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नन्दोई ने घोड़ी बनाकर चोदा


९ इंच लम्बा लंड पकड़ते ही मेरी चूत में खुज़ली होने लगी

ननदोई चूत फाड़ डालो आज

मेरा नाम पम्मी है। मैं पंजाब की रहने वाली हूँ। मेरी उम्र २२ वर्ष है। मेरी शादी आज से ठीक २ वर्ष पहले हुई थी। शादी के पहले मैंने अपने हर आशिक के साथ जिस्मानी ताल्लुक़ात बनाए। एक बार मम्मी ने मुझे रात को अपने घर की छत पर अपने पड़ोसी से चुदवाते हुए पकड़ लिया। यहाँ मैं जिक़्र करना चाहती हूँ कि पापा के पीछे से मैंने अपनी माँ को बहुत से गैर मर्दों के साथ हम-बिस्तर होते देखा और मेरी बड़ी बहन २ बार लड़कों के साथ भाग गई। दूसरे नम्बर वाली बहन अपने आशिक़ के साथ शादी करके चली गई। एक भाई है जिसे मम्मी ने हॉस्टल में रखा है। जिस बेटी ने बचपन से अपनी माँ को ग़ैर मर्दों की बाँहों में झूलते देखा हो वो लड़की बड़ी होकर वही सब करेगी ही।

जिस दिन मेरी माँ ने मुझे पकड़ा, वो कुछ कहती, उसके पहले मैंने कहा- तुम कौन सी दूध की धुली हो?

चलो दोस्तों, इसी वज़ह से मेरी शादी कर दी गई प्रदीप शर्मा के साथ। पहली रात वो दारू के नशे में धुत्त होकर आया। उसने मुझे कुछ ही पलों में नंगी करके अपना लौड़ा मेरे हाथ में दे दिया। लौड़ा देखकर मैं भी गरम हो गई। वो भी जल्दी मुझ पर सवार हो गया। उसका लंड सामान्य आकार का था। मेरे जैसी लड़की जिसने शादी के पहले मन-मर्ज़ी के हट्ठे-कट्ठे लड़कों के साथ चुदाई के मज़े लिए हों, उसके लिए छोटा ही था। उसके नशे ने मेरी पोल नहीं खुलने दी। मैंने झूठ-मूठ दर्द का नाटक किया और अपनी चूत को साँस खींच कस सा लिया। सुहागरात के बाद भी वो बिस्तर में दारू पी कर आता।

मेरी ननद पेट से है, और सासू माँ उसका ख़्याल रखती है, और मुझे बाँझ कह कर ताने मारती। ननद की वज़ह से ननदोई जी भी रोज़ रात को अपने कार्यालय से इधर ही आते, क्योंकि वो अकेले डिनर कहाँ से करते। उनका हमारे यहाँ आना मुझे बहुत भाता। उनकी नज़र भी शुरु से ही मेरे प्रति ख़राब थी। इसी बीच मेरे पति का आबूधाबी का वीज़ा आ गया। पापा ने उसको वहाँ काम दिलवा दिया और मुझे जल्दी साथ ले जाने को कह वो दुबई चले गए।

दोस्तों चाहे वो लण्ड छोटा था, लेकिन लण्ड तो लण्ड ही है, इसके बिना औरत शान्त नहीं होती। मैं भी प्यासी रहने लगी, बिस्तर पर करवट बदलती रहती। तभी एक रोज़ सासू-माँ ननद का चेकअप करवाने के लिए ले गई। ननदोई जी को ऊपर वाला हिस्सा दिया हुआ था। जब तक उनके बच्चा नहीं होता, दीदी ऊपर नहीं जाती थी। ननदोई जी को मैं सुबह में कॉफी दे कर आती थी। ननदोई जी का आकर्षण मेरी ओर बढ़ता जा रहा था, जिसकी वज़ह मैं भी थी और वो भी। दोनों एक-दूसरे की आँखों में कुछ-ना-कुछ तलाश से करते रहते। वासना की आग बराबर लगी ती। मैं भी अब ननदोई जी की हरक़तों को रोकती नहीं। जानबूझ कर गहरे गले की कमीज़ पहन उनको पानी वगैरह देती, और देते वक्त सामने झुक जाती। वो भी मुझे दिखाकर पैन्ट के ऊपर से ही लंड को खुजलाते। एक-दो बार रसोई में निकलते हुए मेरी चूचियाँ भी उन्होंने दबाईं।

एक शाम मम्मी ननद को चेक करवाने अस्पताल गईं थीं। इधर मैं अकेली थी। तभी ननदोई जी आए, मैं जानबूझ कर अपने बिस्तर पर लेट गई। अपनी कुर्ती को इस तरह सरका दिया, और ब्रा भी खोल दी जिससे मेरी क़हर ढाती प्यासी जवानी दिखने लगी। मेरे दोनों मम्मे साफ़ दिख रहे थे। तभी दरवाज़ा खुला और आवाज़ आई, "मम्मी !"

