अगर मैं इस से चोदने के लीये कहा तो कहीँ ये जबरदस्ती अपना पूरा का पूरा लंड (पेनिस) एक झटके से ही मेरी चुत में ना घुसा दे नहीं तो मेरी चुत फट जायेगी.
मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और अपने सरे कपडे उतर दिए. वो मेरे गोरे बदन को घूर घूर कर देखने लगा. मैंने उसके बगल में बैठ गयी और उसके लंड (पेनिस) के सुपडे पर अपनी जीभ फीराने लगी. वो जोश
में आ कर आहें भरने लगा. थोड़ी देर बाद मैंने उस से पूछा, मेरी चुत को चाटोगे तो उसने अपना सीर हाँ में हीला दिया. मैं उसके ऊपर ६९ की पोसिशन में लेट गयी और मैंने उसका लंड (पेनिस) अपने
मुह में ले कर चूसना शुरू कर दिया. वो अपनी उँगलियों से मेरी clitoris को मसलते हुये बडे प्यार से मेरी चुत को चाटने लगा. मैं समझ गयी की वो कीसी औरत को चोदने का पुराना खिलाडी है.

थोड़ी देर तक मेरी चुत को चाटने के बाद उसने अपनी बीच की ऊँगली मेरी चुत में घुसा दी और मेरी चुत के G-स्पॉट को रगड़ने लगा. मेरे सारे बदन में आग सी लगने लगी और मैंने उसके लंड (पेनिस) को तेजी के साथ चूसना शुरू कर दिया. वो मेरे G-स्पॉट को रगड़ता रह और मैं जोश से पागल सी होने लगी. फीर २ मं में ही मैं झाड़ गयी. उसके बाद मैं उसके ऊपर से हट गयी और ढ़ेर सारी cream लाकर उसके लंड (पेनिस) पर लगा दी और थोड़ी cream अपनी चुत में भी लगा ली. Cream लगाने के बाद मैं फीर से उसके ऊपर आ गयी. जैसे ही मैंने उसके लंड (पेनिस) के सुपडे को अपनी चुत की छेद पर रखा तो उसने मेरा सीर पकड़ कर अपनी तरफ खीच लीया और बडे प्यार से मुझे चूमने लगा. उसके होठ एक दम गरम थे.

मेरे सारे बदन में सिहरन सी दौड़ गयी. थोड़ी देर तक मैंने अपनी चुत को उसके लंड (पेनिस) के सुपडे पर राग्डा फीर उसके बाद मैंने अपनी चुत को उसके लंड (पेनिस) पर थोडा सा दबा दिया तो मेरे मुह से हलकी सी चीख नीकल गयी और उसके लंड (पेनिस) का सुपडा मेरी चुत में घुस गया. मुझे दर्द होने लगा तो मैंने उसके लंड (पेनिस) का सुपडा अपनी चुत से बहार नीकल दिया और अपनी चुत को फीर से उसके लंड (पेनिस) पर रगड़ना शुरू कर दिया. वो बडे प्यार से मेरी पीठ को सहलाता हुआ मुझे चूमने लगा. थोड़ी देर बाद जब मेरा दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने अपनी चुत को उसके लंड (पेनिस) के सुपडे पर फीर से थोडा सा दबा दिया. उसके लंड (पेनिस) का सुपडा फीर से मेरी चुत में घुस गया लेकिन इस बार मुझे ज्यादा दर्द
नहीं हुआ. मैंने अपनी चुत को जैसे ही थोडा सा और दबाया तो मेरे मुह से चीख नीकल पडी. अब उसका लंड (पेनिस) मेरी चुत में लगभग २” तक घुस चूका था. मेरी टांगें थार-थार कांपने लगी. मेरी धड़कन
बहुत तेज चलने लगी. लग रह था की कोई गरम लोहा मेरी चुत को चीरता हुआ अन्दर घुस रह हो. मैं रूक गयी. थोड़ी देर बाद मैंने धीरे धीरे अपनी चुत को उसके लंड (पेनिस) पर ऊपर निचे करना शुरू कर
दिया. जब मेरा दर्द फीर से कुछ कम हुआ तो मैंने थोडा सा जोर और लगा दिया. मैं फीर से चीख उठी और उसका लंड (पेनिस) मेरी चुत में ३” तक घुस गया.Hoodie Mens Black " SAVE India KEEP SEX " Countries Large

मैंने फीर से अपनी चुत में उसके लंड (पेनिस) को धीरे धीरे अन्दर बहार करना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद जब मेरा दर्द कुछ कम हुआ तो उसने मुझसे लेट जाने का इशारा कीया. मैं जोश से पागल हूई जा रही थी और उसके इशारे के बाद मैं उसके ऊपर से हट गयी और बेड पर लेट गयी. मैंने सोचा अब जो होगा देखा जाएगा. उसने मेरे चुताड के नीचे २ तकिए रख दिए. फीर वो मेरी टांगों के बीच आ गया और उसने मेरी चुत के बीच अपने लंड (पेनिस) का सुपडा रख दिया और मेरी टांगों को पकड़ कर दूर दूर फैला दिया. मैं दर रही थी की वो कहीँ जबरदस्ती ही अपना पूरा का पूरा लंड (पेनिस) मेरी चुत में ना घुसेड दे. उसने धीरे धीरे अपना लंड
(पेनिस) मेरी चुत के अन्दर दबाना शुरू कीया. उसका लंड (पेनिस) धीरे धीरे मेरी चुत में घुसने लगा. जैसे ही उसका लंड (पेनिस) लगभग ४” तक मेरी चुत में घुसा तो मैं चीखने लगी और वो रूक गया.
उसने अपने होठ मेरे होंठों पर रख दिए और मेरे बूब्स को मसलते हुये धीरे धीरे अपना लंड (पेनिस) मेरी चुत के अन्दर बहार करने लगा. अब मैं समझ गयी की वो जबरदस्ती अपना लंड (पेनिस) मेरी
चुत में नहीं घुसयेगा. थोड़ी देर बाद जब मैं झाड़ गयी तो उसने अपनी स्पीड थोडा तेज कर दी. थोड़ी देर बाद उसने एक हल्का सा धक्का लगा दिया तो मेरे मुह से आह नीकल पडी और उसका लंड (पेनिस) और
ज्यादा गह्रायी तक मेरी चुत में घुस गया. वो फीर से धीरे धीरे धक्के लगाने लगा. उसका लंड (पेनिस) अब तक मेरी चुत के अन्दर लगभग ५” तक घुस चूका था.

वो मुझे धीरे धीरे चोद्ता रह तो थोड़ी देर बाद मेरा दर्द जता रह और मुझे मज़ा आने लगा. ५ मं तक चुदवाने के बाद मैं फीर से झाड़ गयी. मेरे झड़ने के बाद उसने फीर से अपनी स्पीड बढ़ा दी. मुझे अब बहुत ही मज़ा आ रह था. मैंने अपना चुताड उठाना शुरू कर दिया था. मुझे चुताड उठा उठा कर चुद्वाता हुआ देखकर वो रूक गया और उसने धीरे धीरे अपना लंड (पेनिस) मेरी चुत के अन्दर और ज्यादा गह्रायी तक घुसना शुरू कर दिया. उसका लंड (पेनिस) भौत ही धीरे धीरे मेरी चुत को चीरता हुआ अन्दर घुसता जा रह था. जैसे ही उसका लंड (पेनिस) मेरी चुत के अंदर थोडा और घुसा तो मैं फीर से तड़पने लगी लेकिन इस बार मैं चीखी नहीं. दर्द के मारे मैंने अपने होठ जकड लीये. वो अपना लंड (पेनिस) धीरे धीरे मेरी चुत इमं घुसता रह. जब उसका लंड (पेनिस) मेरी चुत में लगभग ७” तक घुस गया तो मैं दर्द से तड़प उठी और मेरे
मुह से जोरदार चीख नीकल ही गयी. मेरी चीख निकलते ही वो रूक गया. थोड़ी देर तक रुकने के बाद उसने फीर से धीरे धीरे मेरी चुदायी शुरू कर दी. थोड़ी देर बाद जब मेरा दर्द फीर से कुछ कम हो गया
तो उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और मुझे तेजी के साथ चोदने लगा.

मैं जोश के मारे पागल सी हूई जा रही थी और जल्दी से जल्दी उसका पूरा का पूरा लंड (पेनिस) अपनी चुत के अंदर लेना चाहती थी. लगभग १० मं तक चुदवाने के बाद मैं फीर से झाड़ गयी. मेरे झाड़ जाने के बाद उसने फीर से अपना लंड (पेनिस) मेरी चुत में धीरे धीरे घुसना शुरू कर दिया. मेरी चुत अब तक एक दम गीली हो चुकी थी इस लीये इस बार उसका लंड (पेनिस) आसानी से मेरी चुत के अंदर धीरे धीरे घुसता जा रह था. मैंने अपने होठ जोर से जकड रखे थे. उसका लंड (पेनिस) मेरी चुत को चीरता हुआ अंदर घुसता ही जा रह था. थोड़ी देर बाद जब उसका लंड (पेनिस) मेरी चुत में लगभग ९” तक घुस गया तो मैं तड़प उठी और मेरे मुह से फीर एक चीख नीकल पडी. इस बार वो रुका नहीं. उसने अपना लंड (पेनिस) आधे से ज्यादा मेरी चुत से बहार खीचा वापस बहुत ही जोरदार धक्के के साथ मेरी चुत में घुसेड दिया. मेरे मुह से बहुत ही जोरदार चीख निकली. उसने ४-५ बहुत ही जोरदार धक्के लगा दिए तो उसका पूरा का पूरा लंड (पेनिस)
मेरी चुत में घुस गया. पूरा लंड (पेनिस) मेरी चुत में घुसा देने के बाद उसने मेरी चुदायी शुरू कर दी. मैं दर्द के मारे चीखती रही लेकिन मैंने उसे मन नहीं कीया.

