xxx

अवयस्क इस साईट को ना देखे इसके लिए हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी घर के भीतर बने सेक्स रिश्तो की हिंदी कहानिया अपने अनुभव मेल करे

चल मादरचोद... घुसा दे अपना लण्ड


भाभी, भैया और मैं मुम्बई में रहते थे। मैं उस समय पढ़ता था। भैया अपने बिजनेस में मस्त रहते थे और खूब कमाते थे। मुझे तब जवानी चढ़ी ही थी, मुझ तो सारी दुनिया ही रंगीली नजर आती थी। जरा जरा सी बात पर लण्ड खड़ा हो जाता था। छुप छुप कर इन्टरनेट पर नंगी तस्वीरे देखता था और अश्लील पुस्तकें पढ़ कर मुठ मारता था। घर में बस भाभी ही थी, जिन्हें आजकल मैं बड़ी वासना भरी नजर से देखता था। उनके शरीर को अपनी गंदी नजर से निहारता था, भले ही वो मेरी भाभी क्यो ना हो, साली लगती तो एक नम्बर की चुद्दक्कड़ थी।
क्या मस्त जवान थी, बड़ी-बड़ी हिलती हुई चूंचियां ! मुझे लगता था जैसे मेरे लिये ही हिल रही हों। उसके मटकते हुये सुन्दर कसे हुये गोल चूतड़ मेरा लण्ड एक पल में खड़ा कर देते थे।
जी हां ... ये सब मन की बातें हैं ... वैसे दिल से मैं बहुत बडा गाण्डू हूँ ... भाभी सामने हों तो मेरी नजरें भी नहीं उठती हैं। बस उन्हें देख कर चूतियों की तरह लण्ड पकड़ कर मुठ मार लेता था। ना ... चूतिया तो नहीं पर शायद इसे शर्म या बड़ों की इज्जत करना भी कहते हों।
एक रात को मैं इन्टर्नेट पर लड़कियों की नंगी तस्वीरे देख कर लेटा हुआ लण्ड को दबा रहा था। मुझे इसी में आनन्द आ रहा था। मुझे अचानक लगा कि दरवाजे से कोई झांक रहा है... मैं तुरन्त उठ बैठा, मैंने चैन की सांस ली।
भाभी थी...
"भैया, चाय पियेगा क्या..." भाभी ने दरवाजे से ही पूछा।
"अभी रात को दस बजे...?"
"तेरे भैया के लिये बना रही हूँ ... अभी आये हैं ना..."
"अच्छा बना दो ... !" भाभी मुस्कराई और चली गई। मुझे अब शक हो गया कि कहीं भाभी ने देख तो नहीं लिया। फिर सोचा कि मुस्करा कर गई है तो फिर ठीक है... कोई सीरियस बात नहीं है।
कुछ ही देर में भाभी चाय लेकर आ गई और सामने बैठ गईं।
"इन्टरनेट देख लिया... मजा आया...?" भाभी ने कुरेदा।
मैं उछल पड़ा, तो भाभी को सब पता है, तो फिर मुठ मारने भी पता होगा।
"हां अ... अह्ह्ह हां भाभी, पर आप...?"
"बस चुप हो जा... चाय पी..." मैं बेचैन सा हो गया था कि अब क्या करूँ । सच पूछो तो मेरी गाण्ड फ़टने लगी थी, कहीं भैया को ना कह दें।
"भाभी, भैया को ना कहना कुछ भी...!"
"क्या नहीं कहना... वो बिस्तर वाली बात... चल चाय तो खत्म कर, तेरे भैया मेरी राह देख रहे होंगे !"
खिलखिला कर हंसते हुए उन्होंने अपने हाथ उठा अंगड़ाई ली तो मेरे दिल में कई तीर एक साथ चल गये।
"साला डरपोक... बुद्धू ... ! " उसने मुझे ताना मारा... तो मैं और उलझ गया। वो चाय का प्याला ले कर चली गई। दरवाजा बंद करते हुये बोली- अब फिर इन्टर्नेट चालू कर लो... गुड नाईट...!"
मेरे चेहरे पर पसीना छलक आया... यह तो पक्का है कि भाभी कुछ जानती हैं।
दूसरे दिन मैं दिन को कॉलेज से आया और खाना खा कर बिस्तर पर लेट गया। आज भाभी के तेवर ठीक नहीं लग रहे थे। बिना ब्रा का ब्लाऊज, शायद पैंटी भी नहीं पहनी थी। कपड़े भी अस्त-व्यस्त से पहन रखे थे। खाना परोसते समय उनके झूलते हुये स्तन कयामत ढा रहे थे। पेटीकोट से भी उनके अन्दर के चूतड़ और दूसरे अंग झलक रहे थे। यही सोच सोच कर मेरा लण्ड तना रहा था और मैं उसे दबा दबा कर नीचे बैठा रहा था। पर जितना दबाता था वो उतना ही फ़ुफ़कार उठता था। मैंने सिर्फ़ एक ढीली सी, छोटी सी चड्डी पहन रखी थी। मेरी इसी हालत में भाभी ने कमरे में प्रवेश किया, मैं हड़बड़ा उठा। वो मुस्कराते हुये सीधे मेरे बिस्तर के पास आ गई और मेरे पास में बैठ गई। और मेरा हाथ लण्ड से हटा दिया।
उस बेचारे क्या कसूर ... कड़क तो था ही, हाथ हटते ही वो तो तन्ना कर खड़ा हो गया।
"साला, मादरचोद तू तो हरामी है एक नम्बर का..." भाभी ने मुझे गालियाँ दी।
"भाभी... ये गाली क्यूँ दी मुझे...?" मैं गालियाँ सुनते ही चौंक गया।
"भोसड़ा के ! इतना कड़क, और मोटा लण्ड लिये हुये मुठ मारता है?" उसने मेरा सात इन्च लम्बा लण्ड हाथ में भर लिया।
"भाभी ये क्या कर रही आप... !" मैंने उनक हाथ हटाने की भरकस कोशिश की। पर भाभी के हाथों में ताकत थी। मेरा कड़क लण्ड को उन्होंने मसल डाला, फिर मेरा लण्ड छोड़ दिया और मेरी बांहों को जकड़ लिया। मुझे लगा भाभी में बहुत ताकत है। मैंने थोड़ी सी बेचैनी दर्शाई। पर भाभी मेरे ऊपर चढ़ बैठी।
"भेन की चूत ... ले भाभी की चूत ... साला अकेला मुठ मार सकता है... भाभी तो साली चूतिया है ... जो देखती ही रहेगी ... भाभी की भोसड़ी नजर नहीं आई ...?" भाभी वासना में कांप रही थी। मेरा लण्ड मेरी ढीली चड्डी की एक साईड से निकाल लिया। अचानक भाभी ने भी अपना पेटिकोट ऊंचा कर लिया। और मेरा लण्ड अपनी चूत में लगा दिया।
"चल मादरचोद... घुसा दे अपना लण्ड... बोल मेरी चूत मारेगा ना...?" भाभी की छाती धौंकनी की तरह चलने लगी। इतनी देर में मेरे लण्ड में मिठास भर उठी। मेरी घबराहट अब कुछ कम हो गई थी। मैंने भाभी की चूंचियाँ दबाते हुये कहा,"रुको तो सही ... मेरा बलात्कार करोगी क्या, भैया को मालूम होगा तो वो कितने नाराज होंगे !"
भाभी नरम होते हुए बोली," उनके रुपयों को मैं क्या चूत में घुसेड़ूगी ... हरामी साले का खड़ा ही नहीं होता है, पहले तो खूब चोदता था अब मुझे देखते ही मादरचोद करवट बदल कर सो जाता है... मेरी चूत क्या उसका बाप चोदेगा... अब ना तो वो मेरी गाण्ड मारता है और ना ही मेरी चूत मारता है... हरामी साला... मुझे देख कर चोदू का लण्ड ही खड़ा नहीं होता है !"
"भाभी इतनी गालियाँ तो मत निकालो... मैं हूँ ना आपकी चूत और गाण्ड चोदने के लिये। आओ मेरे लण्ड को चूस लो !"
भाभी एक दम सामान्य नजर आने लग गई थी अब, उनके मन की भड़ास निकल चुकी थी। मेरा तन्नाया हुआ लण्ड देख कर वो भूखी शेरनी की तरह लपक ली। उसका चूसना ही क्या कमाल का था। मेरा लण्ड फ़ूल उठा। उसका मुख बहुत कसावट के साथ मेरे लौड़े को चूस रहा था। मेरे लण्ड को कोई लड़की पहली बार चूस रही थी। वो लण्ड को काट भी लेती थी। कुछ ही समय में मेरा शरीर अकड़ गया और मैंने कहा,"भाभी, मत चूसो ! मेरा माल निकलने वाला है... !"
"उगल दे मुँह में भोंसड़ी के... !" उसका कहना भी पूरा नहीं हुआ था कि मेरा लण्ड से वीर्य निकल पड़ा।
"आह मां की लौड़ी... ये ले... आह... पी ले मेरा रस... भेन दी फ़ुद्दी... !" मेरा वीर्य उसके मुह में भरता चला गया। भाभी ने बड़े ही स्वाद लेकर उसे पूरा पी लिया।
भाभी बेशर्मी से अब बिस्तर पर लेट गई और अपनी चूत उघाड़ दी। उसकी भूरी-भूरी सी, गुलाबी सी चूत खिल उठी।
"चल रे भाभी चोद ... चूस ले मेरी फ़ुद्दी... देख कमीनी कैसे तर हो रही है !" तड़पती हुई सी बोली।
मुझे थोड़ा अजीब सा तो लगा पर यह मेरा पहला अनुभव था सो करना ही था। जैसे ही मुख उसकी चूत के पास लाया, एक विचित्र सी शायद चूत की या उसके स्त्राव की भीनी सी महक आई। जीभ लगाते ही पहले तो उसकी चूत में लगा लसलसापन, चिकना सा लगा, जो मुझे अच्छा नहीं लगा। पर अभी अभी भाभी ने भी मेरा वीर्य पिया था... सो हिम्मत करके एक बार जीभ से चाट लिया। भाभी जैसे उछल पड़ी।
"आह, भैया... मजा आ गया... जरा और कस कर चाट...!"
मुझे लगा कि जैसे भाभी तो मजे की खान हैं... साली को और रगड़ो... मैंने उसे कस-कस कर चाटना आरम्भ कर दिया। भाभी ने मेरे सर के बाल पकड़ कर मेरा मुख अपने दाने पर रख दिया।
"साले यह है रस की खान... इसे चाट और हिला... मेरी माँ चुद जायेगी राम... !" दाने को चाटते ही जैसे भाभी कांप गई।
"मर गई रे ! हाय मां की ... ! चोद दे हाय चोद दे ... ! साला लण्ड घुसेड़ दे !... मां चोद दे... हाय रे !" और भाभी ने अपनी चूत पर पांव दोहरे कर लिये और अपना पानी छोड़ दिया। ये सब देख कर मेरा मन डोल उठा था। मेरा लण्ड एक बार फिर से भड़क उठा।
भाभी ने ज्योंही मेरा खड़ा लण्ड देखा,"साला हरामी... एक तो वो है... जो खड़ा ही नहीं होता है... और एक ये है... फिर से जोर मार रहा है..."
"भाभी, मैंने यह सब पहली बार किया है ना... ! मुझे बार-बार आपको चोदने की इच्छा हो रही है !"
"चल रे भोसड़ी के... ये अपना लण्ड देख...साला पूरा छिला हुआ है... और कहता है पहली बार किया है !"
"भाभी ये तो मुठ मारने से हुआ है... उस दो रजाई के बीच लण्ड घुसेड़ने से हुआ है... सच...! "
"आये हाये... मेरे भेन के लौड़े ... मुझे तो तुझ पर प्यार आ रहा है सच ... साले लण्ड को टिका मेरे गाण्ड के गुलाब पर... मेरे चिकने लौण्डे !" भाभी ने एक बार फिर से मुझे कठोरता से जकड़ लिया और घोड़ी बन गई। अपनी भूखी प्यासी गाण्ड को मेरे लौड़े पर कस दिया।
"चल हरामी... लगा जोर ... घुसेड़ दे...तेरी मां की ... चल घुसा ना... !" मेरे हर तरफ़ से जोर लगाने पर भी लण्ड अन्दर नहीं जा रहा था।
"भोसड़ी के... थूक लगा के चोद ...नहीं तो तेल लगा के चोद... वाकई यार नया खिलाड़ी है !" और भाभी ने अपने कसे हुये सुन्दर से गोल गोल चूतड़ मेरे चेहरे के सामने कर दिये। मैंने थूक निकाल कर जीभ को उसकी गाण्ड पर लगा दी और उसे जीभ से फ़ैलाने लगा। भाभी को जोरदार गुदगुदी हुई।
"भड़वे... और कर... जीभ गाण्ड में घुसा दे... हाय हाय हाय रे ... और जीभ घुमा... आह्ह्ह रे... गाण्ड में घुसा दे...बड़ा नमकीन है रे तू तो !" उसकी सिसकारियाँ मुझे मस्त किये दे रही थी।
"भाभी ... ये नमकीन क्या ?" मैंने पूछा तो वो जोर से हंस दी।
"तेरे लौड़े की कसम भैया जी ... जीभ से गाण्ड मार दे राम ..." मैंने भी अपनी जीभ को उसकी गाण्ड में घुसा दी और अन्दर बाहर करने लगा। मैंने अपनी अपनी एक अंगुली उसकी चूत में भी घुसा दी। भाभी तड़प सी उठी।
"आह मार दे गाण्ड रे... उठा लौड़ा... मार दे अब...भोसड़ी के "
मैंने तुरंत अपनी पोजिशन बदली और और उसकी गाण्ड के पीछे चिपक गया और तन्नाया हुआ लण्ड उसकी गाण्ड की छेद पर रख दिया और जोर लगाते ही फ़क से अन्दर उतर गया।
"मदरचोद पेल दे... चोद दे गाण्ड ... साली को ... मरी भूखी प्यासी तड़प रही थी... चोद दे इस कमीनी को..."
मेरी कमर अब उसे चोदते हुये हिलने लगी थी। मेरा लण्ड तेजी से चलने लगा था। उसकी गाण्ड का छेद अब बन्द नहीं हो रहा था। जैसे ही मैं लण्ड बाहर निकालता, वो खुला का खुला रह जाता। तभी मैं जल्दी से फिर अपना लण्ड घुसेड़ देता... हां एक थूक का लौन्दा जरूर उसमें टपका देता था। फिर वापस से दनादन चोदने लगता था। बीच बीच में वो आनन्द के मारे चीख उठती थी। घोड़ी बनी भाभी की चूत भी अब चूने लग गई थी। उसमें से रति-रस बूंद बूंद करके टपकने लगा था। मैंने अपना लन्ड बाहर निकाल कर उसकी चूत में घुसेड़ दिया।
"भोसड़ी के ...धीरे से... मेरी चूत तो अभी तो साल भर से चुदी भी नहीं है... धीरे कर !"
"ना भाभी... मत रोको... चलने दो लौड़ा...। "
" हाय तो रुक जा ... नीचे लेट जा... मुझे चोदने दे अब..."
"बात एक ही ना भाभी... चुदना तो चूत को ही है..."
"अरे चल यार... मुझे मेरे हिसाब से चुदने दे...भोसड़ी तो मेरी है ना..." उसके स्वर में व्याकुलता थी।
मेरे नीचे लेटते ही वो मुझ पर उछल कर चढ़ गई और खड़े लण्ड पर चूत के पट खोलकर उस पर बैठ गई। चिकनी चूत में लण्ड गुदगुदी करता हुया पूरा अन्दर तक बैठ गया। उसके मुख से एक आह निकल पड़ी। अब उसने मेरा लण्ड थोड़ा सा बाहर निकाला और फिर जोर लगा कर और भी गहराई में उतारने लगी। हर बार मुझे लण्ड पर एक जोर की मिठास आ जाती थी। उसके मुँह से एक प्रकार की गुर्राहट सी निकल रही थी जैसे कि कोई भूखी शेरनी हो और एक बार में ही पुरा चुद जाना चाहती हो। अब तो अपनी चूत मेरे लण्ड पर पटकने लगी... मेरा लण्ड मिठास की कसक से भर उठा। उसके धक्के बढ़ते गये और मेरी हालत पतली होती गई... मुझे लगा कि मैं बस अब गया... तब गया...। पर तभी भाभी ने अपने दांत भींच लिये और मेरे लण्ड को जोर से भीतर रगड़ दिया और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। चूत की रगड़ खाते ही मेरी जान निकल गई और मेरे लण्ड ने चूत में ही अपना यौवन रस छोड़ दिया...
उसकी चूत में जैसे बाढ़ आ गई हो। मेरा तो वीर्य निकले ही जा रहा था... और शायद भाभी की चूत ने भी चुदाई के बाद अपना रस जोर से छोड़ दिया था। वो ऊपर चढ़ी अपना रस निकाल रही थी और फिर मेरे ऊपर लेट गई। सब कुछ फिर से एक बार सामान्य हो गया...
"भाभी आपकी चुदाई तो ..."
भाभी ने मेरे मुख पर हाथ रख दिया,"अब नहीं ... गालियाँ तो चुदाई में ही भली लगती है...अब अगली चुदाई में प्यारी-प्यारी गालियां देंगे !"
‘सॉरी, भाभी... हां मैं यह पूछ रहा था कि जब आप को मेरे बारे में पता था तब आपने पहल क्यों नहीं की?"
"पता तो तुझे भी था... मैं इशारे करती तो तू समझता ही नहीं था... फिर जब मुझे पक्का पता चल गया कि तेरे मन में मुझे चोदने की है और तू मेरे नाम की मुठ मारता है तो फिर मेरे से रहा नहीं गया और तुझ पर चढ़ बैठी और मस्ती से चुदवा लिया।"
"भाभी धन्यवाद आपको ... मतलब अब कब चुदाई करेंगें...?"
"तेरी मां की चूत... आज करे सो अब... चल भोसड़ी के चोद दे मुझे...! " और भाभी फिर से मुझे नोचने खसोटने के लिये मुझ पर चढ़ बैठी और मुझे नीचे दबा लिया और मुझे गाल पर काटने लगी। मैं सिसक उठा और वो एक बार फिर से मुझ पर छा गई...

