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उसकी चूत चाट-चाट कर लाल कर दी




मेरा नाम शक्ति अरोरा है। मूल-रूप से मैं लखनऊ से हूँ। मैं २२ साल का हूँ, रोज़ाना जिम करता हूँ इसलिए मेरा ज़िस्म बहुत मज़बूत है। सेक्स के मामले में भी मैं काफ़ी मज़बूत हूँ। अभी करीब १५ दिन पहले की घटना मैं आपको बताने जा रहा हूँ। मैं पंजाब से बी-टेक कर रहा हूँ। शुरूआत से हॉस्टल में रहता था, लेकिन दो सत्रों के बाद मैंने शहर में एक कमरा किराए पर ले लिया था।
उस मकान की मकान मालकिन का नाम कुलजीत कौर था। उसकी फ़िगर क्या बात थी! उसकी चूचियों का तो कोई जवाब ही नहीं था और जब वो चलती तो उसकी पिछाड़ी भी बड़ी सेक्सी लगती थी। उसके चूतड़ दाएँ-बाएँ हिलते थे। मैं तो उसका दीवाना हो गया था। उसकी उम्र लगभग ३५-३६ साल की होगी। उसकी एक लड़की थी, वो भी अपनी माँ पर गई थी।
मकान मालकिन का पति आर्मी में कर्नल था जो कि बहुत कम आया करता था, इसलिए वो प्यासी लगती थी, और जब भी मुझसे मिलती थी या बात करती थी तो वो बड़ी प्यासी नज़रों से देखती थी। मैं उसका इशारा समझता था, लेकिन मैंने कभी कुछ कहा नहीं। एक दिन उसकी लड़की स्कूल गई थी, और मैं उस दिन कॉलेज नहीं गया था तो उसने मुझे आवाज़ दी कि ज़रा यहाँ आना।
मैं जब उसके कमरे में गया तो वो वॉशिंग मशीन में कपड़े धो रही थी। पंजाब में सभी सलवार-सूट पहनते हैं तो उसने भी नीली रंग की सेक्सी सलवार-सूट पहन रखी थी, जिसमें उसकी चूचियाँ बड़ी ही सेक्सी लग रहीं थीं। एक बार मैंने उसे देखकर सोचा कि काश मैं इसे चोद पाता। तभी उसने कहा कि जाओ ज़रा बाज़ार से सामान ले आओ, घर में कोई नहीं है इसलिए तुम्हें कह रही हूँ, मैं भी गीली हूँ। जब भी वह झुकती तो मैं उसकी चूचियाँ देखता रहता और वो भी यह जानती थी।
मैं सामान लेने चला गया, जब सामान लेकर उसे देने गया तो वह नहाने जा रही थी। वह यह कहकर गई कि बैठो, मैं अभी आती हूँ। वो काले रंग की नाईटी में आई, और माँ क़सम, क्या गज़ब ढा रही थी। उसकी चूचियाँ साफ-साफ दिख रहीं थीं, उसने ब्रा नहीं पहनी थी। सामान देकर मैं चला गया।
उसी रात को मैंने अपने कमरे में आहट सुनी, उसने खटखटाया। मैंने दरवाज़ा खोला, उस समय रात के करीब २ बज रहे थे।
वह बोली, “मुझे नींद नहीं आ रही।”
मैंने पूछा - “क्यों?”
तो बोली - “ऐसे ही।” अचानक वह मेरे पास आकर बैठ गई,
फिर पूछती है, “तुम्हारी कोई गर्लफ्रेण्ड है क्या?”
मैंने उत्तर दिया - नहीं।”
उसने फिर पूछा, “आज तक किसी लड़की को नहीं छुआ।”
मैंने कहा, “मन तो करता है, लेकिन अभी तक नहीं।
उसने अचानक मेरा हाथ पकड़ा और किस किया। फिर वो मेरे होठों को अपने होठों से भींचने लगी। मैंने भी अपना हाथ उसकी चूचियों पर रख दिया, उसने मुझे बढ़ावा दिया, “दबाओ, ज़ोरों से दबाओ।”
दूसरा हाथ मैंने उसकी नाइटी में डाल दिया और ऊपर ले जाने लगा, उसने पैन्टी नहीं पहन रखी थी। उसने फटाफट मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरा ८ इन्च का लण्ड चूसने लगी। उसने भी अपनी नाईटी उतार दी। उस समय क्या लग रही थी वो!
फिर उसने अपनी चूत चाटने को कहा, मैंने उसकी चूत चाट-चाट कर लाल कर दी, वो गर्म हो चुकी थी। उसने कहा कि शक्ति अब मुझसे सहा नहीं जाता, चोद दे मुझे, प्लीज़ मुझे चोद दो। फिर मैंने अपना लण्ड उठाकर उसको चोदा। वो चीखती रही… हाय!!!!!! और चोद मेरे राजा…!!!! मैं उसकी चूचियों को खूब दबाता… तो वो और चीखती अ्अअअअ्अअअअआआआआहह्ह्ह्ह्हह्हहहह आआआआआहहहहह… और फिर करीब ३० मिनट के बाद हम दोनों झड़ गए।
उसने मुझे प्यार से गले लगाया और स्मूच्च किया। इसके बाद तो मुझे गिनती भी याद नहीं कि मैंने उसे कितनी बार चोदा।