थोड़ी देर बाद मेरा दर्द एक दम कम हो गया तो मैंने चुताड उठा उठा कर उसका साथ देना शुरू कर दिया. उसने अपनी स्पीड और तेज कर दी. लगभग १० मं तक चुदवाने के बाद मैं फीर से झाड़ गयी. उसने अपनी स्पीड और तेज कर दी. वो मुझे तेजी के साथ चोद्ता रह और मैं एक दम मस्त हो कर उस से चुदवा रही थी. अब वो इतने जोर जोर के धक्के लगा रह था की उसका हर धक्का मुझ पर भरी पड़ रह था. उसके हर धक्के के साथ मेरे बदन के सारे जोड़ हिल रहे थे. मेरी चुत में अब ज्यादा दर्द नहीं हो रह था. मुझे चुदवाने में आज जो मज़ा पहली पहली बार मिल रह था उसके आगे ये दर्द कुछ भी नहीं था. लगभग १५ मं और चुदवाने के बाद जब मैं झाड़ गयी तो उसने अपना लंड (पेनिस) मेरी चुत से बहार नीकल लीया. मैं उस से पूछा, अब क्या हुआ तो उसने इशारे से मुझे doggy स्टाइल में होने को कहा. मैं doggy स्टाइल में हो गयी. वो मेरे पीछे आ गया और उसने धीरे धीरे अपना पूरा का पूरा लंड (पेनिस) मेरी चुत में घुसा दिया. इस बार मुझे ज्यादा दर्द नहीं हुआ.

उसके बाद उसने मेरी क़मर को पकड़ कर मेरी चुदायी शुरू कर दी. इस बार वो बहुत ही तेजी के साथ मुझे चोद रह था. सारा बेड जोर जोर से हिल रह था. मेरी जोश भरी सिस्कारियां रूम में गूज रही थी और वो जम कर मेरी चुदायी कर रह था. थोड़ी देर बाद उसने मेरी क़मर को छोड़ दिए और अपने दोनो हाथों से मेरे दोनो निप्प्लेस को मसलते हुये मुझे चोदने लगा. मं एक दम मस्त हो चुकी थी. अब तक मुझे चुद्वाते हुये लगभग ४५ मं हो चुके थे और वो था की झड़ने का नाम ही नहीं ले रह था. वो मुझे एक दम आंधी की तरह चोद्ता रहा. लगभग १ घंटे के बाद उसने रूक रूक कर जोर जोर के धक्के लगाने शुरू कर दिए तो मैं समझ गयी की अब वो भी झड़ने वाला है.

मैं भी बस झड़ने ही वाली थी. २ मं में ही मैं झाड़ गयी और मेरे साथ ही साथ वो भी झाड़ गया. उसके लंड (पेनिस) से ढ़ेर सारा जूस निकला जैसे की वो बहुत दीन बाद झाडा हो. लंड (पेनिस) का सारा का सारा पानी मेरी चुत में नीकल देने के बाद वो हट गया और लेट गया. मैंने उसके लंड (पेनिस) को चाट चाट कर साफ कर दिया. आज ज़िंदगी में पहली बार मुझे चुदवाने में बहुत ही मज़ा आया और मैंने भी एक दम मस्त हो कर उस से चुद्वाया. वो भी मुझे चोदने के बाद बहुत ही खुश दीख रहा था और लग रहा था की जैसे बरसों बाद उसके लंड (पेनिस) की प्यास बुझी हो. लगभग १ घंटे तक हम दोनो लेते रहे और एक दुसरे के बदन को सहलाते हुये होंठों को चूमते रहे. उसके बाद मैंने उसका लंड (पेनिस) फीर से चूसना शुरू कर दिया तो २ मं में ही उसका लंड (पेनिस) फीर से खड़ा हो गया.

इस बार मैंने उस से doggy स्टाइल में ही चुद्वाया. मरई चुत पहली बार की चुदायी में सूज गयी थी इस लीये मुझे फीर से थोडा थोडा दर्द होने लगा लेकीन थोड़ी देर बाद मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आया. उस ने भी इस बार मेरी जम कर चुदायी की.इस बार उसने मुझे लगभग १ १/२ घंटे तक बहुत ही बुरी तरह से चोदा और फीर झाड़ गया. इस बार की चुदायी के दौरान मैं ४ बार झाड़ गयी थी. झाड़ जाने के बाद उसने अपना लंड (पेनिस) मेरी चुत से बहार निकला और मेरी चुत को चाटने लगा. जब उसने मेरी चुत को चाट चाट कर एक दम साफ कर दिया तो उसने अपना लंड (पेनिस) मेरे मुह के पास कर दिया. मैंने भी उसके लंड (पेनिस) को बडे प्यार से चाटा और चाट चाट कर एक दम साफ कर दिया. मैंने उस से कहा, आज तुमसे चुदवाने में मुझे जो मज़ा आया है मैं उसे कभी भी नही भूल पाऊँगी. तुमसे चुदवाने में मेरी चुत में बहुत दर्द हो रहा है लेकीन मुझे तुमसे चुदवाने में जो मज़ा आया है उसके आगे ये दर्द कुछ भी नहीं है. वो चुप चाप उठा और kitchen में चला गया. थोड़ी देर बाद वो पानी गरम कर के ले आया और उसने बडे प्यार से मेरी चुत की ख़ूब सिकयी की. १५-२० मं की सिकयी के बाद मेरी छुआ का सारा दर्द जता रहा. उसके बाद वो मेरी बगल में लेट गया. थोड़ी देर बाद उसने टेबल पर से लैटर पड़ और पेन उठा लीया और कुछ लिखने लगा. मैंने अब जाना की ये तो पढा लीखा भी है. मैं चुप चाप देखती रही. थोड़ी देर बाद मैंने पूछा क्या लीख रहे हो तो उसने मुझे लैटर पड़ दे दिया. उसे पढने के बाद मैं सकते में आ गयी.Gibraltar - Male Climax Control Spray - Increased Stamina & Performance for Longer Lasting Pleasure - Reduce Premature Ejaculation Now!

उसने लीखा था की वो सुनील का सबसे बड़ा भाई रोहन है और property हड़पने के चक्कर में सुनील ने उसकी जुबान कट कर उसे पागल बाना दिया था जब की वो बिल्कुल भी पागल नहीं है. सुनील ने अपने मझले भाई सोहन का मुर्देर भी कर दिया था. उसने ये भी लीखा था की वो १२ तक पढा लीखा है. उसकी कहानी पढने के बाद मुझे सुनील से नफरत होने लगी. मैंने मन ही मन सोच लीया की अब मुझे सुनील के साथ नहीं रहना है. मैं मन ही मन रोहन से बहुत ज्यादा प्यार करने लगी. मैंने सोच लीया की रोहन भले ही गूंगा है, मैं उसी को अपना जीवन साथी बाना कर उस के साथ अपनी सारी ज़िंदगी गुजर दूँगी. सुनील के आने तक मैंने उस से ख़ूब चुद्वाया. उसने भी मेरी बहुत ही अच्छी तरह से चुदायी की. वो हर बार मुझे लगभग १ घंटे तक चोद्ता था और उस के पहले कभी नहीं झाड़ता.

मुझे भी उस से चुदवाने में बहुत बहुत मज़ा आता था और मैं एक दम मस्त हो कर उस से चुद्वाती थी. सुनील के आने के बाद एक दीन मैंने मायके जाने का बहाना कीया. सुनील ने कहा, ठीक है, चली जाओ लेकीन जल्दी वापस आ जाना. मैंने रोहन को बस स्टोप पर बुला रखा था. रोहन को लेकर मैं दुसरे शहर में चली गयी. उस के बाद मैंने सुनील से तलक ले लीया और रोहन के साथ शादी कर ली. मैंने एक ऑफिस में नौकरी कर ली. बाद में उसी ऑफिस में रोहन को भी नौकरी मील गयी. आज मैं रोहन के साथ बहुत ही खुश हूँ.

अंकल ने पूरा लण्ड चूत में घुसा दिया



मेरा नाम किरण है, मैं पंजाब की रहने वाली हूँ। मैं एक बहुत धनी परिवार से ताल्लुक रखती हूँ। मेरे पापा एक नामी बिज़नेस-मैन हैं और उनका एक दोस्त है जिनको मैं बड़े काका कहती हूँ। वैसे तो अमरीका में ही उनका सारा बिज़नेस है, उनका परिवार भी वहीं है, वो बिज़नस के सिलसिले में ही भारत आते।

इस बार वो आए तो वो पापा को चौंका देना चाहते थे तो वो बिना पापा को बताये ही भारत आ गए। मुंबई में अपनी मीटिंग में होकर कर के वो सीधा अमृतसर चले आए। हवाई अड्डे से बाहर निकल वहां से टैक्सी कर वो सीधा हमारे घर आ गए। पापा और माँ दोनों मेरी मासी की बेटी की शादी में पठानकोट गए हुए थे।

नौकर ने दरवाज़ा खोला और वो उनको अन्दर ले आया। मेरे पेपर चल रहे थे इसीलिए मैं और दादी घर रुक गए। दादी से मिलने के बाद उन्होंने जब पूछा- मां जी ! पुरुषोत्तम कहाँ है?

दादी ने बताया कि वो शादी में गए हैं। इतने में मैं भी बाहर आ गई, उनको देख मैं बहुत खुश हुई। मैंने उन्हें कमरा दिखाया और फ्रेश होने के बाद चाय वगैरा पिलाई।

बातों में समय क्या हो गया, पता ही नहीं चला। मां जी उनको बचपन से जानती थी। मुझे भी मालूम था कि वो विह्स्की के शौकीन हैं, आज पापा नहीं थे तो मैंने नेपाली को विह्स्की सर्व करने के लिए कह दिया।

काका बोले- तू कितनी बड़ी हो गई है !

दादी हंसने लगी और बोली- मैं बाथरूम जा कर आई !

तभी अंकल ने पैग पीते हुए कहा- तू भी बड़ी हो गई है और ऊपर से नीचे तक हर चीज़ में परफेक्ट निकली है !