मेरी बुर से खून आ रहा था, मैं गिड़ गिड़ाने लगी कि वह मुझे छोड़ दे

This summary is not available. Please click here to view the post.

इतना बड़ा लंड


मैं आपको एक बड़े मस्त और निराले व्यक्ति से मिलवाता हूँ नाम है इनका बल्लभ लेकिन लोग इन्हे प्यार से बल्लू कहते है आगे की सच्ची घटनाएँ इनके मुह से ही सुनिए :-
जी मैं बल्लू हूँ मैं जब १८/१९ साल का छोकरा था तो मेरा लंड हरदम खड़ा रहता था कुदरत ने मेरे लौडे में बड़ी ताकत भर दी है साला बड़ी मुश्किल से शांत होता था मेरा मामा मेरे से दो साल बड़ा था हमदोनो बड़े गहरे दोस्त है एक रात हो हम दोनों एक ही पलंग पर नंगे बदन नेकर पहन कर लेट गए रात को जब मेरी नीद खुली तो मैंने देखा की मामा का लौडा नेकर के अन्दर उछाल मार रहा है खैर कोई खास बात नही क्योंकि मेरा भी टन्ना रहा था मैं वापस आक़र सो गया थोडी देर में वह उठा उसने मेरा खड़ा लंड देखा और बाथ रूम से आक़र मेरे नजदीक लेट गया फ़िर धीरे से मेरी जांघो पर हाथ फेरने लगा इससे मेरा लौडा और टन्ना गया फ़िर उसने ऊपर से ही लंड पकड़ लिया मैं समझ तो गया लेकिन चुप रहा फ़िर धीरे से मेरी नेकर खोल दी मैं नंगा हो गया उसने लंड पकड़ा और मुठीयाने लगा ख़ुद भी नंगा हो गया थोडी देर में अपने लंड को मेरे लंड पर रगड़ना शुरू किया फ़िर दोनों को एक साथ मूठी में लेकर ऊपर नीचे करने लगा वह समझ गया कि मैं जग रहा हूँ और मुझे मज़ा आ रहा है बोला यार बल्लू तेरा लौडा तो मेरे से बहुत बड़ा है मैंने कहा नही मामा तेरा लंड साला कम नही है अभी तो और बड़ा होगा यह कहकर मैंने उसका पकड़ लिया इस तरह हम दोनों एक दूसरे के लंड का मज़ा लेने लगे यह मेरा पहला अनुभव था लेकिन बड़ा मजेदार इसके बाद तो हमने कई बार एक दूसरे के लंड से लंड लड़ाया एक दूसरे का चूसा सड़का लगाया एक दिन वह बोला बल्लू तुम मेरी गांड मारो मैंने कहा मुझे गांड मारना नही आता है मामा बोला मैं तुमको सिखा दूंगा देखो लंड को खड़ा करके मेरी गांड के छेड़ के पास रखो फ़िर धीरे धीरे अन्दर करो वह अपने आप घुसने लगेगा फ़िर अन्दर बाहर अन्दर बाहर करते रहो बस हो गया गांड मारना उस दिन मैंने वैसा ही किया उसे तो मज़ा आया लेकिन मुझे कुछ खास नही उसने कहा अब तुम झुको मैं तुम्हारी गांड मारूंगा मैंने कहा मामा मैं गांड नही मरवाऊँगा मामा ने कहा अच्छा कोई बात नही लेकिन मेरी मारते रहना इस तरह हम दो नो कई वर्षों तक मौज करते रहे