जब किसी ने उत्तर न दिया तो वो मेरे कमरे में पहुँचे और देखकर आवाज़ दी। मैंने सोने की ऐक्टिंग की।

वो कुण्डी चढ़ा कर मेरे बिस्तर पर बैठ गए, फिर आवाज़ दी। मैं चुप ही रही। वो आहिस्ते से मेरे पैरों की तरफ बैठ अपना हाथ मेरी जाँघों पर फेरने लगे। साथ में एक हाथ से मेरा मम्मा दबोच लिया और निप्पलों को चूसने लगे। सीईईईईई मैंने आँखें खोलीं और उनको अपने ऊपर गिरा लिया। अचानक से यह देख वो हैरान रह गए।

मैंने उनकी शर्ट उतार कर उनकी घने बालों से भरी छाती पर हाथ फेरते हुए काट लिया। वो मेरे होंठों को चूसने लगे। नीचे से ऊँगली से योनि के दाने को मसलने लगा। मैं पूरी तरह गरम पड़ी हुई थी। मैंने जल्दी से पैन्ट के ऊपर से लंड पकड़ लिया। उन्होंने तुरन्त पैंट और अण्डरवियार उतार दिया।

बाप-रे-बाप, ९ इंच लम्बा और ३ इंच मोटा साँवले रंग का लंड पकड़ते ही मेरी योनी में खुज़ली होने लगी। मैंने झट से उसका लंड बाहर निकाल और मुँह में भर कर चपड़-चपड़ करते हुए चूसने लगी। वो सीधे लेटे हुए अपने पाँव के अँगूठे से मेरी योनि मसलने लगे। फिर उन्होंने 69 में आकार बना कर अपनी पूरी ज़ुबान अन्दर डाल दी, बोले, "भाभी जी बहुत तड़पाया है आपने, आज मसल दूँगा आपके कोमल बदन को।"
मैंने कहा, "आपने भी कम नहीं तड़पाया है, दूर से इस लंड को खुज़लाते थे, वो भी इतना सॉलिड लम्ड। कितने दिनों से मेरे अन्दर कोई लण्ड नहीं गया है।"

मेरी कसी हुई गीली योनि को देख कर वह स्वयं को रोक नहीं पाए और बीच में बैठ लंड मेरी योनि पर रखते हुए धक्का मारा। थोड़ा दर्द हुआ, लेकिन मैंने भी दाँतों को भींचते हुए सब सह लिया, क्योंकि मैं एक खेली-खाई लड़की थी। पता था कि मज़ा तो मोटा लंड ही देता है। एक बार दर्द के बाद जो मज़े देगा, वह मैं अच्छी तरह से जानती थी। फिर उनका पूरा लंड योनि में डलवा लिया।
आह्ह्ह्हह्हहह ! दोस्तों ! इतना मोटा लौड़ा मैंने शादी से पहले नहीं लिया था। वेबसाईटों पर देखा था, क्या मर्द था वो, असली देसी घी खा-खा कर उसका सारा शरीर ही शक्तिशाली हो गया था। उनकी जाँघों में क्या दम था कि ज़ोर-ज़ोर से मुझे रौंदने लगे। दनादन मेरे मुँह से अचानक गन्दी बातें निकलने लगीं। मैं जब चुदती थी शादी से पहले, तब इन्हीं गन्दी बातों से मुझे और गर्मी मिलती। ओह... यस्स्स बहनचोद... मार हरामी... मार हरामी... तेरी औरत पेट से है ना। मुझे अपनी रंडी समझ... आह्ह्ह्हह्हहह उह्ह्ह्हहह उसने लौड़ा निकाल लिया। मुँह में डाल दिया। गीला लौड़ा मैंने चाट-चाट साफ़ कर दिया और लॉलीपॉप की तरह चूस के बिल्कुल एक नंगी कुतिया बन गई। बहुत दिनों से लौड़े की भूखी थी, भूल गई कि हमारा रिश्ता क्या है। बस दोनों के सिर पर चुदाई का भूत सवार था। थोड़ा चूसने के बाद जब मेरी योनि में लौड़े की प्यास बढ़ने लगी तो ननदोई जी को समझ में आ गया कि अब घोड़ी की तरह चुदने के लिए तैयार है।

मैं उनके सामने घुटने टेक घोड़ी बन गई और वो पीछे से मेरी योनि को फटाफट चोदने लगे। आहा... ननदोई जी फाड़ डालो आज इसको... कसम से मैं आपकी दीवानी थी। और मेरी बातें सुन-सुन कर वो और तेज़ी से लौड़ा आगे-पीछे करने लगे। वाह क्या लौड़ा था। माँ क़सम मान गई.. कई लड़कों ने मुझे चोदा था लेकिन ननदोई जी के तेज़ धक्कों से मैं पिघल चुकी थी, और मैं झड़ गई। लेकिन ननदोई जी असली मर्द थे, उन्होंने मुझे फिर से सीधा लिटा कर दोनों टांगों के बीच आसन लगा लिया। मेरी योनि उनके लौड़े की रगड़ सहन नहीं कर पाई, पर अभी उनका काम अभी कहाँ बना था,। उन्होंने मेरी दोनों टाँगें अपने कंधों पर रख कर मेरी गांड के छेद पर थूक लगा कर अपना लंड पेल दिया। ईईईईईई... कमीने यह क्या किया मररररर गई... उईईईई माँआआआआ.. पूरा लौड़ा अन्दर गया और फिर तेज़ धक्कों से अब मुझे मज़ा आने लगा, और मैं नीचे से गांड उठा-उठा कर चुदवाने लगी और वो भी मेरी इस हरक़त से झड़ने के क़रीब आए तो लंड योनि में डाल दिया और फिर उनके लौड़े ने मेरी कोख में पिचकारी मारी। उसके पानी से मैं दूसरी बार झड़ गई।