उनकी यह बातें सुन मेरी चूत में कुछ होने लगा, मैं थोड़ा शरमा गई।

दादी बोली- भाई, में खाना लगवा रही हूँ!

मुझे तो खाना खा कर सोना है, तुम बातें करो !

अंकल की नज़रें बार बार मेरी चूचियों पे अटक जाती थी।

तीन पैग पीने के बाद अंकल ने कहा- कम्पनी नहीं दोगी?

नहीं अंकल ! मैं नहीं पीती !

आज पी लो थोडी !

नहीं अंकल ! मुझे पढ़ना है !

तभी उनका सेल बजा, वो फ़ोन पे बातें करने लगे। इस बीच दादी बोली- बेटा मुझे सुबह उठना है, मैं सोने चली ! तू खाना खा ले !

अंकल ने अपना पाँचवां पैग बनाया और इस बार मेरे साथ सोफ़े पे बैठते हुए बोले- लो ना एक पैग ! प्लीज़ ! कम ओन ! तुम जवान हो चुकी हो !

उनके ज़ोर देने पे मैंने ग्लास पकड़ा और एक दम सारा ख़त्म कर दिया। उन्होंने पास में पड़े चिप्स का टुकड़ा मेरे मुँह में डाल दिया।

कैसा लगा?

वो उठे और अब दो पेग बना लाये। मेरे मना करने पे अब वो बिल्कुल मेरे साथ सट कर बैठ गए, अपना हाथ मेरी जांघ पे रख दिया और अपने हाथ से पैग पिला डाला।

मुझे नशा होने लगा ! फ़िर अपना पैग भी मुझे पिला डाला !

मुझे नशे में करना उनका मकसद था। अब हाथ मेरी कमर से लिपट लिया दूसरे हाथ से मेरी छाती को दबा दिया। मैं गरम हो गई वहां से उठी, जल्दी से मेज़ पे बैठ थोड़ा खाना खाया और अपने कमरे में भाग आई। मैंने किताबें बंद कर साइड पे रख बत्ती बुझा कर चादर ले सोने की कोशिश करने लगी। अंकल की कामुक हरक़तें मुझे नींद नहीं आने दे रहीं थी।

१० मिनट बाद दरवाज़ा खुला अंकल अन्दर आए, बिजली का बटन ढूंढने लगे, तभी ट्यूब-लाईट जला कर उन्होंने कुण्डी लगा ली। मैं सोने की एक्टिंग कर रही थी। बेडलाइट जला कर, ट्यूब बुझा कर वो मेरे बिस्तर पर आए, मेरे ऊपर से चादर हटा कर बोले- जग जाओ किरण ! मुझे मालूम है कि तुम सो नहीं रही हो !
जब मैं कुछ न बोली तो उन्होंने अपने हाथ से मेरा पजामा खींच उतार डाला, फ़िर मैं पासा पलट के सो गई। वो मेरी पैन्टी के ऊपर से मेरे दोनों नितम्ब मसलने लगे। मुझे नितम्ब मसलवाने में बहुत मजा आ रहा था। अंकल ने मेरी पैंटी खींच के उतारी तो मैं उठ गई और उनके साथ लिपट गई।


उन्होंने मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए। दूसरे हाथ से मेरी चूत के दाने को रगड़ने लगे।

ओह्ह्ह यसऽऽऽऽऽ ! अंकल ! छोड़ो ! कुछ कुछ होता है ! प्लीज़ ! आप मुझसे कितने बड़े हो ! छोड़ दो मुझे ! मेरा दिल घबरा रहा है !

साली जवान हो गई है तू ! कह कर अंकल ने मेरी ब्रा ऊपर सरका दी और वो मेरे चूचुक चूसने लगे।

हाय ! क्या कर रहे हो अंकल !60 Lifestyles Condoms Variety Pack! CondomMan's Collection of the Best Lifestyles Condom Styles

अंकल बोले- मजा आया?

मैंने उनकी छाती में मुँह छुपा लिया, मैं शरमा गई।

अब मेरी ब्रा खोल फेंकी और खुले मैदान पर आराम से हाथ फेरते, सहलाते मेरा पूरा मम्मा अपने मुंह में डाल लिया।

तू अपनी माँ पे गई है ! वो बहुत सॉलिड माल है ! अभी पिछले दिनों जब अमरीका आई थी तो जम के चोदा था !

हाय अंकल ! मुझे छोड़ दो !

वो दबा दबा के मम्मे चूसते हुए मेरे निप्पल को काट देते।

अंकल बोले- रुक !144 Fake Rubber Cockroaches

बाहर पड़ी बोतल में बची दारू ग्लास में डाल लाये और बोले- यह लवली-लवली होगा !

आधे से ज्यादा मुझे पिला दिया और ६९ की हालत में आ कर मेरी चूत चाटने लगे। मैंने भी अब शर्म छोड़ दी, खुलके उनका लौड़ा अपने मुंह में डाल लॉलीपोप की तरह चूसने लगी।

हाय अंकल ! बहुत सॉलिड लण्ड पाल रखा है ! कितना बड़ा है !

बेटा, यह ९ इंच का होगा ! तू चूसती जा !

तेरी मां बहुत मजे देती है साली ! मुझे क्या पता था माँ की जगह बेटी मिलेगी ! हाय और चूस ! जुबान से चाट इसके सर को ! जुबान से चाट कमीनी ! कुतिया बन ! हाय !

मैं अब नशे में थी और कौन सा मैं पहली बार चूस रही थी। मेरा अंदाज़ देख कर अंकल बोले- लगता है तू माहिर है ! साली तेरी चूत भी बजी हुई है।

मुझे गरम करने के लिए ऐसी बातें करते हए बोले- कितनों से चुदी हो ?

अंकल ! तीन लड़कों से !

गाजर, मूली कितनी लेती हो?

कभी कभी !

अब उन्होंने मुझे सीधा लिटा कर मेरी जांघों के बीच में बैठ अपने लण्ड का अग्र भाग मेरी चूत के मुँह पे रख कर धक्का मारा, लेकिन उनका लण्ड इतना मोटा था कि अन्दर नहीं गया। वैसे भी मैंने साँस थोड़ी अन्दर खींच कर चूत को कस डाला ताकि उनको जोर लगाना पड़े।

वो बोले- चल साली साँस छोड़ ! तेरा बाप हूँ मैं ! मुझे बनाएगी !

फ़िर उन्होंने एक ज़ोर का झटका मार पूरा लण्ड मेरी चूत के अन्दर पेल दिया और तेजी से चुदाई करने लगे। इतनी तेज चुदाई इतनी उमर में !

लगता था सेक्स के मास्टर हों !

ओह ! ओह ! कर वो मेरे दोनों मम्मे दबा दबा के मेरी चूत मारने लगे। मैं नीचे से अपने कूल्हे उठा-उठा के उनका साथ दे रही थी। अंकल ! तेज ! बहुत अच्छा है आपका लण्ड ! आज तक मेरी ऐसे चुदाई नहीं हुई !

बोले- आ गई न रांड जुबान पे ! ले खा !

हाय ! खा जाउंगी !

फ़िर एकदम से लण्ड बाहर निकाल, मुझे उल्टा कर पीछे से मेरी चूत में डाल दिया और तेजी से चोदने लगे। साथ में अपनी ऊँगली मेरी गाण्ड में डाल गोल गोल घुमाने लगे। मैं चुदाई में इतनी दीवानी हो चुकी थी कि कब अंकल ने दो ऊँगलियाँ अन्दर डाल दी।

फ़िर अपना लण्ड मेरी चूत से निकाल लिया, मुझे उठाया, लण्ड सीधा खड़ा था, अंकल बोले- गोदी में आजा बेटे ! हमारी गोदी में खेल कर ही तू बड़ी हुई है !

उन्होंने मुझे अपनी जाँघों पर बैठाया और पदाच की आवाज़ के साथ लण्ड पूरा मेरी चूत में घुस गया, मेरे दोनों कूल्हों को नीचे से पकड़ के गोल गोल घुमाते हुए उछालने लगे। मेरे दोनों मम्मे बिल्कुल उन्के चेहरे पर के घिस रहे थे। उनके हाथ नीचे थे।

मैंने एक हाथ उनकी गर्दन मे डाल रखा था, दूसरे हाथ से ख़ुद अपना मम्मा पकड़ उनके होंठो से लगाते हुए उनके मुँह में डाल दिया। वो पूरा मम्मा चूसते, मैं ख़ुद बारी बारी दोनों मम्मों को चुसवा रही थी।

बहुत एक्सपर्ट है बेटी !

अंकल अब तेजी से उठा उठा के मारने लगे मेरी चूत। मम्मे मुँह में ले कर निप्पल पर काट देते !

अह ऽऽआह ! मैंने अब दूसरी बार पानी छोड़ दिया।

अंकल ने बिना लण्ड निकाले एक दम से ऐसी करवट ली कि मैं नीचे आ गई और वो फ़िर ऊपर !

फ़िर अंकल ज़ोर ज़ोर से हांफने लगे ! उनकी तेजी बढ़ गई ! तेज तेज धक्कों में एक दम स्टाप लग गया और उनका गरम माल मेरी कोख में छुटने लगा, जैसे कोई नहर बह रही हो ! पूरी चूत गीली करके भर दी ! अंकल मेरे ऊपर लुढ़क गए। मैंने जल्दी से लण्ड निकाला और घुटनों के पास बैठ कर मुँह में ले लिया, मुझे लण्ड का पानी पीना, चाटना पसंद है।

अंकल बोले- पहले कहती तो सारा मुँह में झाड़ देता !

मैंने चाट चाट के लण्ड साफ़ कर दिया और अंकल मेरे अंगों से खेलने लगे, बोले- किरण ! कहीं दारू पड़ी हो तो ला !