ऐसा करते करते मुझे भी गांड मारने का थोड़ा स्वाद लग गया कुछ बरसों के बाद मामा की शादी हो गयी हमारा मिलना जुलना बहुत कम हो गया अचानक एक दिन वह बोला यार बल्लू तुम आज रात को मेरे घर आना मैंने कहा क्या कोई खास बात है उसने उत्तर दिया कोई खास नही लेकिन आना जरूर खैर मैंने बात मान ली और उसके पास चला गया उस दिन मामा और उनकी बीवी के अलावा घर में कोई नही था मामा बोला बल्लू यार आज तुम मेरी बीवी को मेरे सामने चोदो मैंने कहा अरे यह तुम क्या कह रहे हो उसने जबाब दिया देख भई मैं तो चोदता ही हूँ लेकिन उसे ज्यादा मज़ा नही आता क्योंकि मैं देर तक ठहर नही पाता वह बिचारी कसमसा कर रह जाती है तुम्हारा लंड पाकर वह मस्त हो जाएगी यार अगर उसने मुझे लात मार कर निकाल दिया तो मेरी बेज्जती हो जाएगी न बिल्लू बोला नही भई वह चुदवाने के लिए तैयार है मैंने उसे सब बता दिया है तब मैं मान गया और कहा अच्छा ठीक है उस रात को जैसे ही मामी ने मेरा लौडा पकड़ा वह हक्की बक्की रह गयी बोली अरे क्या लंड इतना बड़ा होता है ऐसा कहकर लंड चूसने लगी मुझे उनकी चूंचियों का मज़ा मिल रहा था सच बताऊँ वह मेरी ज़िन्दगी की पहली चुदाई थी पहले दिन ही मुझे बुर चोदने का स्वाद लग गया उस रात मैंने तीन बार जमकर चोदा मैं खुश था की पहलीबार एक मजे दार औरत को चोदा है मामी इसलिए खुश थी की उसे एक तगड़ा लौडा मिला और अपने हसबैंड के सामने पराये मर्द से चुदवाने का सिलसिला शुरू हो गया मामा इसलिए खुश था की उसकी बीवी को चुदाई से बड़ी संतुष्टि मिली
कुछ दिन बाद मेरी भी शादी बिपासा नाम की लड़की से हो गयी से हो गयी बिपासा बहुत खूबसूरत थी बड़ी बड़ी ऑंखें गोल गोल गाल हँसती तो गाल में गड्ढे बन जाते ,गुन्दाज़ बाहें उभरे हुए चूतड और बड़ी बड़ी चूंचियां, चूंचियों का बनावट बड़ी मनमोहक थी उसे देख कर ही किसी का भी लौडा खड़ा हो सकता है लोग उसे प्यार से बिपी कहते थे सुहागरात में हमने खूब मज़ा लिया मुझे तो चोदने का अनुभव था ही खूब जम कर चुदाई किया उसने भी बेशरम होकर चुदवाने में कोई कसर नही उठा रखी हम दोनों बहुत खुश थे मेरे ससुर नही थे केवल जवान सास थी मेरी सास और मेरी बीवी दोनों माँ बेटी की तरह नही बल्कि दो सहेलियों की तरह रहती थी एक दिन जब मैं ससुराल गया तो मेरी सास ने खूब खातिर दारी और मेरा मेरा ख्याल रखा एक दिन अचानक मैं उस कमरे में घुसने वाला था जहाँ मेरी बीवी और सास आपस में बातें कर रही थी मैं कान लगा कर सुनने लगा
सास बोली:- बिपी अच्छा यह बता की दामाद जी का लौडा कैसा है
बिपासा :- अरे मम्मी बड़ा मोटा तगड़ा है खूब मज़ा आता है मुझे चुदवाने में
सास:- क्या तुम्हारे अंकल के लंड की तरह है ?
बिपासा :- नही मम्मी अंकल के लंड से ज्यादा लंबा और मोटा है
मम्मी:- तो देर तक चुदाई कर पाता है की नही ?
बिपासा :- हां बड़ी देर तक चोदता रहता है मुझे हर बार चुदाई का पूरा मज़ा देता है
मम्मी :- तो फ़िर मैं भी चुदवा लूँ अगर तुम बुरा न मानो तो
बिपासा :- अरे मम्मी दामाद तुम्हारा है जब चाहो चुदवा लो
उस रात को मैं थोड़ा परेशान तो हुआ मैंने बिपासा से पूंछा की असली बात क्या है उसने साफ साफ सारी कहानी बता दी
बिपासा :- देखिये मेरे पिता जी उस समय गुज़र गए थे जब मैं बहुत छोटी थी उसके बाद मेरे एक चाचा ने मेरे परिवार को संभाला मेरी मम्मी धीरे धीरे उनके नजदीक आती गयीं एक दिन मैंने उन दोनों को नंगे नंगे आपस में चिपटे हुए देख लिया मैं थोड़ा रुक गयी फ़िर मैंने देखा की मम्मी ने उसका लौडा पकड़ा लंड वास्तव में मोटा तगड़ा था फ़िर मुझे उन दोनों की चुदाई देखने में मज़ा आने लगा मैं छिप छिप कर देखती थी मैं चुप रहती थी जब मैं १५ साल की हो गयी तो अंकल मुझे भी अपनी गोद में बैठाने लगे और मेरी चूंचियों पर हाथ फेरने लगे एक दिन मैंने उसे मम्मी से कहते हुए सुना की देखो भाभी अब बिपी बड़ी हो रही है उसकी चूंचियां निकल आई है उसको लंड पकड़ना अभी से सिखला दो तो आगे चलकर बड़े मज़े से चुदवायेगी और अपने पति के साथ मज़ा लेगी मेरी मम्मी मान गयी उन्होंने मुझे आवाज़ दी मैं गयी उनदोनो को नंगे देख कर पहले मुझे शर्म तो आई लेकिन मैं जल्दी ही नार्मल हो गई मम्मी ने कहा बिपी नेरे पास आओ और मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ कर उनके लंड पर रख दिया मैंने पकड़ लिया जैसे ही मम्मी ने मुझे नंगा किया मैं बेशरम हो गयी मैं लंड को हिला रही थी फ़िर उसको मुह में लेकर चूसने लगी मैंने कहा अंकल भोसड़ी के तुम्हारा लौडा बड़ा मोटा है क्या सबका ऐसा ही होता है ? उसने जबाब दिया नही लंड सबका अलग अलग होता है अब मैं उनदोनो की चुदाई में हिस्सा बटाने लगी इसके बाद जब मेरी चूत प़क गयी तब मैंने भी चुदवाया मम्मी को भी लंड चाहिए था और मुझे भी अब मम्मी तुमसे चुदवाना चाहती है बोलो चोदोगे न ?
मैंने कहा जरूर लेकिन मैं भी तुमको बताना चाहूँगा की मैंने भी शादी के पहले एक औरत को कई बार चोदा है फ़िर मैंने मामा की गांड मारने की कथा और उसकी बीवी को चोदने की बात साफ साफ बता दी मेरी बीवी वजाय नाराज़ होने बहुत खुश हो गयी और मुझसे लिपट गयी बोली ये तो बहुत अच्छा है अब तुम मेरी मम्मी को चोदने वाले और मुझे चोदने वाले की बीवी चोदो और मैं तेरे मामा से चुदवा लूँ जिसकी तुम बीवी चोदते हो बस हम दोनों बराबर ठीक है न उस रात को मेरी सास मेरी बीवी और मैं तीनो थे वे दोनों एक दूसरे को नंगी करने लगी और मैं उन्हें देखने लगा सास की चूंचियां तो मेरी बीवी से ज्यादा बड़ी थी मेरा लौडा टन्ना रहा था मेरी बीवी बोली मम्मी अपने दामाद को नंगा करो न सास ने जैसे ही मेरी नेकर नीचे खींचा मेरा लौडा उछल कर उसके मुह के सामने आ गया सास तो लंड देख कर दंग रह गयी बोली अरे यह है कोई मर्द का लौडा आज ये मेरी चूत को फाड़ देगा बिपासा बोली मम्मी लौडा साला चाहे कितना बड़ा हो चूत तो उसको भरता बना ही देती है सास ने लंड को मुह में लिया और चूसने लगी बिपासा पेल्हड़ चाटने लगी फ़िर मैंने दोनों को बारी बारी से चोदा दूसरे दिन बिपासा ने कहा मम्मी अंकल और आंटी को बुलवा लो आज मेरा हसबैंड आंटी को खूब चोदेगा और हम दोनों अंकल से उसके सामने चुदवायेंगें वे दोनों जैसे ही आए एक छोटे से परिचय के बाद मैंने अंकल और आंटी दोनों को नंगा किया फ़िर ख़ुद हो गयी आंटी ने मेरे पति को नंगा करके उसका लंड थाम लिया बोली आरी बिपी तू तो बड़ी नसीब वाली है की तुझे इतना बड़ा लौडा मिला है बिपी ने कहा आंटी आज तक तो मुझे तेरा हसबैंड चोदता रहा पर आज तुमको मेरा हसबैंड चोदेगा इस बात पर मैंने आंटी से पूंछा की जब तुम्हारा पति मेरी बीवी व मेरी सास को चोदता था तो तुम क्या करती थी उसने जबाब दिया मैं भी उधर पराये मर्दों से चुदवाती थी इस तरह अश्लील बातें कर कर के मैंने आंटी की चूत का खूब मज़ा लिया
मेरी बीवी ने इस तरह मेरे सामने पराये मर्दों से चुदवाने का मज़ा लिया और मैंने उसके सामने परायी बीवियों को चोदने का मज़ा अब हम दोनों अदल बदली के खेल में बड़े बेशरम हो चुके थे मेरी बीवी को चूंची दिखाने का शौक पैदा हो गया
एक बार हमलोग दिल्ली से कोलकता ट्रेन से जा रहे थे फर्स्ट क्लास ये/ सी के डिब्बे में थे उसमे एक लड़का ऊपर की बर्थ पर लेटा था हम दोनों नीचे के बर्थ पर, रात के करीब ११ बजे थे लड़का एक किताब पढ़ रहा रहा था मेरी बीवी ने इशारे से कहा की क्या इसको पटाया जाए मैंने हां कर दी बस मेरी बीवी आधी चूंचियां खोल कर इस तरह बैठ गयी की उसे चूंचियां बिल्कुल साफ दिखायी पड़े उसने जैसे ही नज़र डाली तो देखता ही रह गया फ़िर उसने रात का बल्ब जला दिया किताब बंद कर दी और चूंचियों को देखने में मगन हो गया इतने में मेरी बीवी ने पूरी चूंची खोल दी मैं इस तरह लेट गया जैसे कि सो रहा हूँ मेरी बीवी ने उसे नीचे उतर कर चूंची पकड़ने का इशारा किया वह उतर आया और उसके बगल में बैठ कर चूंचियों पर हाथ फेरने लगा मेरी इच्छा उसकी गांड मारने कि हो गयी मेरी बीवी ने उसके लंड पर हाथ रखा तो उसे मज़ा आया उसने पहले अपना पेटी कोट खोला फ़िर उसको पूरा नंगा किया उसका लौडा पकड़ कर बोली अरे उठो उठो न देखो इसका भी लंड तुम्हारे लंड कि तरह मोटा तगड़ा है मैंने करवट बदली तो दोनों को नंगा पाया मैं भी एकदम नंगा हो गया उस लड़के ने झट से मेरा लंड पकड़ लिया और झुक कर चूसने लगा मैं समझ गया कि वह भी गांडू है मेरे मामा की तरह अब मेरी बीवी उसका लंड चूसने लगी मैं उसकी गांड पर हाथ फेरने लगा थोडी देर में उसने मेरी बीवी को चोदा और मैंने उसकी गांड मारी पूरे सफर में इसी तरह मौज मस्ती करते हुए कोलकत्ता पहुँच गए उस लड़के का नाम था सोमित उसने दूसरे दिन हमें अपने घर डिनर पर बुलाया हम जब पहुंचे दो उसने अपनी बीवी सुनंदा से मिलवाया क्या जवान बीवी थी उसकी एक दम खूबसूरत उसकी चूंची मेरी बीवी से कम नही लग रही थी एकदम भरा हुआ बदन उसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया उसने ड्रिंक पार्टी रखी थी हम चारों लोग शराब पीने लगे इतने में एक कपल और आ गया देव और उसकी बीवी दिव्या वे दोनों खूबसूरत थे सोमित ने परिचय करवाया और सबको ट्रेन के सफर कि कहानी सुनायी सबने शराब पीते पीते मज़ा लिया दिव्या बोली हां ये तो सही है कि सोमित का लौडा बड़ा मज़ा देता है सुनंदा बोली कि देव का लौडा कोई कम नही है मुझे तो उससे चुदवाने में खूब मज़ा आता है इस तरह अश्लील बातों का दौर चल पड़ा फ़िर सुनंदा सब के सामने सारे कपड़े खोल कर नंगी हो गयी उसको देखकर दिव्या भी नंगी हो गयी और मेरी बीवी भी, उन तीनो की चूंचियां एक से बढ़ कर एक थी वह कहना मुस्किल था कि किसकी ज्यादा बड़ी है उन्हें देखकर हमतीनो मस्त हो गए फ़िर दिव्या ने मुझे नंगा करके मेरा लंड पकड़ा बोली अरे ये तो अभी से खड़ा है साला सबसे बड़ा लगता है उधर देव का लंड सुनंदा ने पकड़ा और मेरी बीवी बिपासा ने सोमित का लंड
तीनो लौडे एक साथ देख कर मेरी बीवी बिपासा बोली हाय रे आज तो लगता है की लंड की दावत है देखो साले कैसे एक दूसरे की चूत खाने को तैयार है तब तक सुनंदा ने तीनो लंड नापे बोली अरे भोसड़ी के तीनो साले ८” से ऊपर है और मोटाई में ५” से कम नही है दिव्या ने कहा यार आज तो चूत की लाटरी खुल गयी इतना कह कर मेरा लांड चूसने लगी सुनंदा देव का लांड चूसने लगी और बिपासा सोमित का , अब बड़े मज़े से हम तीनो एक दूसरे की बीवियों को चोद रहे थे मैं कभी सुनंदा को चोदता कभी दिव्या को सोमित कभी दिव्या को चोदता कभी मेरी बीवी बिपासा को , और देव कभी सुनंदा को चोदता कभी बिपासा को दूसरी पारी में मेरी बीवी बोली अब हम तीनो बीवियाँ एक साथ दो दो लंड से चुदवायेंगी उसने देव का लंड और सोमित का लंड लिया एक चूत में दूसरा मुह में उधर मैं दोनों बीवियों यानि सुनंदा और दिव्या को एक साथ चोदने लगा फ़िर सुनंदा ने मेरा लंड और देव का लंड एक साथ लेकर चुदवाया और सोमित ने मेरी बीवी और दिव्या को एक साथ चोदा उधर थोडी देर में दिव्या ने दो लंड लिए मेरा और सोमित का और उसके पति देव ने बिपासा और सुनंदा को एक साथ चोदा
उस रात को चुदाई का जो मज़ा मिला उससे मुझे और मेरी बीवी को नए नए कपल ढूंढने की इच्छा को और बढ़ा दिया मेरी बीवी इसमे खुल कर पूरा सहयोग करती है वह मेरे सामने पराये मर्दों से चुदवा कर मज़ा लेती है और मैं उसके सामने परायी बीवियों को चोद कर इस समय हमारे पास ऐसे ८/१० जोड़े है जो बड़े प्यार से एक दूसरे की बीवियाँ चोदते है और बीवियाँ एक दूसरे के हसबैंड से चुदवाती है महीने में कम से कम २/३ बार ग्रुप में एक दूसरे की चोदा चोदी हो जाती है
एक साथ बड़े बड़े लंड और बड़ी बड़ी चूंचियों को देखने का मज़ा कुछ और ही है