दोस्तों, उसके बाद मेरे और ननदोई जी मैं अवैध सम्बन्ध बन गए। वो जितने दिन रुके, जब भी माँ ननद के चेकअप या किसी काम से सासू-माँ अकेली जाती लेकिन ननद का पेट अधिक निकल आया, तो वह अपने कमरे में रहती, मैं और ननदोई मज़े लेते। और दोस्तों ठीक हफ़्ता पहले मेरे पैर भी भारी हो गए। सासु माँ खुश हैं। पति को फ़ोन पर उसने बताया, वह भी खुश है। लेकिन मैं और ननदोई जी जानते हैं कि बच्चा हम दोनों का है।

लण्ड अन्दर डालो, मैं बहुत सालों से प्यासी हूँ।





मैं हिमाचल में अभी रह रहा हूँ पर मैं हरयाणा से हूँ! मेरे पास होटल भी है और मैं बहुत ही कूल पॉइंट पे हूँ! मेरी उमर २७ साल है मैं जितना ही कम उमर का हूँ उतना ही बड़ा लंबा और चौड़ा हूँ। मैं अभी अविवाहित हूँ मैंने आज तक बहुत फुद्दी, गांड मारी है! पर जितना मज़ा बड़ी उमर की फुद्दी में है किसी में नहीं है!

ऐसे ही एक मेरी चाची मेरे से २० साल बड़ी मतलब कि वो ४७ की पर मैं २७ का, उसकी फिगर ३८ ३२ ४० थी! मैं ऐसे ही उनके घर चला गया। चाचा मेरे ड्यूटी करते थे, उनके ड्यूटी जाने के बाद एक दिन मैं सुबह अपनी चाची के साथ रसोई में काम करवा रहा था। उसके बूब्स मेरे साथ टकरा गए और मेरा लण्ड पूरा गर्म हो गया। इतने में मैं पूरा गरम हो गया। मेरी चाची ने देखा कि मेरे चेहरे का रंग पूरा लाल हो गया था मेरी चाची ने पूछा- क्या हुआ तुम्हें?

मैं एकदम चुप कर गया, मैंने बोला- मेरे को बाथरूम जाना है अभी।

मेरी चाची बोली- ठीक है।

जैसे ही मैं गया मैंने अपना लण्ड निकाला तो वो पूरा ८.५" का हो गया था। मेरी चाची वो सब कुछ बाथरूम की खिड़की से देख रही थी मेरे को नही पता था। जैसे ही उसने मेरे लण्ड को देखा वैसे वो ओहह्ह्ह्ह्छ आह्ह्ह्ह्ह्ह्छ करने लगी। मैं कुछ समझा नहीं कि यह आवाज़ें कहाँ से आ रही हैं। मेरा जैसे ही काम हुआ और मैं बाहर निकलने लगा तो देखा कि मेरी चाची ने अपनी बुर में ऊँगली डाली हुई थी और पूरी मस्ती में थी।

मैं चुपचाप देखता रहा, जब उसका काम हो गया तो मैंने बोला- चाची यह तुम क्या कर रही थी!

मेरी चाची ने बोला मेरे को कि इतना बड़ा लण्ड कभी नहीं मिला जो मैंने बाथरूम की खिड़की से तुम्हारा देखा।

मैंने बोला- चाची मैं ४ साल से तुम्हारी बुर के बारे में सोचता रहता था पर आज तुम मौके पर मिली हो, आज मैं तुम्हें नहीं बक्शूंगा! मैं उसे बिस्तर पर उठा के ले गया। उसकी ब्रा खुली तो कभी सोच नहीं सकता कि इतने बड़े मुम्मे होंगे। जैसे ही मैंने पकड़े मेरी चाची के मुम्मे, मेरा लण्ड ५ मिनट मैं दुबारा खड़ा हो गया। ऐसा चूसा मैंने चाची को कि आज भी वो अपनी दूसरी सुहागरात याद करती है। जैसे ही मैंने अपना लण्ड चाची की फुद्दी के साथ लगाया मेरी चाची बड़ी गरम हो गयी बोली- एक बार अन्दर डालो, मैं बहुत सालों से प्यासी हूँ।

जैसे ही मैंने डाला तो वो रोने लगी मैंने बाहर निकाला तो मेरे को बोली- अन्दर डालो! मैं एक अच्छा खिलाड़ी हूँ। २५+ उमर की फुदी का, कोहिनूर का एक्स्ट्रा टाइम कंडोम था।

मैंने चाची को तीन बार झाड़ दिया पर आखिरी मैं हार गया मेरा भी काम हो गया। वो चाची के साथ दिन आज भी मेरे याद आते हैं।

ऐसे ही बहुत फुदी मारी मैंने।
स्रोत -मस्ती ब्लास्ट

बहन की चूत फाड़ डाली


बहन के साथ सेक्स करना बुरा नहीं है अगर आप दोनों अपनी मर्जी से करते हैं क्योंकि हर इन्सान को खुश रहने का हक़ है।