मैंने चादर लपेटी और लॉबी में बार से बोतल निकाल ली। हम दोनों ने दो दो मोटे पैग लगाये, मैं फ़िर से उनका लण्ड चूसने लगी। ६९ में आकर अबकी बार वो मेरी गांड चाटने लगे थूक डाल डाल के मेरी गाण्ड के छेद को ढीला करते हुए। उनका लण्ड तन के खड़ा मेरे मुँह में मस्ती कर रहा था। मैं ख़ुद उठ कर अंकल की जाँघों पर बैठ गई। पहले तो अपनी चिकनी गोरी जांघें उनकी जांघों से रगड़ने लगी, तभी ख़ुद ही उनके लण्ड को गांड के छेद पे रखते हुए उस पर बैठ गई और पूरा लण्ड अन्दर ले गई।

वो हैरानी से देख रहे थे, बोले- माल है तू ! घोड़ी बन जा !

इतना कह वो मेरे ऊपर छा गए, ताबड़तोड़ वार से मेरी गांड फाड़नी चालू की। मैंने रोका मगर वो नहीं रुके और फाड़ डाली मेरी गांड !

इस तरह झटकों से इस बार झड़ने के करीब आए तो मुंह में डाल दिया। मैंने मुठ मारते हुए उनका सारा माल अपने मुँह में ले लिया। उसके बाद उन्होंने पूरी रात मुझे ४ बार चोदा।

मैंने कहा- माँजी पॉँच बजे उठ जायेंगी !

ठीक साढ़े चार बजे वो अपने कपड़े पकड़ चादर लपेट गेस्ट रूम में चले गए। आंख खुली तो दोपहर के १२ बजे थे अंकल भी अभी तक सोये हुए थे। माँजी बोली- चाय दे आ अपने अंकल को !

मैं चाय देने गई, अंकल को उठाया, चाय साइड पे रख वो मुझे अपनी ओर खींचने लगे और गरम करने लगे।

दादी बाहर है !

अंकल बोले- चूस दे थोड़ा बस ! कपड़े नहीं उतारना ! नाड़ा खोल कर सलवार घुटनों तक सरका के डाल लूँगा। देखना डर की चुदाई में अलग ही मजा आता है ! रानी जब डर सा लगा हो तब !

उनकी बात सही थी, कपड़े पहने ही मुझे अलग फीलिंग आ रही थी। मैंने नाड़ा खोल कर सलवार घुटनों तक उतार दी। उन्होंने लोअर की जिप खोल लण्ड मुझे पकड़ा दिया। मैं सहलाने लगी, दो चार चूपे मारे और मुझे बेड के कोने पे ला उन्होंने डाल दिया और १० मिनट चोदने के बाद सारा माल निकाल दिया और एक दूसरे को चूमने चाटने लगे।

बाद में अंकल माँ जी से बोले- माँ जी ! अब मैं होटल रह लूँगा !

माँ जी बोली- बिल्कुल नहीं ! अगर पुरुषोत्तम को मालूम हुआ न तो वो हम दोनों की वाट लगा देगा ! तू अपना काम कर ! तू रात को घर आयेगा।

रात को अंकल ने ८ बजे मां जी को कहा कि वो आज लेट हो जायेंगे, खाना बाहर से ही खा के आएंगे, आप सो जाना, मैं ख़ुद दरवाज़ा खोल लूँगा।

मैं अंकल के कमरे में लेट गई और सिप कर कर के दारू पी रही थी। इंतजार में मैंने ३ पेग डाल लिए। तभी अंकल को कोई कार से छोड़ने आया, दोनों बातें करते हुए गेट बंद कर अन्दर आ गए। मैंने सोचा कि अंकल अकेले आयेंगे इसलिए मैं सिर्फ़ पैंटी टी-शर्ट में थी। अंकल बोले- यह मेरा पार्टनर है, बहुत बढ़िया चोदेगा।

वो दोनों मेरी तरफ़ बढ़े, बेड पे एक एक ओर से, दूसरा दूसरी ओर से।

अंकल मेरी जांघें सहलाते हुए बोले- इतनी खूबसूरत हसीन लड़की क्या चीज़ है यार गुप्ता ! अपनी माँ से ज्यादा आग लिए घूमती है।

ओह वो मेरे होंठ चूसने लगा। पास में बोतल देख अंकल बोले- पी ली?

चल एक एक पैग लगायें !

नशे मे मैंने कब उनका लण्ड निकाल चूसना शुरू कर दिया .....................