मेरी चूत फाड़ दोगे

This summary is not available. Please click here to view the post.

चूत में आग लगी हुई थी


मेरी शादी मेरे व्यस्क होते ही 18 वर्ष की उम्र में कर दी थी। उस समय मैं सेक्स के बारे में अधिक नहीं जानती थी। पर शादी के बाद जब से मेरी चुदाई आरम्भ हुई है, मैं तो चुदाई की मतवाली हो गई हूँ। जैसा कि अधिकतर होता है कि समय के साथ साथ सेक्स से भी दिल ऊब जाता है, जिसका मुख्य कारण एक जैसी चुदाई, वही रात में पति को जोश चढ़ा और ऊपर चढ़ कर चोद दिया और सो गये। धत्त् … ये भी कोई जिंदगी है।

आज पांच-छः साल हो गये, अब तो पति देव का यह हाल है कि काम से लौटे, खाना खाया और बिस्तर पर लेट गये। बहुत हो गया तो महीने में एक बार चोद दिया। पर मैं … ना … ना … पतिव्रता तो हूँ, पर चुदाई के मामले में नहीं … । उसके कुछ दोस्तों से मैं चुद चुकी हूँ, पर वो सभी अब यहाँ नहीं है। मेरी चूंचियाँ भी अब बड़ी हो चुकी हैं, इतनी सी उम्र में 38 की ब्रा पहनती हूँ, मेरे चूतड़ बड़े और लचकदार हो गये हैं। मैं टाईट जीन्स और कसी हुई बनियान नुमा टॉप पहनती हूँ। मेरे बड़े बड़े चूंचे उसने उभर कर हिमालय पर्वत को भी मात देते है। कोई एक बार देखता है वो देखता ही रह जाता है।

घर की मुर्गी दाल बराबर … ! घर के पास तो किसी का ध्यान जाता ही नहीं है। बेचारा पड़ोसी रोज़ ही प्यासी नजरों से मुझे निहारता रहता था। मुझे देख कर उसका लण्ड भी कड़कता होगा। जी हां, साथ वाले घर में एक लड़का रहता है, पर उस पर कभी ध्यान ही नहीं गया। बीस साल का भरपूर जवान लड़का, नाम आदित्य, हम लोग उसे आदी कहते है। उसकी नजर मुझ पर बहुत पहले से थी, पर मेरा ध्यान उस पर कभी नहीं गया।

एक दिन मैं बाल्कनी पर बैठी किताब पढ़ कर रही थी कि मेरी नजर अचानक साथ वाले घर पर आदी पर पड़ी … वो एक छोटी सी चड्डी पहने नहा रहा था। वो अपनी चड्डी के अन्दर हाथ घुसा कर लण्ड पर साबुन मल रहा था, फिर हाथ पीछे घुसा कर गाण्ड पर साबुन भी लगाता था। आह … मेरी नजरें जैसे उस पर चिपक कर रह गई। कसा हुआ बदन, उभरी हुई मसल्स, ताकत और उर्जा से भरा हुआ शरीर … जिस पर उसका उभरा हुआ लण्ड चड्डी में से साफ़ नजर आ रहा था।