मेरा नाम अमित है, मैं इंदौर का रहने वाला हूँ और मैं २० साल का हूँ। मैंने इतनी सारी कहानियाँ पढ़ी अन्तर्वासना पर तो मेरा भी मन किया कि मैं भी कुछ इन सब कहानियों से अनुभव ले कर कुछ करूँ क्योंकि मैंने तब तक सेक्स नहीं किया था किसी के साथ भी ! हालांकि इच्छा बहुत होती थी। पर मौका नहीं मिलता था और मैं जिस स्कूल में पढ़ता था वहाँ लड़कियाँ नहीं थी। जब मैंने कहानियाँ पढ़ी तो इसमें बहुत सी कहानियाँ सगे भाई-बहन की भी थी। पहले तो मैं यह सोचता था कि क्या ऐसा संभव है? पर ये सब कहानियाँ पढ़कर यकीं आने लगा और मैंने सोचा कि क्यों ना मैं भी कोशिश करूँ !It's Good to Be the King

मेरी बहन प्रियंका मुझसे ३ साल बड़ी है और वो बहुत सेक्सी है, 38-28-36 रंग गोरा। उसकी शादी नहीं हुई है। उससे मैं कभी भी फ्रैंक भी नहीं रहा था।

छः महीने पुरानी बात है। वो कभी रात को मेरे पास भी सो जाया करती थी तो मैंने एक दिन कोशिश की। जब वो रात को गहरी नींद में सो रही थी, उसने २ पीस वाला गाऊन पहना था और अन्दर ब्रा भी पहनी थी। रात के २ बजे की बात है, मैं उठा और कमरे की लाइट जला दी। प्रियंका सो रही थी, उसके वक्ष साफ दिख रहे थे। मुझे थोड़ा सा डर भी लग रहा था कि वो मुझे देख ना ले पर मैंने हिम्मत से उसके स्तन पर हाथ रखा, पहले गाऊन के ऊपर रखा। सच में ऐसा लग रहा था कि किसी गुब्बारे पे हाथ रख दिया हो। फिर मैंने उसके गाऊन के अन्दर हाथ से रखा। सच में ऐसा मज़ा आया कि जैसे मैं जन्नत से भी बहुत अच्छी जगह पे आ गया हूँ।Kama Sutra: A Tale of Love

मैंने धीरे-धीरे उसके स्तन दबाए और फिर दोनों हाथ से दोनों स्तन को दबाने लगा। सच में बहुत अच्छा लग रहा था मुझे। फिर मैंने उसके गुलाबी होठों को चूमा। आहा ! इतना मज़ा आया। फिर उसकी गर्दन पर चूमा। इतने में मुझे लगा कि शायद वो जाग गई है और सोने का नाटक कर रही है। मुझे इससे और हिम्मत मिल गई। मैंने उसका गाऊन नीचे से ऊपर किया, उसकी गोरी और चिकनी टांगें मुझे दिख रही थी।

इतने में वो उठ गई और बोल पड़ी- यह क्या कर रहा है तू ?

मैं डर गया और एक मिनट के लिए कुछ बोल ना सका। इतने में वो बोल पड़ी- तू रुक क्यों गया ? कर ना ! मैं कब से इस सब के लिए तड़प रही थी ! आजा ! आज हम ऐसा हनीमून मनाएँगे जो आज तक किसी ने ना मनाया होगा !

मुझे यह सुनकर बहुत मजा आ गया। फिर हम चूमा चाटी करने लग गए, एक दूसरे के होठों को चिपका कर एक दूसरे की जीभ से अन्दर ही अन्दर मज़ा कर रहे थे और मैं साथ में उसके स्तन भी दबा रहा था। फिर मैंने उसके गाऊन का ऊपर का कपड़ा उतार दिया। मुझे इतना अच्छा लग रहा था, उसको ऐसा मेरा देखना उसको भी बहुत अच्छा लग रहा था। वो सिसक सिसक कर बोल रही थी- मुझे प्यार कर ! मुझे प्यार कर !

उसका ऐसा कहने से मुझे जोश चढ़ रहा था और मेरा लण्ड बिल्कुल खड़ा हो गया। मैंने उसका गाऊन पूरा उतार दिया और अब वो सिर्फ पैन्टी और ब्रा में मेरे सामने थी और मैं सिर्फ चड्डी में ! मेरी चड्डी में से मेरा लण्ड साफ़ दिखाई दे रहा था। मेरी बहन ने मेरे चड्डी उतार दी और मेरे लण्ड को देखने लगी और एक दम से उसने मुँह में ले लिया और बरफ के लड्डू जैसा चूसने लगी।

मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था। वो मेरा लण्ड चूस रही थी और मैं उसके स्तन दबा रहा था। वो १५ मिनट तक उसको चूसती रही। फिर मैंने उसकी ब्रा और पैन्टी उतार दी और उसकी चूत को चाटने लगा। वो आऽऽ आऽऽ आ कर के सिसकने लगी और मुझे बोलने लगी- अब अन्दर डालो !