भाभी की चुदाई का पूरा मज़ा


मेरा नाम राजू है..अभी शादीशुदा हु 30 साल से ऊपर उमर है मेरी लेकिन चुदाई के बारे में मै पूरा तैयार हूँ…कहानी क़रीब ५ साल पहले की है. मेरे घर में मै माँ और पिताजी ही थे..मेरी उमर उस समय २५ साल की थी मेरा लंड ७.५ लंबा और २.५ इंच मोटा है..लेकिन मुझे सेक्स का कोई अनुभव नही था..हाँ मूठ मार लेता था..मै इंजीनियरिंग कर चुका था और अभी नौकरी के लिए प्रयत्न कर रहा था. एक दिन , सुबह ७:०० ऍम पर मै जब उठा और बाथरूम जा रहा था की घर की दरवाजे की घंटी बजी..खोल के देखा तो मेरी मामी का लड़का हिरा और उसकी बीवी रूचि आए है. माँ ने तुरंत देखा और कहा आओ आओ दोनों ने अपना समान अन्दर रखा और माँ को प्रणाम किया थोड़ी देर कुछ बात करने के बाद भाभी तुरंत किचेन में माँ के साथ काम करने लगी पिताजी बाथरूम से निकले और कपड़े पहन कर काम पर जाने के लिए तैयार हो गए.. ,तब हिरा और भाभी ने पिताजी को भी प्रणाम किया सबने मिल कर नाश्ता किया.फ़िर हिरा ने कहा की गाव में उसका कोई काम नही चल रहा है और घर की हालत ख़राब होती जा रही है इसलिए मौसी ने कहा है की शहर में जाकर कोई काम ढून्ढो…जब तक रहने का इंतज़ाम नही होता तब तक यहाँ रुकेंगे..अगर माँ पिताजी चाहे तो..माँ पिताजी दोनों ने कहा कोई बात नही..हमारा घर बड़ा है..एक कमरा उन्हें दे दिया मेरे बाजू वाला…और कहा पहले नौकरी देखो बाद में घर दूंढ लेना..नाश्ता करने के बाद हिरा भी फ्रेश होकर नौकरी की तलाश में निकल गया. . हिरा के जाने के बाद भाभी माँ के साथ घर के काम में लग गई मै स्नान करने बाथरूम में गया और तैयार होकर बाहर आया.भाभी मेरे साथ थोड़ी देर बैठ कर बाते करने लगी..थोड़ी देर में हमारी अच्छी दोस्ती हो गई..भाभी का रंग गोरा था.और चुन्चिया एकदम कसी हुयी..पतली कमर…गोल उभरी हुई गांड….कुल मिलाकर भाभी एक चोदने की चीज़ थी..लेकिन अभी मेरे दिमाग में ऐसा कुछ नही आया . मुझसे बात करते हुए वो काम भी कर रही थी.
शाम को हिरा वापस आया..उसे एक नौकरी मिल गई थी २०० रुपये रोज की. . दो दिन ऐसे ही बीत गए..मै उनके कमरे के बाजु वाले कमरे में ही सोता हु..दोनों कमरों के बीच की दीवार ऊपर से खुली है.. रात को दोनों के बीच झगड़ा होता था…भाभी की आवाज़ मैंने सुनी…तुम फ़िर से झड़ गए..मेरा तो कुछ हुआ ही नही…फ़िर से करो ना..लेकिन हिरा कहता था.तेरी चूत कोई घोडा भी चोदेगा तो ठंडी नही होगी..मुझे सोने दे..ऐसा दो रात हुआ..भाभी उठ कर बाथरूम जाती थी फ़िर बड़बढ़ाते हुए वापस आ कर सो जाती थी.. भैय्या कहते थे..तू बहुत चुदासी है..तुझे संतुष्ट करना मुश्किल है..ख़ुद ही अपने हाथ से आग बुझा ले.. तीसरे दिन , पापा और हिरा नाश्ता करके अपने काम पर चले गए मै लेता था..भाभी मेरे कमरे में आई और कहा की नाश्ता करने चलो..माँ शायद बाथरूम में थी..मैंने किचेन में जा कर नाश्ता करना शुरू किया.भाभी मेरे एकदम से क़रीब आई और बड़े प्यार से बोली विशु ..एक बात पूंछू ? मैंने कहा पूंछो ..भाभी बोली “किसी से बताओगे तो नही?” मैंने पूंछा ऐसी कौनसी बात है?और आप तो जानती हो मै चुगली नही करता. . भाभी फिर से बोली मै जानती हु लेकिन आप प्रोमिस दो आप किसी को नही बताएँगे मैंने कहा हाँ मै प्रोमिस देता हु.. तब भाभी ने धीरे से कहा मेरे और तुम्हारे भैय्या के लिए कोक शास्त्र ला दो., मैंने पूंछा ..क्यो? भाभी ने कहा तुम्हारे भाई को औरत की कैसे चुदाई की जाती है वो सीखना पड़ेगा वो मुझे संतुष्ट नही कर पता. मै ने कहा ठीक है मै ला दूंगा मै सुबह मार्केट में गया और एक बुक स्टोर से अच्छा कोक शास्त्र और दो चुदाई की कहानी की पुस्तक ले आया.घर आकर मैं ने चुदाई की पुस्तके पढी..मेरा लंड खड़ा हो गया..मैंने मूठ मारी..और पहली बार मुझे भाभी को चोदने का ख़्याल आया. कोक शास्त्र में चुदाई की कई तस्वीरे थी..फ़िर मैंने भाभी को तीनो पुस्तके दे दोपहर का खाना खाने के बाद भाभी वो पुस्त ले कर अपने कमरे में चली गई..पुस्तक पढते हुये वो गरम हो गई..मैंने दरवाजे से देखा वो अपने चूत में हाथ दल के मसल रही थी.. रात को डिनर के बाद १० :३० बजे सब अपने बेडरूम में सोने गए मै ड्राइंग रूम में बैठ कर भाभी और हिरा जो बात कर रहे थे वो सुन रहा था , हिरा ने भाभी की चुदाई की लेकिन उसे संतुष्ट नही कर सका और रोज की तरह जल्दी ही झड़ गया भाभी उसे समझाने की कोशिश कर रही थी लेकिन वो सुनता ही नही था, अपनी गलती मान ही नही रहा था.
आखिर में भाभी रूम से बाहर निकली और बाथरूम में गयी, अपनी चूत को साफ किया और फ़िर पनि साड़ी से चूत को पोंछते हुए , बाथरूम से जब वापस आयी तब मैंने हिम्मत कर के उन्हें रोका और भाभी का एक हाथ पकड़ के मेरे गरम लंड पर रखा., भाभी के खप से उसे पकड़ा और फ़िर प्यार से उस पर हाथ फेरने लगी और बोली यह तो बहुत बड़ा लंड है , मैंने कहा बड़ा ही नही मजबूत भी है..तुम्हे संतुष्ट कर सकता है..बड़े और मोटे लंड से ही चुदाई का असली मज़ा आता है., भाभी बोली शायद यही सच है.तुम क्या कर रहे हो..मैंने कहा मूठ मार रहा ऊँ..भाभी बोली मत मारो मै अभी रमेश के सोने के बाद तुमसे चुदवाने आऊंगी., ये कह कर वो मेरे लंड को थपथपा के जाने लगी..मैंने उनकी चुन्ची को दबा दिया..वो उईई.कर उठी..और फुसफुसाके बोली..थोड़ा सब्र करो..सब दूंगी..राज्जा..पूरी नंगी होके चुदवाऊन्गी और वो अपने कमरे में चली गई.. जाते ही हिरा बोला यह दूध में शक्कर डाला ही नही है जाके शक्कर मिला के ले आओ . भाभी बिना कुछ कहे वो दूध लेके बाहर आयी और मुझे इशारा कर के किचेन में बुलाया..मै उनके पीछे उनकी गांड से मेरा खड़ा लंड टिका के खड़ा हो गया..उन्होंने भी मेरे लंड पर अपनी गांड और चिपका दी..फ़िर बोली कोई नींद की गोली है ?Well Fuck You Then [Explicit]मैंने कहा बहुत है.. ममी पहले लेती थी मैंने दो गोली निकाल के दी भाभी ने दोनों गोली पीस के दूध में डाली और शक्कर डाल के फ़िर चम्मच से हिला के दूध तैयार किया फ़िर वो बोली मुझे तुम्हारा लंड दिखाओ , मैंने अपना पाजामा खोला और अपना मूसल बाहर निकला..उसक् ? सुपाडे के छेद से अब पानी निकल रहा था. उसने अब उसे हाथ में लिया..बाप रे ये तो दुगुना लंबा और मोटा है..मेरा ७.५ इंच लंबा और २.५ इंच मोटा लंड हाथ में लेने की कोशिश की..और कहा कितना सलोना है..और कितना तगड़ा है बहुत मोटा है ये..मेरी चूत फाड़ डालेगा..और झुक के मेरे लंड को चूमा और कहा मेरा इंतज़ार करो ऐसा बोल के दूध अपने साथ ले के वो बेडरूम में चली गयी.
मै अपने बेड पर आ के पाजामा खोल के सो गया..लंड को मै सहला रहा करीब २० मिनिट के बाद भाभी बेडरूम का दरवाजा खोल के मेरे रूम मे आई उसने आते ही मुझसे कहा विशु आज मेरी पूरी प्यास बुझा दो मेरी चूत को तुम्हारे मोटे लंड से तृप्त कर दो..मैंने भाभी को अपने बिस्तर पर मेरे ऊपर खीच लिया मै तो नंगा ही था, भाभी ने मेरे लंड को महसूस किया मै उन्हें चूमने लगा. उन्होंने फूस फुसते हुए कहा..इतना मोटा लंड मेरी चूत मे धीरे धीरे डालना . मै उन्हें चूमते हुए उनका ब्लाउज खोलने लगा.अंडा ब्रा ऍ ?ही पहना था शायद हिरा से चुदवाते हुए वो पहले ही खोल चुकी थी..मैंने उनकी साड़ी भी खोल के नीचे फेंक दिया..अब सिर्फ़ पेटीकोट मे थी वो..कितनी गोरी थी..मै उन्हें चूमे जा रहा था और चुन्चिया मेरे हाथो मे थे.Sexy Girls: How Hot Is Too Hot?.मस्त नरम मख्खन जैसी चुन्चिया थी..मैंने उनके पेट को सहलाते हुए नीचे चूत पर हाथ लगाया उफ़ लगा जैसे आग लगी है मैंने उनके चूची को आटा गूंथने जैसे मसला वो आह..ओह्ह.. कर रही थी लेकिन बहुत धीरे…फ़िर मैंने उनका पेटीकोट का नाडा खोल दिया और उसे नीचे खीच दिया..चड्डी भी नही थी..मैंने भाभी को मेरे बेड परलिटा दिया उफ़ क्या छोट थी पुस्तक मे कुंवारी लड़की की जैसी चूत थी ठीक वैसी ही चूत की दरार थी..मै तो पागल होने लगा..झुक कर चूत को चूमा..चूत गीली थी..मैंने दाने को ढूंढा उसे मसल दिया भाभी ऑफ़ कर उठी..फ़िर एक ऊँगली गीली चूत मे दाल दी..बहुत टाईट थी चूत..मेरी ऊँगली भी मुश्किल से जा रही थी..भाभी ने कहा अब मुझे पहले तुम्हारे लंड से च ोद दो.. .मैंने उन्हें और तडपाने के लिए अब मेरी जीभ चूत पर लगा दी और चूसने लगा अब भाभी बेचैन हो गई..अहह संजय..क्या कर रहे हो..आह्ह..इश..ओ माँ और जीभ चूत पर लगाने से उनकी चूत से और पानी निकलने लगा ..उन्होंने कहा पहले एक बार इस लंड को अन्दर दाल के चोद डालो..फ़िर बाद मे जो चाहे करना..मैंने कहा ठीक है..और मै उनके पैरों के बीच बैठ गया.मैंने देखा उनकी चूत का सूराख बहूत छोटा है..पास ही टेबल पर फेयर न लवली करें का नया ट्यूब था उसे मेरे लंड पर अच्छे से लगाया..और ऊँगली से भाभी के सूराख पर भी.., भाभी ने अपने पैर अच्छे से फैला दिए मैंने अपना लंड चूत पर रखा..भाभी ने तुरंत लंड हाथ मे पकड़ लिया और अपनी चूत पे रगड़ने लगी If Your Momma Don't Shut the Fuck Up I'm Gonna Shoot The Bitch [Explicit], थोड़ी देर के बाद मेरे लंड का सुपाडाअपने चूत के गुलाबी छेद पर रखा और फूसफुसाके बोली विशु ये इतना मोटा है तुम मेरी चूत का ख़्याल रखना..एकदम आहिस्ता आहिस्ता अन्दर डालो..मेरी चूत फाड़ मत देना…ये सुनकर मै और जोश म् ? आ गया..फ़िर भी मैंने लंड के सुपाड़े को अन्दर धकेला..और भाभी..उईई..माँ…कर के उछल पड़ी मैंने अब लंड को धीरे धीरे अन्दर घुसाने लगा लेकिन चूत बहुत टाईट थी..मैंने थोड़ा जोर लगाया और चुन्ची दबा के धक्का दिया आधा लंड अन्दर घुस गया और भाभी उछल पड़ी..मैंने देखा चूत से थोड़ा खून निकल आया..मै डर गया..मैंने पूंछा भाभी ज्यादा दर्द हो रहा है क्या.
भाभी ने कहा तुम फिकर मत करो अन्दर डालो पूरा..आह्ह मजा आ रहा है.Long Reach. Peter Cocks.लेकिन भाभी के चेहरे पर दर्द दिख रहा था..मैंने आधे घुसे लंड को अन्दर बाहर करना शुरू किया.थोड़ी देर में भाभी ने कहा और तेज ..और तेज.आह..और मै जोश में आ गया.मैंने लंड को बाहर खीचा और पुरी ताकत से अन्दर दाल दिया और इस बार भाभी जोर से चीखने जा रही थी लेकिन अपने ही हाथो को मुँह में डाला और काट लिया उनकी कलाई से खून निकल आया लेकिन वो अब कमर उछालने लगी थीं मुझे चिपक रही थीं..आह..ऊह्ह….विशु ..मै आने वाली हूँ..और जोर से..और…और फ़िर उन्होंने दो टिन झटके मारे और मुझसे चिपक गई..उनका पूरा बदन कांप रहा था पसीना निकल आया था और मेरे लंड पर भी बहुत गरम गरम लगा..उनका पानी..उन्होंने मेरा चुम्मा लिया और कहा….आज मेरी चूत पहली बार झड़ी है जिंदगी में..अब तुम जैसे चाहो चोदो मुझे..मैंने कहा तुम्हारी चूत से खून भी निकला है..उन्होंने कहा ..सच्च…मैंने अपना लंड निकल कर दिखाया..जो की लाल हो रहा था..वो मुझसे और जोर से लिपटी और कहा आज ही मै सही मायने में औरत बनी हूँ.. भाभी ने जिस तरह से चूत को झटके दिए उससे मै तो घबरा गया था..मै उनसे कुछ पूछने जा रहा था उन्होंने मेरा मुह हाथ से बंद किया और मेरा लंड वापस चूत में डालने का इशारा किया इस बार मैंने Two Old Womenलंड को एक झटके में अन्दर डाला..भाही ने फ़िर से कमर उछालना शुरू किया..शायद अभी पूरी झड़ी नही थी..मेरे लंड को चूत में कस लिया मै उनकी चूची चूसते हुए जोर से झटके मारने लगा“ भाभी ने कहा विशु ..बहुत मज़ा आया रहा है..तुम सच में अच्छा चोदते हो..और तुम्हारा ये मजबूत लंड आः..अब मुझे भी मेरे लंड में से कुछ निकलेगा ऐसा महसूस हो रहा था..लंड और कड़क हो के फुल रहा था..मैंने अब धक्को की स्पीड बड़ा दी मेरे धक्को से भाभी की चुचिया उछल रही थी..और ७-८ धक्को के बाद मैंने लंड को चूत की गहराई में पेल दिया और मेरे लंड से पिचकारियाँ निकलने लगी..एक निकली..दुसरी निकली..तीसरी..चौथी…और ऐसे क़रीब ७-८ मोटी धार की पिचकारी से भाभी की चूत पूरी भर गयी..मै उनके ऊपर ल???ट गया..वो मेरे बालों में हाथ फेरने लगी..फ़िर हमने एक दुसरे के होठों को बहुत जोर से चूमा.. ,क़रीब ५ मिनिट के बाद भाभी ने कहा अब लंड को बाहर निकाल लो..मै उठा और लुंड जो अभी भी आधा खड़ा था..उसे बाहर निकाला..पक्क की एक आवाज़ हुयी..और भाभी की चूत से मेरा लावा और खून दोनों बह कर चादर पर गिरने लगे , मैंने देखा पहले जो चूत सिर्फ़ एक पतली दरार दिख रही थी अब वो अंग्रेज़ी के “ओ” जैसी दिखने लगी थी , मैंने सोचा भाभी को अब हिरा का लंड बहुत ही छोटा लगेगा.
भाभी ने उठाते हुए आह्ह की आवाज़ की..मैंने अहिस्ता पूंछा क्या हुआ..उन्होंने कहा चूत चरपरा रही है.. मैंने उनका हाथ पकड़ कर खड़ा किया .. उसके बाद हम दोनों बाथरूम में गए..भाभी और मै दोनों नंगे ही थे.. बाथरूम में भाभी चूत साफ करने बैठी तो मैंने देखा और भी बहुत सा माल उनकी चूत से निकला..उन्होंने कहा..कितना माल निकाला है..हिरा का तो एक चम्मच ही गिरता है…ये तो क़रीब १० चम्मच है..फ़िर उन् होंने मेरे लंड को साबुन लगा के धोया..लंड फ़िर खड़ा होने लगा..मैंने कहा भाभी और एक बार…भाभी ने कहा..देखते है..फ़िर हम दोनों बेद पर आ कर लेट गए नंगे..और सो गए..थोड़ी देर मैंने उनकी चूची मसली चुम्बन किया..उनकी चूत सह्लायी..भाभी भी मेरे लंड को सहला रही थीBetter Sex Video: The Better Sex Guide to the Kama Sutra DVD.. एक घंटे के बाद फिरसे मेरा लंड खड़ा हुआ अब मैंने भाभी को जगाने लगा.. वो जाग गई थोड़ी देर चुम्बन के बाद मैंने भाभी से कहा..मेरा लंड चुसो न..उसने पहले मना किया फ़िर किस किया..मैंने भाभी को कहा चाटो..उन्होंने चाटना शुरू किया मैंने कहा सुपाडे को मुह में लो..,उसने कोशिश की..लेकिन पूरा नही ले पा रही थी….मैंने भाभी से कहा तुम अपनी चूत मेरे मुँह के ऊपर रखो..वो दोनों पैर फैला के मेरे मुह पर बैठ गई..मैंने उन्हें कहा मेरे लंड को झुक के मुँह में लो..उसने किया..और इस तरह चूत चटवाते हुए क़रीब १२-१३ मिनिट में वो उह.. आह्ह..और जोर से चाटो..जीभ मेरे अन्दर तक डाल दो..आह्ह..उनकी चूत से पानी निकल के मेरे गले और चहरे पर बहने लगा था..मै उनकी कुंवारी गांड के छेद को ऊँगली से टटोल रहा था..और भाभी..आह्ह..मेरा होने वाला है..विशु ..पूरी जीभ अन्दर डालो..और Long Reach. Peter Cocksभाभी ने चूत मेरे मुँह पर दबा दी और झटके मारने लगी..इस बार उन्होंने अपने चूत के पानी से म???रा पूरा मुह भिगो दिया…और बदन ऐँठ कर शांत हो गई..थोड़ा चूसने के बाद मैंने भाभी को चार पाया बनाया और पिछे से चूत में लंड डाला…इस बार क़रीब ३० मिनिट से ज्यादा मैंने भाभी को चोदा..वो बिस्तर पर पेट के बल लेट गई..लेकिन मै चोदता रहा.. इस दौरान भाभी और ३ बार झड़ी..फ़िर मै पीछे से ही भाभी की चूत में झड़ गया.. और उनके पीठ के ऊपर लेट गया और सामने हाथ डाल कर चूची दबाता रहा.
इस तरह आधा घंटा सोने के बाद हम लोग फ़िर नंगे ही बाथरूम में गए ..तब सुबह के चार बज रहे थे..बाथरूम में साफ होने के बाद वापस आके मैंने भाभी को नंगी ही पकड़ के .बहुत …चूमा .. मम्मे दबाये..फ़िर वो अपने कपड़े पहन कर बेड रूम में हिरा के पास चली गई.. अब तो मै भाभी को बहुत चोदता हू हपते में तीन चार रात तो भाभी मेरे ही बिस्तर पर रात गुजारती है, और चुदाई का पूरा मज़ा लेती है.