अब वो अपने बदन पर पानी डाल रहा था। कुछ देर बाद उसने अपने शरीर को तौलिये से पोंछना चालू कर दिया। एक बार तो उसने सावधानी से यहाँ वहाँ देखा, फिर जल्दी से अपना लण्ड निकाला और तौलिये से साफ़ कर दिया। मेरे दिल ने जैसे धड़कना बन्द कर दिया। उसका सोलिड लण्ड मोटा और लम्बा, मेरे दिल को भा गया। मेरी चूत फ़ड़क उठी, बोबे कसक गये Dolphin and Hummingbird Dual Gems Shocker Adult Sex Toy Kit… । उसने तौलिया लपेटा और चड्डी खोल कर दूसरी पहनने लगा। उसकी चूतड़ों की दरार का दर्शन भी हो गया। मेरी नजर मेरे बोबे पर पड़ी, मुझे लगा कि मेरा ब्लाऊज तंग होने लगा है। मुझसे रहा नहीं गया मैं उठ कर नीचे चली आई और उसकी दीवार के पास खड़ी हो गई, जैसे कि फूल तोड़ने आई हूँ। चड्डी में से उसका उठा हुआ लण्ड मुझे बहुत ही प्यारा लग रहा था। मुझे इस तरह से देखने पर वो बेचारा झेंप गया। मैं मुस्करा उठी।

पर उसने तौलिया नहीं लपेटा, अब वो भी मुस्करा रहा था। उसे लगा कि शरमाना आण्टी को चाहिये,” नमस्ते आण्टी … ”

“नमस्ते आदी … आजकल कहा रहते हो तुम … दिखते ही नहीं हो … ?”

“कहीं नहीं आण्टी … यहीं हूँ … कोई काम हो तो बता दीजिये … !”

“हां काम तो है … समय मिले तो घर आओ, चाय भी पियेंगे … और काम भी बताऊंगी !”

“ठीक है आण्टी … अभी आता हूँ … ” उसने चुपके से अपना लण्ड देखा जो खड़ा हुआ था, और शायद मुझे बुला रहा था। अचानक उसकी नजर मुझसे फिर मिल गई। दोनों ही मतलब से मुस्करा दिये। मैं खुश हो गई, मुझे लगा कि ये तो पट जायेगा। शायद वो भी यही सोच रहा था। अनजाने में मेरी एक आंख चल गई, आंख मारते ही वो शरमा गया। पर वो सब कुछ समझ चुका था।

कुछ ही देर में वो मेरे घर पर आ गया। इतनी देर में मैने ढीला सा कुर्ता और पेटीकोट पहन लिया था, पेण्टी और ब्रा उतार कर एक तरफ़ रख दी थी। मुझे ये सब करते हुये बड़ी झुरझुरी सी हो रही थी और मन में लग रहा था कि मुर्गा तो फ़ंसा।

मैं अपनी टांगें बड़ी बेशर्मी से मेज़ पर रख कर बैठ गई ताकि उसके अन्दर आते ही उसे चूत के दर्शन हो जायें। जैसे ही वो अन्दर आया, मैंने उसे सामने बैठा दिया। जैसा कि होना ही था, उसकी नजरें सीधे मेरे उठे हुये पेटीकोट पर पड़ी और मेरी चिकनी शेव की हुई चूत पर पड़ी। एक बार जो नजरें टिकी तो वहीं पर चिपक गई। यह देख कर मैने अपना थोड़ा सा पांव और खोल दिया। चूत अब स्पष्ट दिखने लगी थी।

“क्या देख रहे हो आदी … !”

“अह्ह् … कुछ नहीं … ” उसका लण्ड कठोर होता जा रहा था। मैं आगे को झुक गई, मेरे लो कट ब्लाऊज में से मेरे बड़े बड़े उरोज छलक उठे। उस पर प्रहार पर प्रहार हो रहे थे, वो बेचारा कब तक सहता। मेरे उरोज भी कड़क हो उठे थे, चूचुक फूल कर मचल रहे थे कि कोई उन्हें मसल दे।

“आण्टी … बहुत बड़े हैं … ” उसके मुँह से अचानक निकल पड़ा।

“क्या … ? अच्छा तो जनाब ये देख रहे थे …! ” मैंने उसे उलाहना दिया।

वो असमंजस में था कि कैसे अपने आप को कंट्रोल में रखू, कहने लगा,”आण्टी … काम हो तो बताओ मुझसे और नहीं बैठा जा रहा है … ” वो कसमसाते हुए बोला।

“बैठे रहो … खड़े हो जाओगे तो … तुम्हारा यह भी खड़ा हो कर जोर लगायेगा … ” मैंने हंसते हुए कहा और धीरे से उसके लण्ड पर हाथ मार दिया।

“इसीलिये तो कह रहा हूं ना … बस मैं जाऊँ …? ” आह भरता हुआ वो बैचेन सा उठा।

” तुम मत बैठो पर इसे बैठाना नहीं है क्या … आओ पास में यहां बैठ जाओ … ” उसे मैने सोफ़े में पास बैठा लिया …

अपने बोबे दिखा कर बोली,”तुमने ये देखे हैं ना … इन्हें दबाओ ! … और देखो मैं भी यही चाहती हूं !”

कह कर मैने उसका हाथ अपने सीने पर रख दिया। उसने मुझे बड़ी आसक्ति से मुझे देखा, और मेरी चूचियां दबाने लगा लगा जैसे उसने मुझे धन्यवाद दिया। मेरा हाथ उसके लण्ड पर आ गया। मैने उसकी पेन्ट की ज़िप खोल दी और चड्डी में से उसका लण्ड खींच कर बाहर निकाल लिया।

आह कितना सुन्दर सुपाड़ा था … लाल और चिकना। उसने अपनी पेन्ट को खोल कर नीचे कर लिया। उसका पूरा लण्ड बाहर निकल आया। उसने मेरे बोबे को मसलते हुए एक हाथ चूत पर रख दिया। मेरा हाथ उसके लण्ड पर चल पड़ा … उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी।Adult Entertainment: Disrobing An American Idol

मैंने जोर से उसका लण्ड मरोड़ते हुये मुठ मारनी शुरु कर दी। वो तड़प उठा। उसने भी हिम्मत की और अब उसकी अंगुली भी मेरी चूत में घुस गई थी। मेरी चूत के पानी से उसका हाथ तर हो गया था। उसने मुझे लिपटा लिया और मेरे मुख में अपनी जीभ डाल कर चूसने लगा। जोश में मैं भी मुठ और जोर से मारने लगी। उसके मुख से जोर से हाय निकली और उसका वीर्य छूट गया। उसका लण्ड जोर से पिचकारी छोड़ने लगा। मैंने तुरन्त ही झुक कर उसका लण्ड मुँह में ले लिया और उसका कुछ वीर्य तो पी गई और कुछ बाहर गिर गया। उसने मेरे बोबे छोड़ दिये और और अपना पेण्ट ठीक करने लगा।

“अभी रुको ना … चले जाना … जल्दी क्या है …? ”

“आण्टी अभी कॉलेज जाना है … फिर कल आऊंगा” मैने भी उसे नहीं रोका। सोचा कि इसे चस्का तो लग ही गया है, साला जायेगा कहाँ, यहीं तो आयेगा लण्ड शान्त करने।Adult All-In-One Course: Lesson-Theory-Technic: Level 1

मुझे सच में बहुत मजा आया था … मैं रसोई से बैंगन उठा लाई और अपनी चूत पर घिसने लगी। कुछ ही देर में मेरा पानी निकल गया। इतना कुछ होने के बाद मुझे लगा कि बैचेन आदी नहीं … मैं हो रही हूँ।

तड़पते हुए मैं उसकी राह देखने लग गई।

शाम को वह कॉलेज से वापस आया तो मुझे देख कर उसने हाथ हिलाया। मेरे दिल को सुकून मिला। मैंने हाथ हिला कर उसका जवाब दिया। उसने यहाँ वहाँ देखा और हाथ से लण्ड बना कर चूत में घुसाने का इशारा किया। मैं शरमा गई। मैंने भी हाथ की अंगुलियों से चूत का छेद बना कर उसने एक अंगुली लण्ड बना कर डाल कर चुदाई का इशारा किया। वो खूब हंसा और आंख मार दी। मैंने शरमा कर मुँह को हाथ से छुपा लिया।

सवेरे नौ बजे मेरे पति ओफ़िस चले गये। अब मैं बैचेनी से आदी की राह देखने लगी थी। मैंने हल्के फ़ुल्के कपड़े पहन लिये और चुदने के लिये बेकरार थी। चूत लप लप कर रही थी, पानी से तर हो रही थी। बार बार मेरी नजरें बाहर झांक रही थी। साला आया क्यों नहीं … ये मर्द बड़े निर्दयी होते हैं, साले ने कल भी मेरी चूत नहीं मारी थी। ठण्डी आह भरते हुए मैंने सोचा कि जब तक वो आये मैं नहा कर फ़्रेश हो लूँ …Vitafusion Calcium 500 mg with Vitamin D3, Bone Support, Gummy VItamins for Adults, Natural Creamy Swirled Orange, Strawberry, & Cherry Flavors, 130 Gummies

मैं नँगी हो कर नहाने लगी। मुझे लगा कि जैसे मेरा शरीर आग में जल रहा हो। मैं अपनी आंखे बंद कर के अपने बड़े बड़े चूचे निचोड़ने लगी … स्तनाग्रों को मसलने लगी … मुझे तभी खटका हुआ … मैने झांक कर देखा तो आदी ही था। उसे देखते ही मेरे मन की कली खिल उठी। लगता था वो भी चोदने की तैयारी से आया था। हल्का पजामा और बनियान बस … यही था उसका पूरा पहनावा।

मैंने गीले बदन ही तौलिया लपेटा और बाहर आ गई।

“बड़े सेक्सी लग रहे हो … ”

“आण्टी … जरा अपने को तो देखो … पूरी बम्ब लग रही हो … यानी पटाखा … ”

“आ एक किस कर ले … ” मेरी चूत में आग लगी हुई थी।

“काहे का किस आण्टी … आज तो लौड़े का नम्बर है किस करने का !” कह कर उसने मुझे अपने से लिपटा लिया। मेरा तौलिया खींच कर एक और बिस्तर पर उछाल दिया। उसने बिना किसी देरी किये अपना पजामा खोल दिया और नीचे से नंगा हो गया।

“आजा अक्षिता … आज अपन दोनों मस्ती करें … उसने होंठ मेरे होंठ पर रगड़ दिये और उन्हें चूसना शूरू कर दिया। मैं मस्ती में झूम उठी। उसका लण्ड मेरी चूत के छेद को ढूंढने लगा और चूत के आस पास घुसने लगा।

“आदी, चूत तो सेन्टर में है … वहाँ घुसाओ … अच्छा चलो बिस्तर पर … वहां तो खुद ब खुद घुस जायेगा … और मुझे चोद देगा !”