मेरी प्याशी चूत को फाड़ दो


मैं नीषा हूँ. मेरी उमर २१ साल, रंग गोरा, बोडी एक दम सलीम है. मेरी शादी १ साल पहले सुनील के साथ हूई है. सुनील की उमर २३ साल की थी. सुनील के अलावा घर पर कोई नहीं रहता. मैं सेक्स में बहुत
रुची रखती हूँ. मैंने अपनी लाइफ के बारे में जो ख्वाब देखे थे वो सभी ख्वाब सुनील से शादी करने के बाद टूट गए. सुनील का लंड (पेनिस) बहुत ही छोटा था और उस से मेरी भूख शांत नहीं होती थी.


शादी के बाद जब मैं ससुराल पहुची तो मैंने देखा की एक आदमी एक दम नंगा ही पागलों की तरह हमारे घर के आस पास चक्कर लगता रहता था. दीखने में वो गठीले बदन का सुंदर नौजवान था और कीसी
अच्छे परीवार का लगता था. उसकी उमर लगभग २६-२७ साल की रही होगी. मैंने सुनील से उस पागल के बारे में पूछा तो वो बोले ये तो बहुत दीनो से यहीं आस पास ही घूमता रहता है. मेरे घर के आस पास
बहुत सरे जंगली पेड और पौधे थे जीस से कोई भी आदमी gate के बहार से हमारे घर को आसानी से नहीं देख सकता था. वो जब हमारे घर के आस पास होता तो मैं हमेशा छुप छुप कर उसके लंड (पेनिस) को देखती रहती थी क्यों की उसका लंड (पेनिस) ढीला रहने पर भी लगभग ८” लम्बा और बहुत ही मोटा था. मैंने सोचा की काश एक बार मैं उसके लंड (पेनिस) को अपने हाथो से पकड़ कर देख सकती.

मैं हमेशा सोचा करती थी की काश सुनील का लंड (पेनिस) भी लम्बा और मोटा होता क्यों की सुनील का लंड (पेनिस) लगभग ४” लम्बा और बहुत ही पतला था. मुझे उनसे चुदवाने में बिल्कुल भी मज़ा नहीं आता था. वो पागल रात को हमारे compound में आ जता था और पूरी रात घर के मैं दरवाज़े के पास बैठा रहता था. ये Un दीनो की बात है जब सुनील १५ दीनो के लीये बंगलोर चले गए. उनके जाने के दुसरे दीन रात के ८ बजे के आस पास वो पागल हमारे घर के दरवाजे के पास आ कर बैठ गया. जब वो रात को आ कर बैठ जता तो वो फीर सुबह ही वहाँ से वापस जता था. मैंने सोचा आज उस से कुछ बात करके देखती हूँ. मैंने डरते हुये दरवाज़ा खोला और उस से पूछा खाना खाओगे. उस ने अपना सीर हाँ में हीला दीया. मैं खाना ले आयी और जब वो खाना खा चूका तो उसने इशारे से पानी माँगा. मैंने उसे पानी लाकर दीया. पानी पीने के बाद वो चुपCity Requiem, Calcutta: Gender And The Politics Of Poverty
चाप बैठा रह. मौका अच्छा था मैं उसके बगल में बैठ गयी. मैं तो उसके लंड (पेनिस) को अपने हाथ में लेकर देखना चाहती थी. मैं ये भी देखना चाहती थी की उसका लंड (पेनिस) खड़ा होने के बाद कीतना
लम्बा और मोटा हो जता है.