पर मैं इतनी जल्दी नहीं डालना चाहता था। मैं उसे और गरम करना चाहता था। मैं उसकी पूरी बॉडी को किस करने लगा, चाटने लगा। फिर मुझे कमरे में शहद की बोतल दिखी, मैंने उसे उठाया और उसके दोनों स्तनों पर और चूत पर डाल दिया और चेहरे पर भी और फिर उसके चेहरे को चाटने लगा जीभ से ! मुझे बहुत मजा आने लगा। फिर उसकी चूचियों को चाटने लगा क्योंकि मैंने शहद डाल दिया था इसलिए चूसने में बहुत मज़ा आने लगा और चूत को चाटने में सच में ऐसा आनंद आ रहा था कि सोचा अगर यह सब जीवन में ना किया होता और मैं मर जाता तो मेरा इस जीवन में आना व्यर्थ हो जाता।

फिर मेरी बहन इतनी गरम हो चुकी थी कि उससे रहा ना गया, उसने मेरे लण्ड को पकड़ के डालना चालू कर दिया। बस मैं इसी का इन्तज़ार कर रहा था। मैं तो पहली बार सेक्स कर रहा था पर शायद मेरी बहन किसी से करा चुकी थी। मैंने पूछा कि पहले किसके साथ सेक्स किया है तूने ?

उसने बोला- राहुल के साथ !

मैं भौंचका रह गया क्योंकि राहुल मेरी मासी का लड़का है।मैंने बोला- मजाक मत कर !

उसने कहा- मैं मजाक नहीं कर रही हूँ, रानू भी राहुल के साथ सेक्स करती है !

रानू राहुल की बहन है !

मैं बोला- क्या बात है ! चलो अच्छा है !

मैंने प्रियंका को बोला- क्या रानू को पता है कि तूने राहुल के साथ किया है?

उसना बोला- हाँ !

फ़िर मैंने उसको बोला- क्या रानू दीदी मेरा साथ करेंगी ?

उसने बोला- बिल्कुल करेगी !

मैं ख़ुशी से पागल हो गया क्योंकि रानू दीदी बिपाशा बसु से भी ज्यादा सेक्सी है, सेहत, कद और फिगर सभी में !

फिर मैंने प्रियंका को चोदना चालू कर दिया। मुझे भी थोड़ा सा दर्द हो रहा था अन्दर डालने में। और अब मैंने उसके पूरा अन्दर डाल दिया था। मुझे उसने कहा- धीरे धीरे अन्दर बाहर कर !

मैं वैसे ही करने लगा, मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा। साथ में मैं उसकी चूचियाँ दबा रहा था और चूम भी रहा था। फिर वो झ्ड़ने लगी और मैं भी ! तो मैंने अपना लण्ड बाहर निकालने की कोशिश की पर प्रियंका ने मुझे निकालने नहीं दिया और हम दोनों झड़ गए। मेरा वीर्य उसके अन्दर ही रह गया।

मैंने उसको बोला- अब क्या होगा ? आप प्रेगनेंट हो जाएंगी !

उसने बोला- डर मत ! सब गोली आती है, मेरी आदत है।

उसके बाद हम दोनों एक दूसरे से लिपट गए और किस करने लगे और फिर सो गए क्योंकि हमारा मम्मी पापा बाहर रहते थे, इसलिए हमे कोई डर नहीं था।

फिर सुबह बहन पहले उठ गई थी तो उसने उठते ही मुझे उठाया और उठते ही हमने एक बार फ़िर वही कियाजो रात में किया था।

हम दोनों बिल्कुल नंगे थे, मैंने उसको बोला- चल अपन साथ में नहाते हैं !

उसना बोला- बिल्कुल !

और साथ में नहाने का आनंद क्या है यह तो आपको पता ही है।

फिर उसने मुझे बोला- अपन दोनों अब आज के बाद पति-पत्नी जैसे रहेंगे !

मैंने बोला- क्यों नहीं ! LSD: Love, Sex Aur Dhokha Poster Movie Indian D (11 x 17 Inches - 28cm x 44cm)




साभार - अंतर्वासना

दीदी की गुलाबी चूत में लंड

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बाबू जी का मस्त लण्ड

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ज़िन्दगी की पहली चुदाई


मुझे सेक्स के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं थी मगर मेरी एक बहन थी वो मुझसे उमर में ६ साल बड़ी थी। हम लोग अक्सर टीवी देखते वक़्त अपनी पसंद का चैनल देखने के लिए झगड़ते थे। तब वो रिमोट को अपने पास जबरदस्ती छुपा देती थी। वो रिमोट को अपने बूब्स के ऊपर दबा के रख लेती थी और मुझे चिढाती थी। तब मैं गुस्से में रिमोट लेने के लिए जाता तो वो रिमोट लेने के लिए बढ़े मेरे हाथों को अपने हाथों से बूब्स को दबवाती थी और फ़िर धीरे धीरे मुझे अपने साथ बिस्तर पर ले जाकर मुझे लिटा देती थी। वो धीरे धीरे मेरा हाथ अपने कुरते के अन्दर ले जाकर अपने बूब्स दबवाती थी।

इस तरह अक्सर हमारे बीच में होता रहता था। जैसे जैसे वक़्त बीतने लगा, ऐसा होने पर मुझे कुछ कुछ होने लगता था और धीरे धीरे मुझे पता लगने लगा कि मेरे साथ क्या हो रहा है। मुझे सेक्स के बारे में जानकारी होने लगी। फ़िर मैं जान बूझ कर टीवी देखते वक़्त अपनी बहन के साथ झगड़ा करता और धीरे धीरे उसको बूब्स को दबाता, मुझे अब मजा आने लगा था। वो कई बार मेरा इस्तेमाल करती, जब उसे सेक्स करने की इच्छा होती, वो मुझसे अपने बूब्स दबवाती अपनी चूत में मेरी ऊँगली पकड़ के डालती और फ़िर थोडी देर बाद चली जाती और मेरा लंड खड़ा का खड़ा रह जाता। फ़िर मैं गुस्से से उसकी तरफ़ देखता रहता।