उसने प्यार से मेरे चूंचे दबाये … और किस करता हुआ बिस्तर की ओर चल पड़ा। मुझे उसने प्यार से लेटा कर खुद पास में लेट गया। मुझे प्यार से सहला कर अपने ऊपर खींच लिया। मैं अब उसके ऊपर आ गई थी। उसका लण्ड सीधा खड़ा था। ऐसा लग रहा था कि कोई सड़क पर खम्भा खड़ा हो। मैने उसके लण्ड को हाथ में लिया और धीरे से मुठ मारी …

उसे बड़ा मजा आया … बोला,”आण्टी … और मुठ मारो … बहुत मजा आ रहा है … !”

मैने सोचा कि कही पहले की तरह झड़ गया तो चुदाई रह जायेगी। मैंने उसका सुपाड़ा खोला तो देखते ही खुश हो गई … कुंवारा लण्ड था … उसने किसी को चोदा नहीं था। मैंने बड़े प्यार से उसे अपने चूत के खड्डे में रखा और धीरे से चूत का भार उस पर डाला। फ़क से लण्ड खड्डे में घुस पड़ा। मुझे असीम मजा आया। उसके मुख से भी आह निकल पड़ी।

“मेरे आदी … तुम कितने प्यारे हो … हाय !”

फिर मैंने और जोर लगाया … उसमें जोश भरा था … नई उमन्गें थी, उसने भी नीचे से उछाल भरी। मेरी चूत ने उसका पूरा लण्ड निगल लिया। उसके मुँह से एक दर्द भरी आह निकल गई।

“आण्टी … मुझे लण्ड पर लग गई है … !”

“बस … सह लो … पहली बार ही ऐसा होता है … बाद में नहीं होगा … ”

मैं उसके ऊपर लेटी रही, फिर बहुत ही धीरे धीरे से चूत हिलानी शुरू कर दी। उसकी आह निकलती गई। मैंने उसे होंठों पर होंठ रख कर कस कर दबा लिया और धक्के बढ़ा दिये। थोड़ी देर तक तो वो कसमसाता रहा फिर शान्त हो चला … मैंने अब उसे किस करना चालू कर दिया और चूतड़ो को दबा कर उसके लण्ड पर मारना शुरू कर दिया। उसे भी अब मस्ती आने लगी। वासना की रंगीनियाँ रंग दिखाने लगी। वो कुछ ही देर में वासना के नशे में झूम उठा और उसने मुझे दबा कर नीचे पटक दिया। मेरा शरीर उसके बोझ तले दब गया, ये सुहाना दबाव मुझे और मस्त कर गया जब उसके लण्ड ने मुझे दबा कर चोदना शुरू कर दिया।

“वाह मेरे शेर … लगा जोर … चोद दे अपनी अक्सू को … ” मैं भावना में बह चली।

“हाय रे अक्सू आन्टी … आप कितनी अच्छी हैं … पहले क्यो नहीं चुदाया … !”

“उईईई … क्या मेरी फ़ाड़ डालेगा राम … आह्ह्ह मेरा आदीऽऽऽऽ … चोद दे रे।”

वो भचाभच चोद रहा था … मुझे स्वर्ग की सैर करा रहा था। कभी वो मेरे बोबे मचकाता और कभी मेरे होंठो को चूमता और साथ में मेरे गालों को चाटता भी जा रहा था। मैंने चूतड़ों कि लय उसके लण्ड के साथ मिला ली और फ़च फ़च की आवाज के साथ मुझे चोदता जा रहा था। मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी, मेरे शरीर में लग रहा था कि खिंचाव होने लगा था। सारे जिस्म में जैसे मीठा मीठा जहर भरने लगा। मेरी वासना की तड़प बढ़ने लगी। मैं उसके जिस्म को जोर से जकड़ने लगी … उसने भी लण्ड का भार मेरी चूत पर डाल दिया और उसका बदन जैसे कस गया।

“मेरे आदी … हाय रे … फ़ाड़ दे मेरी चूत को … ।” मेरी आंखों में गुलाबी डोरे तैर रहे थे, अधखुली आंखे नशे से चूर थी … लग रहा था कि मुझे जिन्दगी भर चोदता ही रहे।Leslie Sansone - Older Adults Walk & Firm

” आण्टी … मेरा लण्ड … हाय रे … गया … ” वो शायद झड़ने वाला था। मुझे भी झड़ने जैसी उत्तेजना लगने लगी थी। आखिर चूत को मस्त लण्ड मिला था और हम दोनों दिल से चुदाई कर रहे थे। मैं आह भर कर उसे जकड़ कर चूत का रस निकालना चाह रही थी।

” आदीऽऽऽऽऽ … आह्ह्हह्ह्ह् … तेरी तो … … … हाय चुद गई रे … गई मैं तो … ऊईईईई … ”

मेरी चूत से जवानी का रस चू पड़ा और मैं झड़ने लगी …

तभी आदी भी चीख सा उठा,”अक्सू आण्टी … गया मेरा लौड़ा … निकला माल … हाय रे … निकला … ”

और वीर्य निकलते ही उसने अपना लण्ड बाहर खींच लिया। मैंने उसका लण्ड पकड़ लिया,”आजा ऊपर ले आ … ”

वो लण्ड मेरे मुँह तक लाता, उससे पहले ही उसकी पिचकारी निकल पड़ी और सीधे मेरे चेहरे पर आ कर वीर्य गिरा और अब उसका लौड़ा मेरे मुँह में था … थोड़ा ही सही पर वीर्य पीने को मिल गया … उसका लण्ड पूरा चाट कर साफ़ कर लिया फिर अपने चेहरे का वीर्य भी जीभ से मुँह में चाट लिया। आदी ने भी मेरे मुख से मुख को सटाते हुए मेरे चेहरे का वीर्य चाट किया। अब आदी ने पास पड़े कपड़े से मेरा मुख साफ़ किया और मुझसे लिपट कर लेट गया।

मुझे उसने आज भरपूर मजा दिया था। उससे मैंने दिन को रोज चोद जाने का आग्रह किया जिसके लिये वो सहर्ष तैयार हो गया।

“अक्सू आण्टी … आप बहुत ही प्यारी चुदाती है … आप मुझसे गाण्ड भी मरा लेंगी क्या?”

“मुझे तरसाओगे क्या … अभी गाण्ड मार लो आदी … ”

“सच आण्टी … ।” मेरे कुछ कहने के पहले ही वो मेरी पीठ से चिपक गया और मेरी चूतड़ो की फ़ांके खुल गई। उसका लण्ड कठोरता से भर उठा। उसने मेरे चूतड़ों को सहलाया और दोनों गोल गोल चूतड़ों को फ़ाड़ कर गाण्ड का छेद खोल दिया। एक थूक का लौंदा मेरी गाण्ड के छेद पर महसूस हुआ और उसका सुपाड़ा जो कि कुछ दर्द से सूज भी गया था उसका स्पर्श हुआ। जोर लगाते ही उसका लण्ड मेरी गाण्ड में था … ।

मुझे मीठा सा एक अह्सास हुआ। गाण्ड की दीवारों को सहलाता हुआ लण्ड अन्दर उतरने लगा। मुझे बड़ा सुहाना सा लग रहा था। अब उसने धीरे धीरे लण्ड को अन्दर बाहर करना चलू किया और मेरी गाण्ड चुदने लगी थी … मैं निहाल हो उठी थी … फिर मेरी उसने जी भर कर गाण्ड मारी …

गाण्ड मराने की इच्छा पूरी हो गई, गाण्ड मराने का मजा काफ़ी दिनों बाद आया था। उसका गाण्ड मारना मुझे बहुत ही भाया और जब वो झड़ गया तब मैने उसे एक बार फिर से मेरी चूत की प्यास मिटाने को कहा …

इतनी देर में मेरी चूत फिर से पानी छोड़ने लगी थी। वो बेचारा बुरी तरह फ़ंस चुका था … कुछ ही देर में उसे तैयार करके मैने अपनी टांगे उठा कर चूत को खोल दिया। आदी को मुझे चोदना ही पड़ा …

उसे भूखी शेरनी जो मिल गई थी … जो उसकी जवानी के रस को पूरा पी जाना चाहती थी। अचानक मुझे लगा मेरा काम तो हो गया है अब इसे रवाना कर देना चाहिये, कही भण्डा फ़ोड़ ना हो जाये … पर इस चूत का क्या करुं साली प्यासी की प्यासी रहती है।

जी भर कर जब मैं चुद चुकी तो उसे मैंने लिपटा कर प्यार किया। वो भावना में बह चला और प्यार की कसमें खाने लगा। उसे शान्त करके मैंने उसे कहा कि यदि तुम मुझे प्यार करते हो तो कल फिर दिन में मुझे चोद जाना। उसने मेरे बोबे दबा कर अलविदा कहा।In Praise Of Older Women

साली को चोदकर बनाया घरवाली


मैं जब २४ साल की थी उस समय मेरी नौकरी भोपाल में लग गयी थी. टेम्परेरी थी. जीजा जी ने कोशिश करके लगवा दी थी. मैं अपनी बड़ी बहन के यहाँ रहने लगी थी. उन्होंने मुझे घर के पीछे वाला रूम खाली करके दे दिया था. वो कमरा बड़ा और हवादार था. जीजा जी और दीदी दोनों ही नौकरी करते थे. जीजा जी इंजिनियर हैं और दीदी हॉस्पिटल मैं नर्स हैं.