मैंने अपना हाथ उसके जांघों पर रख दिया. वो कुछ नहीं बोला तो मैं अपना हाथ उसके जांघ पर फीराने लगी. वो फीर भी कुछ नहीं बोला तो मैंने अपना हाथ धीरे धीरे उसके लंड (पेनिस) की तरफ बढ़ा दीया. वो फीर भी कुछ नहीं बोला. अब मेरी उंगलियाँ उसके लंड (पेनिस) को touch कर रही थी. मेरे बदन में सुरसुरी सी होने लगी तो मैंने अपनी ऊँगली उसके लंड (पेनिस) पर फीरनी शुरू कर दी. जब वो फीर भी कुछ नहीं बोला तो मैंने अपने हाथों से उसके लंड (पेनिस) को पकड़ लीया. मैं धीरे धीरे उसका लंड (पेनिस) सहलाने लगी तो वो मुझे घूर घूर कर देखने लगा. उसकी आंखों में भी सेक्स की प्यास एक दम साफ दीख रही थी. थोड़ी ही देर में उसका लंड (पेनिस) खड़ा होने लगा. उसका लंड (पेनिस) tight होने के बाद लगभग १०” लम्बा और बहुत ही ज्यादा मोटा हो गया.

मैं उसके लंड (पेनिस) के साइज़ को देखकर जोश के मारे पागल सी होने लगी और थोड़ी ही देर में मेरी चुत एक दम गीली हो गयी. मुझे अब गलत या सही का कोई होश नहीं रह गया था. मैंने सोचा अगर मैं इस पागल से चुदवा लूं तो मुझे कोई कुछ भी नहीं कह सकेगा. अगर मुझसे कोई कुछ कहेगा तो कह दूँगी की इस पागल ने मेरे साथ जबरदस्ती कीया है. मैंने सोच लीया की आज मैं इस पागल से चुदवा कर रहूंगी भले
ही मेरी चुत का हाल कुछ भी हो. मैं उस पागल का हाथ पकड़ कर घर के अन्दर ले गयी. उसे देख कर लग रह था जैसे उसने कभी नहाया ही ना हो. मैं उसे बाथरूम में ले गयी और उसे एक साबुन देते हुये
नहाने को कहा. मैं खडी रही और वो नहाने लगा. जोश के मारे मेरी चुत फीर से गीली होने लगी. नहाने के बाद उसका गोरा बदन एक दम नीखर आया. उसका लंड (पेनिस) भी बहुत गोरा था. जब वो नहा चूका तो मैं
उसे बेडरूम में ले गयी. मैंने उसे बेड पर बिठा दिया. वो कुछ भी नहीं बोल रह था.

मैंने पूछा तुम गूंगे हो क्या तो उसने अपना सीर हाँ में हीला दिया. मैंने सोचा की ये तो और अच्छी बात है की ये गूंगा है और कीसी से कुछ भी नहीं कहेगा. मैं बेड पर उसके बगल में बैठ गयी. मैंने उसके लंड (पेनिस) को फीर से सहलाना शुरू कर दिया तो थोड़ी ही देर में उसका लंड (पेनिस) खड़ा हो कर एक दम tight
हो गया. मैंने सोचा ये तो पागल है. अगर मैं इस से चोदने के लीये कहा तो कहीँ ये जबरदस्ती अपना पूरा का पूरा लंड (पेनिस) एक झटके से ही मेरी चुत में ना घुसा दे नहीं तो मेरी चुत फट जायेगी.
मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और अपने सरे कपडे उतर दिए. वो मेरे गोरे बदन को घूर घूर कर देखने लगा. मैंने उसके बगल में बैठ गयी और उसके लंड (पेनिस) के सुपडे पर अपनी जीभ फीराने लगी. वो जोश
में आ कर आहें भरने लगा. थोड़ी देर बाद मैंने उस से पूछा, मेरी चुत को चाटोगे तो उसने अपना सीर हाँ में हीला दिया. मैं उसके ऊपर ६९ की पोसिशन में लेट गयी और मैंने उसका लंड (पेनिस) अपने
मुह में ले कर चूसना शुरू कर दिया. वो अपनी उँगलियों से मेरी clitoris को मसलते हुये बडे प्यार से मेरी चुत को चाटने लगा. मैं समझ गयी की वो कीसी औरत को चोदने का पुराना खिलाडी है.

थोड़ी देर तक मेरी चुत को चाटने के बाद उसने अपनी बीच की ऊँगली मेरी चुत में घुसा दी और मेरी चुत के G-स्पॉट को रगड़ने लगा. मेरे सारे बदन में आग सी लगने लगी और मैंने उसके लंड (पेनिस) को तेजी के साथ चूसना शुरू कर दिया. वो मेरे G-स्पॉट को रगड़ता रह और मैं जोश से पागल सी होने लगी. फीर २ मं में ही मैं झाड़ गयी. उसके बाद मैं उसके ऊपर से हट गयी और ढ़ेर सारी cream लाकर उसके लंड (पेनिस) पर लगा दी और थोड़ी cream अपनी चुत में भी लगा ली. Cream लगाने के बाद मैं फीर से उसके ऊपर आ गयी. जैसे ही मैंने उसके लंड (पेनिस) के सुपडे को अपनी चुत की छेद पर रखा तो उसने मेरा सीर पकड़ कर अपनी तरफ खीच लीया और बडे प्यार से मुझे चूमने लगा. उसके होठ एक दम गरम थे.