उस वक़्त मुझे मुठ मारने के बारे में पता नहीं था। ऐसा कई बार होता कि वो आकर मुझसे बूब्स दबवाती, चुसाती अपनी चूत में मेरी ऊँगली डलवा कर हिलाती और थोडी देर बाद चली जाती। मैं हर बार सोचता रहता कि उसको कैसे चोदूँ मगर वो मुझे कभी चोदने नहीं देती थी।

एक रोज जब हम सबको बाहर जाना था तो वो ऊपर के कमरों को देखने गई कि कुछ खुला तो नहीं रह गया ना ! सभी लोग घर से बाहर निकलने लगे थे तभी मैं मेरी बहन के पास ऊपर गया। उसने सभी खिड़की दरवाजे बंद कर दिए थे और अचानक मैं उसके पास पहुँच गया। मैंने उसे पकड़ लिया, उसने अपने आपको छुडाने की कोशिश की मगर मैं एकदम अपने आपे से बाहर हो गया था। उस वक़्त मेरे दिमाग में सिर्फ़ और सिर्फ़ हवस भरी हुई थी। मैं उसे छोड़ना नहीं चाहता था इसलिए मैंने उसे कस कर पकड़ लिया और उसके कपड़े खींचने लगा, उसे चूमने लगा, किस करने लगा मगर उसने मेरा हाथ अपने मुँह में ले कर काट लिया और अपने आप को छु्ड़ा कर नीचे चली गई।

उस वक़्त मुझे काफी निराशा हुई। उस दिन भी मुझे कुछ करने का मौका नहीं मिला। तब से मैंने तय कर लिया कि आज के बाद चाहे जो हो जाए लेकिन मैं अपनी उस स्वार्थी बहन के साथ कभी भी सेक्स नहीं करूँगा।

थोड़े दिनों के बाद जब मैं अपने बिस्तर पे सो रहा था तो वो आई, मेरा हाथ पकड़ा और अपने बूब्स दबवाने लगी तो मैंने अपना हाथ उससे छुड़ा कर वहां से चला गया। लेकिन मेरा लंड तो खड़ा हो गया था । मुझे ऐसा लग रहा था के काश कोई लड़की मिल जाए तो साली को पकड़ कर उसकी चूत में अपना लंड डाल कर जन्नत की सैर कर लूँ मगर कुछ हाथ नहीं लगा।
थोड़े दिनों बाद मेरी मौसी की लड़की जिसकी उमर भी मेरे जितनी थी वो मेरे घर पे आती जाती रहती थी मेरा मन ललचाया कि क्यूँ ना इस के साथ सेटिंग की जाए।

फ़िर मैं सोचने लगा कि किस तरह इसके साथ सेटिंग किया जाए?

एक दिन मैं टीवी देख रहा था, तभी वो ऊपर आई टीवी देखने लगी मुझे कुछ कुछ होने लगा। मैंने सोचा कि जाकर इसको पकड़ लूँ, मगर डर लग रहा था। बहुत टाइम से मेरा लंड भूखा था और मेरी उस स्वार्थी बहन जो सिर्फ़ अपनी प्यास बुझवाती थी, उसने कभी भी मुझे चोदने नहीं दिया था। इस लिए मुझे इसे तो किसी भी कीमत पर चोदना ही था।

मैं पलंग से धीरे से उठा और उसे कहा- तुझे अगर सोना है तो तू यहाँ पलंग पर सो सकती है, मैं बैठ जाता हूँ।

तो उसने कहा- ठीक है !

फ़िर वो पलंग पर आ के लेट गई और मैं वहीं पलंग पर बैठ के टीवी देखने लगा। फ़िर धीरे धीरे मैं अपना हाथ उसके पैरों पर फिराने लगा। उसे गुदगुदी हो रही थी इसीलिए उसने कोई विरोध नहीं किया। उसे उसमे मजा आ रहा था मगर उसे सेक्स के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। धीरे धीरे मैं उसकी जांघों के करीब अपना हाथ ले गया और थोड़ी देर सहलाने के बाद मैंने उससे पूछा- मजा आ रहा है?

तो उसने कहा- हाँ ! मगर तुम यह क्या कर रहे हो?

मैंने कहा- देखो किसी से कहना मत ! वरना हम दोनों को बहुत मार पड़ेगी !

उसने कहा- नहीं कहूँगी !

मैंने कहा- ठीक है !

मैंने उससे कहा- पिक्चर में हीरो हेरोइन जैसे एक दूसरे को चूमते हैं और मजे करते हैं हम भी वैसा ही करेंगे ! बहुत मजा आयेगा।

उसने कहा- ठीक है !

फ़िर मैं अपने हाथों को उसके सीने की ओर ले गया और उसके छोटे छोटे बूब्स को दबाने लगा। उसके बाद मैंने उससे कहा कि अब तुम अपनी कमीज उतार दो !