नन्दोई ने घोड़ी बनाकर चोदा


९ इंच लम्बा लंड पकड़ते ही मेरी चूत में खुज़ली होने लगी

ननदोई चूत फाड़ डालो आज

मेरा नाम पम्मी है। मैं पंजाब की रहने वाली हूँ। मेरी उम्र २२ वर्ष है। मेरी शादी आज से ठीक २ वर्ष पहले हुई थी। शादी के पहले मैंने अपने हर आशिक के साथ जिस्मानी ताल्लुक़ात बनाए। एक बार मम्मी ने मुझे रात को अपने घर की छत पर अपने पड़ोसी से चुदवाते हुए पकड़ लिया। यहाँ मैं जिक़्र करना चाहती हूँ कि पापा के पीछे से मैंने अपनी माँ को बहुत से गैर मर्दों के साथ हम-बिस्तर होते देखा और मेरी बड़ी बहन २ बार लड़कों के साथ भाग गई। दूसरे नम्बर वाली बहन अपने आशिक़ के साथ शादी करके चली गई। एक भाई है जिसे मम्मी ने हॉस्टल में रखा है। जिस बेटी ने बचपन से अपनी माँ को ग़ैर मर्दों की बाँहों में झूलते देखा हो वो लड़की बड़ी होकर वही सब करेगी ही।

जिस दिन मेरी माँ ने मुझे पकड़ा, वो कुछ कहती, उसके पहले मैंने कहा- तुम कौन सी दूध की धुली हो?

चलो दोस्तों, इसी वज़ह से मेरी शादी कर दी गई प्रदीप शर्मा के साथ। पहली रात वो दारू के नशे में धुत्त होकर आया। उसने मुझे कुछ ही पलों में नंगी करके अपना लौड़ा मेरे हाथ में दे दिया। लौड़ा देखकर मैं भी गरम हो गई। वो भी जल्दी मुझ पर सवार हो गया। उसका लंड सामान्य आकार का था। मेरे जैसी लड़की जिसने शादी के पहले मन-मर्ज़ी के हट्ठे-कट्ठे लड़कों के साथ चुदाई के मज़े लिए हों, उसके लिए छोटा ही था। उसके नशे ने मेरी पोल नहीं खुलने दी। मैंने झूठ-मूठ दर्द का नाटक किया और अपनी चूत को साँस खींच कस सा लिया। सुहागरात के बाद भी वो बिस्तर में दारू पी कर आता।

मेरी ननद पेट से है, और सासू माँ उसका ख़्याल रखती है, और मुझे बाँझ कह कर ताने मारती। ननद की वज़ह से ननदोई जी भी रोज़ रात को अपने कार्यालय से इधर ही आते, क्योंकि वो अकेले डिनर कहाँ से करते। उनका हमारे यहाँ आना मुझे बहुत भाता। उनकी नज़र भी शुरु से ही मेरे प्रति ख़राब थी। इसी बीच मेरे पति का आबूधाबी का वीज़ा आ गया। पापा ने उसको वहाँ काम दिलवा दिया और मुझे जल्दी साथ ले जाने को कह वो दुबई चले गए।

दोस्तों चाहे वो लण्ड छोटा था, लेकिन लण्ड तो लण्ड ही है, इसके बिना औरत शान्त नहीं होती। मैं भी प्यासी रहने लगी, बिस्तर पर करवट बदलती रहती। तभी एक रोज़ सासू-माँ ननद का चेकअप करवाने के लिए ले गई। ननदोई जी को ऊपर वाला हिस्सा दिया हुआ था। जब तक उनके बच्चा नहीं होता, दीदी ऊपर नहीं जाती थी। ननदोई जी को मैं सुबह में कॉफी दे कर आती थी। ननदोई जी का आकर्षण मेरी ओर बढ़ता जा रहा था, जिसकी वज़ह मैं भी थी और वो भी। दोनों एक-दूसरे की आँखों में कुछ-ना-कुछ तलाश से करते रहते। वासना की आग बराबर लगी ती। मैं भी अब ननदोई जी की हरक़तों को रोकती नहीं। जानबूझ कर गहरे गले की कमीज़ पहन उनको पानी वगैरह देती, और देते वक्त सामने झुक जाती। वो भी मुझे दिखाकर पैन्ट के ऊपर से ही लंड को खुजलाते। एक-दो बार रसोई में निकलते हुए मेरी चूचियाँ भी उन्होंने दबाईं।

एक शाम मम्मी ननद को चेक करवाने अस्पताल गईं थीं। इधर मैं अकेली थी। तभी ननदोई जी आए, मैं जानबूझ कर अपने बिस्तर पर लेट गई। अपनी कुर्ती को इस तरह सरका दिया, और ब्रा भी खोल दी जिससे मेरी क़हर ढाती प्यासी जवानी दिखने लगी। मेरे दोनों मम्मे साफ़ दिख रहे थे। तभी दरवाज़ा खुला और आवाज़ आई, "मम्मी !"