कुछ ही दिनों में समीर भी मेरे से घुल मिल गए थे वो मुझसे छेड़ छाड़ भी करते थे . मुझे उन्हें देख कर तरह तरह के विचार भी आने लगते थे. समीर एक सजीले जवान थे मुझे तो वह पहले से ही खूबसूरत लगते थे . दीदी को नाईट शिफ्ट भी करनी पड़ती है. जब हम घूमने जाते थे तो समीर दीदी का हाथ पकड़ कर चलते थे . दीदी भी चलते समय कभी कभी समीर के चूतड़ों को सहला देती थी. उसे देख कर मुझे भी झुरझुरी होने लगती थी. मेरे मन में भी हलचल होने लगती थी कि कोई मेरे भी गांड की गोलाईयों को भी सहलाये. वो कभी कभी मेरा हाथ भी पकड़ लेते थे , मैं भी उनका हाथ नही छुडाती थी. मेरे हाथ काँप जाते थे, जिसे वो महसूस कर लेते थे. कितने ही मौकों पर उसका हाथ मेरे बूब्स या चूतड से भी टकरा जाता था. शायद जीजा जी जान करके ऐसा करते थे. मैं जान कर के भी अनजान बनी रहती थी.Dabangg (New Salman Khan Action Hindi Film / Bollywood Movie / Indian Cinema DVD)

घर पर रात को मैं उनके रूम के पास छुप कर आती, और कुछ सुनने की कोशिश करती थी. उस समय वो लोग चुदाई में लगे रहते थे….. मुझे बाहर उनकी आवाजे आती थी….. मुझे भी चुदवाने की फीलिंग होने लगती थी.

मैं किसी तरह अपने मन को काबू में रख रही थी. मेरी उत्तेजना जब अधिक बढ़ जाती तो मैं उंगली को चूत में डाल कर अन्दर बाहर करके अपना पानी निकल देती थी. हाथ से करते समय भी समीर को ही सोच कर अपना पानी निकाल देती थी. अब समीर ने मुझे कैसे चोदा…. इसके बारे में बताती हूँ……Marigold.

दीदी की नाईट ड्यूटी थी. घर के पास सर्कल पर बी एच इ ऐल की बस पर हम तीनों मोटरसाईकल पर दीदी को पहुँचाने गए. दीदी की बस आने पर वो उसमे चली गयी. उसी समय बरसात शुरू हो गयी. हम दोनों भीगने लगे थे.Lucky

वहां से भीगते हुए हम दोनों सीधे घर आ गए. भीगने से मेरे कपड़े बदन से चिपक गए थे. घर आ कर वो मेरे शरीर के उभारों को आनंद ले कर देखने लगे. मैं शरमा गयी. मेरे मुंह से निकल गया..” जीजा जी , मत देखो न ऐसे …मुझे शर्म आती है ….” समीर ने शरारत से आँख मार दी …… और मैं शरमा कर मेरे रूम में अन्दर भाग गयी.

हम दोनों नहा कर फ्रेश हो कर जीजा जी के कमरे में बैठ गए. समीर अलमारी से व्हिस्की की बोतल निकाल लाया.

“यार ठण्ड लग रही है…एक पैग पी लेता हूँ…..तुम भी थोडी सी ले लो..”

“नही..नही…” मैं उसकी हरकते नोट कर रही थी. मुझे लग रहा था आज जीजा जी मूड में हैं. मैंने सोचा आज अच्छा मौका है , पटाने का….

उन्होंने धीरे धीरे पीना चालू कर दिया. कह रहा था – “नेहा तुम्हारा कोई बॉय फ्रेंड है क्या…..”

“हाँ…था..अब नही है..”

“अच्छा, वो तुम्हारे साथ कुछ करते थे..”

” धत्त…जीजा जी… मुझे शर्म आती है ….”

” मत बताओ…लो थोड़ा सा पी लो…अच्छा लगेगा….”

मैंने सोचा अच्छा मौका है……. जीजा जी समझेंगे मैं नशे में हूँ …. और नशे में ऐसा कर रही हूँ …

“अच्छा जीजा जी…थोड़ा ही देना..”

“वाह ये हुई न बात…ये लो ” उन्होंने एक पैग बना कर दिया.

मैंने पीने का नाटक किया. थोडी सी ड्रिंक पास में गिरा दी…और गिलास मुंह से लगा लिया.. कुछ ही देर में समीर को व्हिस्की चढने लगी. बोला – “यार तेरी दीदी तो एक दम मस्त है….”

वो कुछ आगे बोलते उसके पहले ही मैंने उसके होंठों पर उंगली रख दी…… मैंने भी नशे में होने का नाटक किया.. “मस्त आप है..जीजा जी…”

“नही…मस्त तो तू है… जरा देख अपने को..”

“क्या देखूं…….मुझे तो तुम ही दिखाई दे रहे हो…”Indiana Jones and the Kingdom of the Crystal Skull (Single Disc)

अब समीर मस्ती में आ गए थे…… उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी तरफ़ खींच लिया…… मैं जान करके उसकी गोदी में गिर गयी. उन्होंने मुझे बाँहों में कस लिया…

मैंने कहा – “जीजा जी…..ये नीचे क्या लग रहा है…”.

मैं थोड़ा कसमसाई … पर उनका लंड था की घुसता ही जा रहा था. मैं थोड़ा उठ गयी…. मैंने जान कर के ऐसे उठी की अपनी चूतड की गोल गोल फ़ांकें उसके सामने हो गयी……
उन्होंने मेरे दोनों चूतडों को दबा दिया….

मैं जैसे नशे में बोली – “हाय रे..जीजा जी मर गयी…..क्या कर रहे हो….”

समीर ने कहा – “ नेहा … मज़ा आया न..अब तुम बिस्तर पर लेट जाओ …….”

“नही..नही …तुम कुछ गड़बड़ करोगे …..”

ज्यादा नही ……बस थोड़ा सा ….”

“अच्छा.. ठीक है..”

मेरा मन तो खुशी के मरे उछल रहा था ….मैं धीरे से जा कर बिस्तर पर लेट गयी.

जीजा जी ने कहा – “अब आँखे बंद कर लो ….”.

“हटो जीजा जी ….जरूर तुम ….. देखो छेड़ना मत …”मैंने आँखें बंद कर ली …. जीजा जी पलंग पर पास आकर बैठ गए …और उनका हाथ हौले हौले से मेरे बदन को गुदगुदाने लगा. वो मेरी दोनों टांगों को धीरे धीरे सहलाने लगे ….और ऊपर की तरफ़ आने लगे. मेरे नितम्बों पर उनका हाथ घूमने लगा … मुझे सनसनी सी होने लगी …. वो जान करके अपना हाथ मेरी चूत पर भी टकरा देते थे …. तब जोर का करंट जैसा लग जाता था ….

फिर धीरे धीरे उन्होंने मेरी चूत पर कब्जा कर लिया …… मैं सी सी कर सिस्कारियां भरने लगी. अब उनका हाथ मेरे बूब्स को सहला रहा था …… एक हाथ चूत पर …और एक हाथ बूब्स पर … “नेहा ….कैसा लग रहा है ……”

मेरे मुंह से अचानक निकल गया – “ जीजा जी …तुम्हारे हाथो में तो कमाल है ….. अब कुछ कर दो न …… कुछ भी करो..” जीजा जी ने मेरे बूब्स भींचने चालू कर दिए …..दूसरा हाथ मेरी चूत की गहराई नापने लगा …..उनकी बेताबी बढाने के लिए मैंने कहा – “जीजा जी …. बस अब नही … दूर हटो ….”

मैं बिस्तर से नीचे उतर गयी. समीर भी मेरे पीछे आ गए थे…..उन्होंने पीछे से हाथ डाल कर मेरे बूब्स पकड़ लिए….. “नेहा….. प्लीज़ करने दो…… तुम्हे देख कर मेरा मन कब से कर रहा था की बस एक बार तुम्हे दबा दूँ. तुम्हारे ये उभार …गोलाईयां देख कर मुझसे रहा नही जाता है अब ……”Kama Sutra: A Tale of Love

समीर का लंड मेरे चूतड़ों में घुसा जा रहा था. मुझे उसके लंड का साइज़ तक चूतड़ों में महसूस हो रहा था.

मैंने मुस्करा कर जीजा जी की तरफ़ देखा …… और कहा “ पहले अपना ये मेरे हाथ में दो..”

“क्या …..हाथ में क्या दूँ ?”

“वो ……. अपना मोटा सारा लंड …”

लंड का नाम सुनते ही वो तो जैसे पागल हो उठे.“ मेरा लंड ….. वऊऊ … अरे पकड़ लो न ….. पूरा लंड तुम्हारा ही है …”

मेरी तमन्ना पूरी होने लगी थी. मेरा मन आनंद से भर उठा. मुझे लगा अब चुदाई में ज्यादा देर नही है…. मैंने नशे में होने का नाटक करते हुए कहा – “हाय रे जीजा जी …मत करो न …मुझे गुदगुदी होती है ….. देखो न तुम्हारा नीचे का डंडा …मेरी गांड में लग रहा है …”उनका लंड नीचे से गांड में घुसने के लिए जोर मार रहा था. उसके मोटे लंड का स्पर्श मुझे पूरा महसूस हो रहा था. मैंने अपने आप को उनके हवाले करते हुए कहा – “दूर हटो न…जीजा जी…. तुम्हारा लंड तो गांड में घुसा जा रहा है..”.

लंड और गांड का नाम सुनते ही समीर बेकाबू हो गए और जोश में भर कर बोले – “नेहा..तुम्हारी गांड ही इतनी प्यारी है..की उसे देखते ही लंड को घुसा देने का मन करता है…”. जीजा जी ने भी खुली भाषा का इस्तेमाल किया ….. देसी भाषा सुनते ही मैं तरंग में डूब गयी.

अब उन्होंने और कस के पकड़ लिया था. मेरे बूब्स मसलने लगे , चुन्चियों को खीचने लगे…… और ऊपर से कमर हिला हिला कर लंड को गांड की दरारों में मारने लगा …

“जीजा जी….बस भी करो……कोई आ जाएगा न…….”

“नेहा…कोई नही आएगा…… “. उन्होंने अपना पजामा उतार दिया और कहा …”देख ये कितना टन्ना रहा है..” फिर उन्होंने अपना कुरता भी उतार दिया और पूरा नंगे हो गए……Fat Girl - Criterion Collection.