तो उसने अपनी कमीज उतार दी। फ़िर मैंने उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया। मैं बारी बारी से उसके बूब्स को दबाता और चूसता। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मुझे लगा कि अब मेरी चोदने की इच्छा पूरी हो जायेगी और मुझे अपनी उस मतलबी बहन की ज़रूरत भी नहीं पड़ेगी, क्यूंकि मेरे पास अब मेरी मौसी की लड़की थी।
Women's Native Indian Princess Costume Brown/Multi, Small
मेरी इच्छा पूरी होने वाली थी। मैंने जल्दी से अपनी पैन्ट उतारी और लंड एकदम से बाहर आ गया, मैंने चड्डी नहीं पहनी थी। मैंने उसे लंड दिखाते हुए कहा- देख कैसा लग रहा है?

तो उसने कहा- ये क्या है?

उसे वाकई में पता नहीं था सेक्स क्या होता है, लंड क्या चीज़ है।

मैंने उसे कहा- इसको इसे मुँह में लेकर चूस ! बहुत मजा आयेगा !

उसने उसे मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद मुझे एकदम से गुदगुदी हुई। मुझे बहुत मजा आ रहा था और अचानक मेरे लंड से कुछ सफ़ेद चिकना सा निकलने लगा तो मेरी बहन ने एकदम से मेरा लंड अपने मुँह से बाहर निकल लिया और कहा- यह क्या है?

उस वक़्त मुझे भी पता नहीं था कि यह क्या है।

मैं घबरा गया और जल्दी से हम दोनों ने कपड़े पहन लिए और हम वहां से चले गए। फ़िर मैंने बाथरूम में जाकर अपने लंड को देखा कि क्या हुआ था।

उसके बाद मैंने अपने दोस्तों से पूछा कि यारो कल मेरे लंड से कुछ निकला था। फ़िर मुझे पता लगा कि वो वीर्य होता है और १२ साल के आसपास लड़कों को यह निकलना शुरू हो जाता है। फ़िर मुझे मुठ मारने का मतलब पता चल गया।

कुछ रोज़ बाद जब मेरी मौसी की लड़की फ़िर से मेरे घर आई तो मैंने उसे ऊपर आने को कहा। वो ऊपर आई, फ़िर मैंने उसे धीरे धीरे नंगा करना शुरू किया क्यूंकि मुझे अपना अधूरा काम पूरा करना था, ज़िन्दगी की पहली चुदाई करनी थी।

मैंने उसका लहंगा भी उतार दिया, फ़िर मैंने अपनी पेंट भी उतार दी। मैंने उसे किस किया, बूब्स दबाना और चूसना शुरू कर दिया। फ़िर मैंने उसे अपना लंड मुँह में लेने को कहा मगर उसने मना कर दिया। मैंने भी कोई जबरदस्ती नहीं की। फ़िर मैं उसके ऊपर लेट गया और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया और कहा कि तुझे जहाँ खुजली हो रही है वहाँ इसे डाल दे, यह खुजली मिटा देगा, क्यूंकि मुझे पता नहीं था किस छेद में डालते हैं। फ़िर उसने उसे सही छेद के दरवाजे पर ले जा के खड़ा कर दिया। मैं धीरे से उसके चूत के छेद में डालने लगा, थोड़ी दिक्कत हो रही थी क्यूंकि हम दोनों का पहली बार था। फ़िर धीरे धीरे डालना शुरू कर दिया, मुझे बहुत मजा आ रहा था उसे भी मजा आ रहा था।Playboy / Real Couples 2: Best Sex Ever [VHS]

उस दिन मेरा जन्नत का सफर पूरा हो गया । उसके बाद हम दोनों को पता चल गया था के सेक्स किस को कहते हैं।

उसके बार जितनी भी बार हमने चुदाई की बहुत मजे से की।

यह सिलसिला दो साल तक चला। उसके बाद सब बंद हो गया। तब से अब तक मैंने किसी को चोदा नहीं। मगर चोदने की इच्छा अपने दिल में लिए रोज किसी का इन्तजार करता रहता हूँ।

अंकल ने मेरी गांड में लंड घुसा दिया


मेरा नाम मनोज है ! मैं +२ में पढ़ता हूँ ! गोरा, चिकना, बड़ी-बड़ी गोल-मोल गांड ! अभी मेरे शरीर में बाल नहीं आए, चिकना चुपड़ा बदन है मेरा ! मेरी चाल भी लड़कियों जैसी है। मेरे कुछ सीनियर लड़कों ने मुझ से क्लासरूम में खाली समय में अपने लौड़ों की मुठ मरवाई ! एक दो बार मैंने उनके लंड भी चूसे।

मैं जब भी अकेला घर में होता तो बहन की अलमारी से उसकी ब्रा- पैंटी या टॉप पहन कर शीशे में खुद को देखता रहता। एक रोज़ उसकी अलमारी में मैंने एक व्यस्क-पत्रिका देखी जिसमें लड़के को लड़के से गांड मरवाते और लड़की को लड़की के साथ करते देख मेरा दिल भी गांड मरवाने को करने लगा।

एक दिन शाम को सब बैठ चाय वगैरा पी रहे थे कि तभी गाँव से फ़ोन आया कि मेरे पापा के चचेरे भाई यानि मेरे चाचा का देहांत हो गया है । मेरे पेपर नज़दीक थे तो मैं और दादी रुक गए और सभी गाँव चले गए ! पापा हमारे पड़ोस वाले अंकल को रात हमारे घर रहने को कह गए।