जब किसी ने उत्तर न दिया तो वो मेरे कमरे में पहुँचे और देखकर आवाज़ दी। मैंने सोने की ऐक्टिंग की।

वो कुण्डी चढ़ा कर मेरे बिस्तर पर बैठ गए, फिर आवाज़ दी। मैं चुप ही रही। वो आहिस्ते से मेरे पैरों की तरफ बैठ अपना हाथ मेरी जाँघों पर फेरने लगे। साथ में एक हाथ से मेरा मम्मा दबोच लिया और निप्पलों को चूसने लगे। सीईईईईई मैंने आँखें खोलीं और उनको अपने ऊपर गिरा लिया। अचानक से यह देख वो हैरान रह गए।

मैंने उनकी शर्ट उतार कर उनकी घने बालों से भरी छाती पर हाथ फेरते हुए काट लिया। वो मेरे होंठों को चूसने लगे। नीचे से ऊँगली से योनि के दाने को मसलने लगा। मैं पूरी तरह गरम पड़ी हुई थी। मैंने जल्दी से पैन्ट के ऊपर से लंड पकड़ लिया। उन्होंने तुरन्त पैंट और अण्डरवियार उतार दिया।

बाप-रे-बाप, ९ इंच लम्बा और ३ इंच मोटा साँवले रंग का लंड पकड़ते ही मेरी योनी में खुज़ली होने लगी। मैंने झट से उसका लंड बाहर निकाल और मुँह में भर कर चपड़-चपड़ करते हुए चूसने लगी। वो सीधे लेटे हुए अपने पाँव के अँगूठे से मेरी योनि मसलने लगे। फिर उन्होंने 69 में आकार बना कर अपनी पूरी ज़ुबान अन्दर डाल दी, बोले, "भाभी जी बहुत तड़पाया है आपने, आज मसल दूँगा आपके कोमल बदन को।"
मैंने कहा, "आपने भी कम नहीं तड़पाया है, दूर से इस लंड को खुज़लाते थे, वो भी इतना सॉलिड लम्ड। कितने दिनों से मेरे अन्दर कोई लण्ड नहीं गया है।"

मेरी कसी हुई गीली योनि को देख कर वह स्वयं को रोक नहीं पाए और बीच में बैठ लंड मेरी योनि पर रखते हुए धक्का मारा। थोड़ा दर्द हुआ, लेकिन मैंने भी दाँतों को भींचते हुए सब सह लिया, क्योंकि मैं एक खेली-खाई लड़की थी। पता था कि मज़ा तो मोटा लंड ही देता है। एक बार दर्द के बाद जो मज़े देगा, वह मैं अच्छी तरह से जानती थी। फिर उनका पूरा लंड योनि में डलवा लिया।
आह्ह्ह्हह्हहह ! दोस्तों ! इतना मोटा लौड़ा मैंने शादी से पहले नहीं लिया था। वेबसाईटों पर देखा था, क्या मर्द था वो, असली देसी घी खा-खा कर उसका सारा शरीर ही शक्तिशाली हो गया था। उनकी जाँघों में क्या दम था कि ज़ोर-ज़ोर से मुझे रौंदने लगे। दनादन मेरे मुँह से अचानक गन्दी बातें निकलने लगीं। मैं जब चुदती थी शादी से पहले, तब इन्हीं गन्दी बातों से मुझे और गर्मी मिलती। ओह... यस्स्स बहनचोद... मार हरामी... मार हरामी... तेरी औरत पेट से है ना। मुझे अपनी रंडी समझ... आह्ह्ह्हह्हहह उह्ह्ह्हहह उसने लौड़ा निकाल लिया। मुँह में डाल दिया। गीला लौड़ा मैंने चाट-चाट साफ़ कर दिया और लॉलीपॉप की तरह चूस के बिल्कुल एक नंगी कुतिया बन गई। बहुत दिनों से लौड़े की भूखी थी, भूल गई कि हमारा रिश्ता क्या है। बस दोनों के सिर पर चुदाई का भूत सवार था। थोड़ा चूसने के बाद जब मेरी योनि में लौड़े की प्यास बढ़ने लगी तो ननदोई जी को समझ में आ गया कि अब घोड़ी की तरह चुदने के लिए तैयार है।

मैं उनके सामने घुटने टेक घोड़ी बन गई और वो पीछे से मेरी योनि को फटाफट चोदने लगे। आहा... ननदोई जी फाड़ डालो आज इसको... कसम से मैं आपकी दीवानी थी। और मेरी बातें सुन-सुन कर वो और तेज़ी से लौड़ा आगे-पीछे करने लगे। वाह क्या लौड़ा था। माँ क़सम मान गई.. कई लड़कों ने मुझे चोदा था लेकिन ननदोई जी के तेज़ धक्कों से मैं पिघल चुकी थी, और मैं झड़ गई। लेकिन ननदोई जी असली मर्द थे, उन्होंने मुझे फिर से सीधा लिटा कर दोनों टांगों के बीच आसन लगा लिया। मेरी योनि उनके लौड़े की रगड़ सहन नहीं कर पाई, पर अभी उनका काम अभी कहाँ बना था,। उन्होंने मेरी दोनों टाँगें अपने कंधों पर रख कर मेरी गांड के छेद पर थूक लगा कर अपना लंड पेल दिया। ईईईईईई... कमीने यह क्या किया मररररर गई... उईईईई माँआआआआ.. पूरा लौड़ा अन्दर गया और फिर तेज़ धक्कों से अब मुझे मज़ा आने लगा, और मैं नीचे से गांड उठा-उठा कर चुदवाने लगी और वो भी मेरी इस हरक़त से झड़ने के क़रीब आए तो लंड योनि में डाल दिया और फिर उनके लौड़े ने मेरी कोख में पिचकारी मारी। उसके पानी से मैं दूसरी बार झड़ गई।

दोस्तों, उसके बाद मेरे और ननदोई जी मैं अवैध सम्बन्ध बन गए। वो जितने दिन रुके, जब भी माँ ननद के चेकअप या किसी काम से सासू-माँ अकेली जाती लेकिन ननद का पेट अधिक निकल आया, तो वह अपने कमरे में रहती, मैं और ननदोई मज़े लेते। और दोस्तों ठीक हफ़्ता पहले मेरे पैर भी भारी हो गए। सासु माँ खुश हैं। पति को फ़ोन पर उसने बताया, वह भी खुश है। लेकिन मैं और ननदोई जी जानते हैं कि बच्चा हम दोनों का है।

लण्ड अन्दर डालो, मैं बहुत सालों से प्यासी हूँ।





मैं हिमाचल में अभी रह रहा हूँ पर मैं हरयाणा से हूँ! मेरे पास होटल भी है और मैं बहुत ही कूल पॉइंट पे हूँ! मेरी उमर २७ साल है मैं जितना ही कम उमर का हूँ उतना ही बड़ा लंबा और चौड़ा हूँ। मैं अभी अविवाहित हूँ मैंने आज तक बहुत फुद्दी, गांड मारी है! पर जितना मज़ा बड़ी उमर की फुद्दी में है किसी में नहीं है!

ऐसे ही एक मेरी चाची मेरे से २० साल बड़ी मतलब कि वो ४७ की पर मैं २७ का, उसकी फिगर ३८ ३२ ४० थी! मैं ऐसे ही उनके घर चला गया। चाचा मेरे ड्यूटी करते थे, उनके ड्यूटी जाने के बाद एक दिन मैं सुबह अपनी चाची के साथ रसोई में काम करवा रहा था। उसके बूब्स मेरे साथ टकरा गए और मेरा लण्ड पूरा गर्म हो गया। इतने में मैं पूरा गरम हो गया। मेरी चाची ने देखा कि मेरे चेहरे का रंग पूरा लाल हो गया था मेरी चाची ने पूछा- क्या हुआ तुम्हें?

मैं एकदम चुप कर गया, मैंने बोला- मेरे को बाथरूम जाना है अभी।

मेरी चाची बोली- ठीक है।

जैसे ही मैं गया मैंने अपना लण्ड निकाला तो वो पूरा ८.५" का हो गया था। मेरी चाची वो सब कुछ बाथरूम की खिड़की से देख रही थी मेरे को नही पता था। जैसे ही उसने मेरे लण्ड को देखा वैसे वो ओहह्ह्ह्ह्छ आह्ह्ह्ह्ह्ह्छ करने लगी। मैं कुछ समझा नहीं कि यह आवाज़ें कहाँ से आ रही हैं। मेरा जैसे ही काम हुआ और मैं बाहर निकलने लगा तो देखा कि मेरी चाची ने अपनी बुर में ऊँगली डाली हुई थी और पूरी मस्ती में थी।

मैं चुपचाप देखता रहा, जब उसका काम हो गया तो मैंने बोला- चाची यह तुम क्या कर रही थी!