मैंने कहा – “जीजा जी …ये क्या करते हो …. मुझे शर्म आ रही है ….”

उन्होंने मेरी एक नही सुनी. और मुझे उठा लिया …और बिस्तर पर प्यार से लेटा दिया. उसका लंड कड़क हो गया था. बहुत ही टन्ना कर फुफकार रहा था….

मेरा पजामा और कुरता खींच कर उतार दिया.मैं तो यही चाह रही थी. कहा – “अरे क्या कर रहे हो …… मैं तो नंगी हो जाऊंगी न ….”

बोला – “नंगे बदन आपस में रगड़ खायेंगे तो मज़ा भी तो आएगा ”उन्होंने मुझे बिल्कुल नंगी कर दिया. मेरी चूत भी गीली हो गयी थी. मैं बहुत खुश थी कि अब मैं चुद जाऊंगी. मैंने अपनी टांगे फैला दी और समीर को अपने ऊपर चढ़ने का न्योता दिया.Love, Sex Aur Dhoka (LSD) (New Hindi Film / Bollywood Movie / Indian Cinema DVD)

वो मुस्करा कर पास आया और मेरी दोनों टांगो के बीच में आकर बैठ गया. उन्होंने मेरी चूत सहलाई और चेहरा पास लाकर चूत को प्यार किया. मेरे चूत के दाने को जीभ से घुमा कर चाटना शुरू कर दिया. मैं झनझना उठी ….. मुंह से आह निकल गई. अब वो मेरी चूत चाटने लगा. उसके हाथों ने मेरे बूब्स को मसलना चालू कर दिया. मुझे नशा सा आने लगा. कहने लगी – ” मज़ा आ रहा है …जीजा जी …आ ह ……हाय रे ……और चूसो ……निकाल दो मेरा पानी ….आह्ह्ह्ह …..”

समीर ने मेरी टांगे और ऊपर कर दी अब मेरी गांड उसके सामने थी. टांगे थोडी और फ़ैलाकर उन्होंने अपना मुह मेरी गांड के छेद पर लगा दिया और जीभ निकर कर छेद को चाटने लगे . मुझे गुदगुदी होने लगी. उन्होंने अपनी जीभ मेरी गांड के छेद में घुसा दी. मैं आनंद के मारे मैंने आंखे बंद कर ली. मैं समझ गयी थी कि वो मेरी गांड मारने कि तय्यारी कर रहे है. समीर ने कहा – “तुमने तो पहले से ही गांड में चिकनाई लगा रखी है ”

“हाँ जीजा जी …मुझे आज लग रहा था कि तुम आज कुछ न कुछ ऐसा ही करने वाले हो …..इसलिए मैंने तो पूरी तय्यारी कर ली थी …. आह जीजा जी …… मज़ा आ रहा है …..और करो ……मैंने खुशबू वाली क्रीम लगाई है ……. आह रे ….पूरी जीभ अन्दर डाल दो …..”

समीर उठा और तकिया मेरी कमर के नीचे रख दिया. मेरी गांड अब थोडी ऊपर हो गयी थी …… उन्होंने अपना लंड छेद पर रख दिया ……

“नेहा ……. मेरी प्यारी नेहा ….. गांड मराने को तैयार हो जाओ …….”

“हाँ मेरे राजा …… घुसा दो अन्दर …… मार लो गांड मेरी …“…. तो लो मेरी जान …. “ उसके लंड की सुपारी गांड में घुस गयी …… मेरी गांड की चुदाई शुरू हो गयी थी ….. मैं मन ही मन झूम उठी ……

“..हाय … घुस गया रे ….. राजा …..लगाओ …जोर लगाओ जीजा जी ……”

“ येस …येस … ये लो …. आह …. आया …..आह ….“

समीर का लंड अन्दर घुसा जा रहा था …मुझे अन्दर जाता हुआ महसूस हो रहा था …..फिर उन्होंने बाहर निकाला और जोर लगा कर एक ही झटके में पूरा ही घुसेड दिया …..

“हाय जीजा जी …… मज़ा आ गया …. धक्के लगाओ …हाँ …हाँ …. थोड़ा जोर से ….. और जोर से ….”

“मेरी जान … तुम्हारी गांड तो बिल्कुल मक्खन मलाई है ….. इतनी चिकनी कि बहुत मज़ा आ रहा है ….. देखो लंड कैसे फटाफट चल रहा है …”

गांड में लगाई हुयी चिकने से दर्द बिल्कुल नही हो रहा था. और अब तो मीठा मीठा मज़ा भी आ रहा था. मुझे लग रहा था समीर लम्बी रेस का घोड़ा है …. वो जोर जोर से धक्के मारने लगा ……मैं तकिये के कारण ज्यादा कुछ नही कर पा रही थी. पर उसके धक्को का पूरा मज़ा ले रही थी …..

अचानक वो रुक गया और धीरे से अपना पूरा लंड बाहर निकाल लिया. मुझे छेद के अंदर ठंडी सी हवा लगी …जैसे कुछ खाली हो गया हो …. उन्होंने नीचे से तकिया हटा दिया.

अब वो मेरे ऊपर आकर धीरे से लेट गए और अपना बदन का पूरा भर मेरे पर डाल दिया. मेरे होटों को अपने होटों में दबा लिया … और चूसने गए …… उधर नीचे भी लंड अपना रास्ता दूंढ रहा था. मैं भी कसमसा कर लंड को निशाने पर लेने की कोशिश कर रही थी. मेरी चूत पानी से चिकनी हो गयी थी. आखिर लंड ने रास्ता दूंढ ही लिया. उसके लंड की मोटी सुपारी मेरी चूत में सरक गयी. मेरी आह निकाल गयी.. मैंने नीचे से जोर लगाया तो लंड और अन्दर सरक गया. मैं तड़प गयी. कहा – “ जीजा जी ……आह ……धक्का मरो ना …… क्या कर रहे हो …..हाय रे …..चोदना शुरू करो ना..”

समीर ने अपना बॉडी अपनी दोनों कोहनियों पर उठा लिया. मेरा बदन अब फ्री हो गया था. उन्होंने लंड को बाहर खींचा और जोर से अन्दर धक्का दे दिया. उसका पूरा लंड भीतर तक बैठ गया. मेरे मुंह से चीख निकल गयी. चूत गीली होने से धक्के मारने पर फच फच की आवाजें गूंजने लगी ……..

“ राजा और जोर से …..लगाओ ….हाय रे …..पूरा घुसा दो …जड़ तक …. घुसेड दो ….. हाँ …हाँ … चोद दो..राजा ….जोर से.. चोद दो ….”

“हाँ मेरी रानी …. तुम्हे देख कर ये लंड कब से तड़प रहा था … चोदूंगा रे ….. कस के चोदूंगा ….. ले … ले ….और ले …. फाड़ ही दूँगा..आज तो …”Kama Sutra of Sexual Positions Video: A Tantric Vision of Love [VHS]

“आह रे.. मेरे जीजा जी …सुच में..फाड़ मेरी चूत ……लगा…जोर से …दे…..दे ….जोर दे दे..हाय ….सी..सी …सी …चुद गयी रे …. मेरी मां …”

“हाँ..हाँ … मेरी जान …आज तो फाड़ डालूँगा …..तेरी चूत को …..ये ले ….पूरा लंड..ले..ले..ये ले..और ले ….. मेरी जान …. क्या चीज़ हो तुम …”

उनके धक्के तेज होने लगे लगे. फच फच की आवाजे भी तेज होने लगी. मैं भी नीचे से चूत उछाल उछाल कर जोर से चुदवा रही थी. मेरी कमर भी तेजी के साथ चल रही थी. मुझे बहुत ही ज्यादा आनंद आ रहा था. मेरी सिसकियाँ भी बढ़ने लगी … मेरे मुंह से अपने आप निकलता जा रहा था – “मेरी चूचियां मसल डालो जीजा जी …. हाँ …जरा जोर से मसलो ….. मज़ा आ रहा है ….. हाय …..मसलो डालो ….. झटके दे दे..के चोदो राजा..हाँ..हा …ऐसे ही …..चोद डालो मेरे राजा ….”

मेरी सिस्कारियां बढती जा रही थी. मेरे चूतड अब तो अपने आप ही नीचे से उछल उछल कर उसके लंड को अन्दर बाहर कर रहे थे.. समीर के धक्के भी जोरदार पड़ रहे थे … उसके मुंह से सिस्करिआं तेज होने लगी ……. अचानक ही उसके मुंह से निकला – “नेहा ….. नेहा …. मैं तो गया ….. हाय..मैं गया ……मुझे कस के पकड़ ले ना ….अरे..रे..रे..गया …..हा आया …. हा आया. ”Ski School 2

मैं समीर से जोर से चिपक गयी मेरा भी निकलने ही वाला था ……… वो अपना लंड जोर से चूत में दबाने लगा ने……और मैं …. मैंने अपने दोनों टंगे ऊँची करके चूत को लंड पर गडा दिया ……. और पूरा जोर लंड पर लगा दिया …..

ऊऊईई ए ….हाय राम ……मर गयी ए ……. पानी निकल गया या …….अरे …निकला रे …हाय …..चोद दे …चोद दे..हाय रे आह …आह …आआह्ह् … गई ..गऽऽई ……अआः …चुद गई ….चुद गई …आह ….आःह्छ “ सिसकारी भर कर मैंने पानी छोड़ दिया ….. उधर समीर ने अपना लंड निकला और मेरे बूब्स पर अपना लावा उगलने लगे …. रुक रुक कर उसका लंड रस उछाल रहा था …
XXX Porn for Women: Hotter, Hunkier, and More Helpful Around the House!
मैंने तुंरत उसका लंड अपने मुंह में ले लिया. और उसका चिकना चिकना रस चाटने लगी. लंड को पूरा साफ़ करके मैं आराम से लेट गयी. समीर भी मेरी बगल में लेट लगे …… वो हांफ रहे थे. मैं करवट लेकर उस से लिपट गयी ….. हम वैसे ही नंगे पड़े रहें और हम दोनों कब सो गए हमें पता भी नही चला ………..

जिन्दगी की पहली गांड मारी

This summary is not available. Please click here to view the post.