अंकल बहुत ठरकी थे, यह सभी लोग बताते हैं। वो अकेले घर रहते थे ! पीछे से वो तो कामवाली को भी नहीं छोड़ते। मैंने और दादी ने खाना वगैरा खाया। मैं ब्रश करने की सोच ही रहा था कि अंकल ने बेल बजाई। उनको अन्दर आने को कह मैं गेट लॉक करके उनके पीछे ही अन्दर गया। मैंने अंकल को कहा,"आप लॉबी वाला कमरा ले लो, मैंने बिस्तर लगा दिया है।"The Ultimate Guide to Adult Videos: How to Watch Adult Videos and Make Your Sex Life Sizzle

यह कह कर मैं अपने कमरे में चला गया। गर्मी की वजह से मैंने निकर पहन ली और सोचा कि सोने से पहले नहा लूँ। पसीना आया था, अच्छी नींद आयेगी। दरवाज़ा खुला ही छोड़ मैंने कपड़े उतार डाले ! सिर्फ़ चड्डी पहने शावर के नीचे खड़ा नहाने लगा। पानी से मेरी चड्डी गांड से चिपक गई। तभी पीछे से किसी ने मेरी दोनों गांड के चूतड़ों को सहला डाला और पीछे से जफ्फी डाल ली।

मैंने मुड़ कर देखा तो अंकल मुझे बाँहों में लेकर पीछे मेरे साथ चिपके हुए थे।

"यह क्या कर रहे हो अंकल ?" मैंने पूछा !

उन्होंने कहा ,"तेरे साथ नहाने का मन है ! शावर एक ही है, इसलिए सोचा कि तुझसे चिपक कर नहा लूं ! वैसे तू बहुत चिकना है, गांड बहुत सेक्सी है, ऐसे चूतड़ तो किसी लड़की के भी न होंगे।"

फिर मुझे अपनी तरफ़ घुमा के मेरी छाती देख कर बोले ,"यार ! यह तो लड़की की तरह नरम-नरम है और साले यह निपल तो लड़कियों जैसे हैं ।"Kama Sutra

और ऐसा कहते ही पानी से भीगे मेरे निपल को चूसना चालू किया। मेरी गांड में कुछ कुछ होने लगा ! मुझ से रुका नहीं गया । जब अंकल मुझे गरम कर रहे थे तो मेरा हाथ भी उनके लंड पे गया, मैं सहलाने लगा।

अंकल बोले," मसल थोड़ा !"

उन्होंने मुझे नीचे झुका कर मेरे मुँह में अपना लंड डाल दिया। गीला लंड, गीला बदन..............! वो मेरे सिर को पकड़ कर आगे-पीछे करने लगे। शावर बंद कर के मैंने उनके बदन पर साबुन लगते हुए उनकी चड्डी उतार डाली ! मैंने उनके लंड पर साबुन लगा दिया और ख़ुद उनके शरीर से अपने बदन को रगड़ कर साबुन लगवा लिया। वो गांड में ऊँगली करने लगे ! साबुन की वजह से उनकी दो ऊँगलियाँ कब घुस गई ,मालूम ही न पड़ा।

शॉवर में साबुन उतार कर अंकल तौलिए से बदन पोंछ मुझे बिस्तर पे ले आए और बोले," लंड चूस ! मुठ मार !"

उन्होंने मेरी दोनों टाँगे कंधों पर रख पर अपना लंड मेरी गांड पर रगड़ते हुए जोर से धक्का मारा ! फट से लंड घुस गया मेरी गाण्ड में। अंकल ने मुझे मजबूती से पकड़ रखा था। मुझे मालूम था कि शुरू में दर्द होगा ! मैंने अपने हाथ से अपना मुँह बंद कर रखा था। दूसरे धक्के में उनका आधा लंड घुस गया ! मैं छटपटाने लगा दर्द से ............. टीस निकल ही रही थी कि तीसरे धक्के से लंड पूरा घुस गया।

लण्ड मेरी गाण्ड में फंस चुका था ! अंकल ने अपना लंड निकाल के फ़िर से डाल दिया ! उन्होंने तीन-चार बार जब अपना लंड निकाल के डाला तो मुझे मजा आने लगा ! उन्होंने मुझे छोड़ दिया। अब मैं नीचे से गांड उठा उठा उठा कर चुदवाने लगा। अंकल ने मुझे रात में तीन बार चोदा। सुबह मुझसे ठीक से चला नहीं गया ! गांड पे सरसों का तेल लगाया फ़िर ठीक हुआ।

मैं स्कूल गया। शाम को पापा और अन्य लोग न लौटे तो अंकल को फ़िर रुकना था। दो रात में अंकल ने मुझे गांडू बना डाला। उसके बाद मौका मिलते ही मैं झट से उनके घर चला जाता और खूब चुदवाता ! मौका तो मुझे रोज़ ही मिल जाता । अंकल ने मुझे इतना चोदा कि मुझे उसके बाद गांड मरवाने का चस्का लग गया । आंटी के दुनिया से जाने के बाद ही अंकल को यह सब करना पड़ा था।

दोस्तो ! यह थी मेरी गांड में घुसे पहले लंड की ठुकाई !

मेरी गांड में दूसरा लंड किसका घुसा वो अगली बार लिखूंगा !