मेरी चाची ने बोला मेरे को कि इतना बड़ा लण्ड कभी नहीं मिला जो मैंने बाथरूम की खिड़की से तुम्हारा देखा।

मैंने बोला- चाची मैं ४ साल से तुम्हारी बुर के बारे में सोचता रहता था पर आज तुम मौके पर मिली हो, आज मैं तुम्हें नहीं बक्शूंगा! मैं उसे बिस्तर पर उठा के ले गया। उसकी ब्रा खुली तो कभी सोच नहीं सकता कि इतने बड़े मुम्मे होंगे। जैसे ही मैंने पकड़े मेरी चाची के मुम्मे, मेरा लण्ड ५ मिनट मैं दुबारा खड़ा हो गया। ऐसा चूसा मैंने चाची को कि आज भी वो अपनी दूसरी सुहागरात याद करती है। जैसे ही मैंने अपना लण्ड चाची की फुद्दी के साथ लगाया मेरी चाची बड़ी गरम हो गयी बोली- एक बार अन्दर डालो, मैं बहुत सालों से प्यासी हूँ।

जैसे ही मैंने डाला तो वो रोने लगी मैंने बाहर निकाला तो मेरे को बोली- अन्दर डालो! मैं एक अच्छा खिलाड़ी हूँ। २५+ उमर की फुदी का, कोहिनूर का एक्स्ट्रा टाइम कंडोम था।

मैंने चाची को तीन बार झाड़ दिया पर आखिरी मैं हार गया मेरा भी काम हो गया। वो चाची के साथ दिन आज भी मेरे याद आते हैं।

ऐसे ही बहुत फुदी मारी मैंने।
स्रोत -मस्ती ब्लास्ट

बहन की चूत फाड़ डाली


बहन के साथ सेक्स करना बुरा नहीं है अगर आप दोनों अपनी मर्जी से करते हैं क्योंकि हर इन्सान को खुश रहने का हक़ है।

मेरा नाम अमित है, मैं इंदौर का रहने वाला हूँ और मैं २० साल का हूँ। मैंने इतनी सारी कहानियाँ पढ़ी अन्तर्वासना पर तो मेरा भी मन किया कि मैं भी कुछ इन सब कहानियों से अनुभव ले कर कुछ करूँ क्योंकि मैंने तब तक सेक्स नहीं किया था किसी के साथ भी ! हालांकि इच्छा बहुत होती थी। पर मौका नहीं मिलता था और मैं जिस स्कूल में पढ़ता था वहाँ लड़कियाँ नहीं थी। जब मैंने कहानियाँ पढ़ी तो इसमें बहुत सी कहानियाँ सगे भाई-बहन की भी थी। पहले तो मैं यह सोचता था कि क्या ऐसा संभव है? पर ये सब कहानियाँ पढ़कर यकीं आने लगा और मैंने सोचा कि क्यों ना मैं भी कोशिश करूँ !It's Good to Be the King

मेरी बहन प्रियंका मुझसे ३ साल बड़ी है और वो बहुत सेक्सी है, 38-28-36 रंग गोरा। उसकी शादी नहीं हुई है। उससे मैं कभी भी फ्रैंक भी नहीं रहा था।

छः महीने पुरानी बात है। वो कभी रात को मेरे पास भी सो जाया करती थी तो मैंने एक दिन कोशिश की। जब वो रात को गहरी नींद में सो रही थी, उसने २ पीस वाला गाऊन पहना था और अन्दर ब्रा भी पहनी थी। रात के २ बजे की बात है, मैं उठा और कमरे की लाइट जला दी। प्रियंका सो रही थी, उसके वक्ष साफ दिख रहे थे। मुझे थोड़ा सा डर भी लग रहा था कि वो मुझे देख ना ले पर मैंने हिम्मत से उसके स्तन पर हाथ रखा, पहले गाऊन के ऊपर रखा। सच में ऐसा लग रहा था कि किसी गुब्बारे पे हाथ रख दिया हो। फिर मैंने उसके गाऊन के अन्दर हाथ से रखा। सच में ऐसा मज़ा आया कि जैसे मैं जन्नत से भी बहुत अच्छी जगह पे आ गया हूँ।Kama Sutra: A Tale of Love

मैंने धीरे-धीरे उसके स्तन दबाए और फिर दोनों हाथ से दोनों स्तन को दबाने लगा। सच में बहुत अच्छा लग रहा था मुझे। फिर मैंने उसके गुलाबी होठों को चूमा। आहा ! इतना मज़ा आया। फिर उसकी गर्दन पर चूमा। इतने में मुझे लगा कि शायद वो जाग गई है और सोने का नाटक कर रही है। मुझे इससे और हिम्मत मिल गई। मैंने उसका गाऊन नीचे से ऊपर किया, उसकी गोरी और चिकनी टांगें मुझे दिख रही थी।

इतने में वो उठ गई और बोल पड़ी- यह क्या कर रहा है तू ?

मैं डर गया और एक मिनट के लिए कुछ बोल ना सका। इतने में वो बोल पड़ी- तू रुक क्यों गया ? कर ना ! मैं कब से इस सब के लिए तड़प रही थी ! आजा ! आज हम ऐसा हनीमून मनाएँगे जो आज तक किसी ने ना मनाया होगा !

मुझे यह सुनकर बहुत मजा आ गया। फिर हम चूमा चाटी करने लग गए, एक दूसरे के होठों को चिपका कर एक दूसरे की जीभ से अन्दर ही अन्दर मज़ा कर रहे थे और मैं साथ में उसके स्तन भी दबा रहा था। फिर मैंने उसके गाऊन का ऊपर का कपड़ा उतार दिया। मुझे इतना अच्छा लग रहा था, उसको ऐसा मेरा देखना उसको भी बहुत अच्छा लग रहा था। वो सिसक सिसक कर बोल रही थी- मुझे प्यार कर ! मुझे प्यार कर !

उसका ऐसा कहने से मुझे जोश चढ़ रहा था और मेरा लण्ड बिल्कुल खड़ा हो गया। मैंने उसका गाऊन पूरा उतार दिया और अब वो सिर्फ पैन्टी और ब्रा में मेरे सामने थी और मैं सिर्फ चड्डी में ! मेरी चड्डी में से मेरा लण्ड साफ़ दिखाई दे रहा था। मेरी बहन ने मेरे चड्डी उतार दी और मेरे लण्ड को देखने लगी और एक दम से उसने मुँह में ले लिया और बरफ के लड्डू जैसा चूसने लगी।

मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था। वो मेरा लण्ड चूस रही थी और मैं उसके स्तन दबा रहा था। वो १५ मिनट तक उसको चूसती रही। फिर मैंने उसकी ब्रा और पैन्टी उतार दी और उसकी चूत को चाटने लगा। वो आऽऽ आऽऽ आ कर के सिसकने लगी और मुझे बोलने लगी- अब अन्दर डालो !

पर मैं इतनी जल्दी नहीं डालना चाहता था। मैं उसे और गरम करना चाहता था। मैं उसकी पूरी बॉडी को किस करने लगा, चाटने लगा। फिर मुझे कमरे में शहद की बोतल दिखी, मैंने उसे उठाया और उसके दोनों स्तनों पर और चूत पर डाल दिया और चेहरे पर भी और फिर उसके चेहरे को चाटने लगा जीभ से ! मुझे बहुत मजा आने लगा। फिर उसकी चूचियों को चाटने लगा क्योंकि मैंने शहद डाल दिया था इसलिए चूसने में बहुत मज़ा आने लगा और चूत को चाटने में सच में ऐसा आनंद आ रहा था कि सोचा अगर यह सब जीवन में ना किया होता और मैं मर जाता तो मेरा इस जीवन में आना व्यर्थ हो जाता।

फिर मेरी बहन इतनी गरम हो चुकी थी कि उससे रहा ना गया, उसने मेरे लण्ड को पकड़ के डालना चालू कर दिया। बस मैं इसी का इन्तज़ार कर रहा था। मैं तो पहली बार सेक्स कर रहा था पर शायद मेरी बहन किसी से करा चुकी थी। मैंने पूछा कि पहले किसके साथ सेक्स किया है तूने ?

उसने बोला- राहुल के साथ !

मैं भौंचका रह गया क्योंकि राहुल मेरी मासी का लड़का है।मैंने बोला- मजाक मत कर !

उसने कहा- मैं मजाक नहीं कर रही हूँ, रानू भी राहुल के साथ सेक्स करती है !

रानू राहुल की बहन है !

मैं बोला- क्या बात है ! चलो अच्छा है !

मैंने प्रियंका को बोला- क्या रानू को पता है कि तूने राहुल के साथ किया है?

उसना बोला- हाँ !

फ़िर मैंने उसको बोला- क्या रानू दीदी मेरा साथ करेंगी ?

उसने बोला- बिल्कुल करेगी !

मैं ख़ुशी से पागल हो गया क्योंकि रानू दीदी बिपाशा बसु से भी ज्यादा सेक्सी है, सेहत, कद और फिगर सभी में !

फिर मैंने प्रियंका को चोदना चालू कर दिया। मुझे भी थोड़ा सा दर्द हो रहा था अन्दर डालने में। और अब मैंने उसके पूरा अन्दर डाल दिया था। मुझे उसने कहा- धीरे धीरे अन्दर बाहर कर !

मैं वैसे ही करने लगा, मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा। साथ में मैं उसकी चूचियाँ दबा रहा था और चूम भी रहा था। फिर वो झ्ड़ने लगी और मैं भी ! तो मैंने अपना लण्ड बाहर निकालने की कोशिश की पर प्रियंका ने मुझे निकालने नहीं दिया और हम दोनों झड़ गए। मेरा वीर्य उसके अन्दर ही रह गया।

मैंने उसको बोला- अब क्या होगा ? आप प्रेगनेंट हो जाएंगी !

उसने बोला- डर मत ! सब गोली आती है, मेरी आदत है।

उसके बाद हम दोनों एक दूसरे से लिपट गए और किस करने लगे और फिर सो गए क्योंकि हमारा मम्मी पापा बाहर रहते थे, इसलिए हमे कोई डर नहीं था।

फिर सुबह बहन पहले उठ गई थी तो उसने उठते ही मुझे उठाया और उठते ही हमने एक बार फ़िर वही कियाजो रात में किया था।

हम दोनों बिल्कुल नंगे थे, मैंने उसको बोला- चल अपन साथ में नहाते हैं !

उसना बोला- बिल्कुल !

और साथ में नहाने का आनंद क्या है यह तो आपको पता ही है।

फिर उसने मुझे बोला- अपन दोनों अब आज के बाद पति-पत्नी जैसे रहेंगे !

मैंने बोला- क्यों नहीं ! LSD: Love, Sex Aur Dhokha Poster Movie Indian D (11 x 17 Inches - 28cm x 44cm)




साभार - अंतर्वासना

दीदी की गुलाबी चूत में लंड

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