मेरे सारे बदन में सिहरन सी दौड़ गयी. थोड़ी देर तक मैंने अपनी चुत को उसके लंड (पेनिस) के सुपडे पर राग्डा फीर उसके बाद मैंने अपनी चुत को उसके लंड (पेनिस) पर थोडा सा दबा दिया तो मेरे मुह से हलकी सी चीख नीकल गयी और उसके लंड (पेनिस) का सुपडा मेरी चुत में घुस गया. मुझे दर्द होने लगा तो मैंने उसके लंड (पेनिस) का सुपडा अपनी चुत से बहार नीकल दिया और अपनी चुत को फीर से उसके लंड (पेनिस) पर रगड़ना शुरू कर दिया. वो बडे प्यार से मेरी पीठ को सहलाता हुआ मुझे चूमने लगा. थोड़ी देर बाद जब मेरा दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने अपनी चुत को उसके लंड (पेनिस) के सुपडे पर फीर से थोडा सा दबा दिया. उसके लंड (पेनिस) का सुपडा फीर से मेरी चुत में घुस गया लेकिन इस बार मुझे ज्यादा दर्द
नहीं हुआ. मैंने अपनी चुत को जैसे ही थोडा सा और दबाया तो मेरे मुह से चीख नीकल पडी. अब उसका लंड (पेनिस) मेरी चुत में लगभग २” तक घुस चूका था. मेरी टांगें थार-थार कांपने लगी. मेरी धड़कन
बहुत तेज चलने लगी. लग रह था की कोई गरम लोहा मेरी चुत को चीरता हुआ अन्दर घुस रह हो. मैं रूक गयी. थोड़ी देर बाद मैंने धीरे धीरे अपनी चुत को उसके लंड (पेनिस) पर ऊपर निचे करना शुरू कर
दिया. जब मेरा दर्द फीर से कुछ कम हुआ तो मैंने थोडा सा जोर और लगा दिया. मैं फीर से चीख उठी और उसका लंड (पेनिस) मेरी चुत में ३” तक घुस गया.Hoodie Mens Black " SAVE India KEEP SEX " Countries Large

मैंने फीर से अपनी चुत में उसके लंड (पेनिस) को धीरे धीरे अन्दर बहार करना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद जब मेरा दर्द कुछ कम हुआ तो उसने मुझसे लेट जाने का इशारा कीया. मैं जोश से पागल हूई जा रही थी और उसके इशारे के बाद मैं उसके ऊपर से हट गयी और बेड पर लेट गयी. मैंने सोचा अब जो होगा देखा जाएगा. उसने मेरे चुताड के नीचे २ तकिए रख दिए. फीर वो मेरी टांगों के बीच आ गया और उसने मेरी चुत के बीच अपने लंड (पेनिस) का सुपडा रख दिया और मेरी टांगों को पकड़ कर दूर दूर फैला दिया. मैं दर रही थी की वो कहीँ जबरदस्ती ही अपना पूरा का पूरा लंड (पेनिस) मेरी चुत में ना घुसेड दे. उसने धीरे धीरे अपना लंड
(पेनिस) मेरी चुत के अन्दर दबाना शुरू कीया. उसका लंड (पेनिस) धीरे धीरे मेरी चुत में घुसने लगा. जैसे ही उसका लंड (पेनिस) लगभग ४” तक मेरी चुत में घुसा तो मैं चीखने लगी और वो रूक गया.
उसने अपने होठ मेरे होंठों पर रख दिए और मेरे बूब्स को मसलते हुये धीरे धीरे अपना लंड (पेनिस) मेरी चुत के अन्दर बहार करने लगा. अब मैं समझ गयी की वो जबरदस्ती अपना लंड (पेनिस) मेरी
चुत में नहीं घुसयेगा. थोड़ी देर बाद जब मैं झाड़ गयी तो उसने अपनी स्पीड थोडा तेज कर दी. थोड़ी देर बाद उसने एक हल्का सा धक्का लगा दिया तो मेरे मुह से आह नीकल पडी और उसका लंड (पेनिस) और
ज्यादा गह्रायी तक मेरी चुत में घुस गया. वो फीर से धीरे धीरे धक्के लगाने लगा. उसका लंड (पेनिस) अब तक मेरी चुत के अन्दर लगभग ५” तक घुस चूका था.

वो मुझे धीरे धीरे चोद्ता रह तो थोड़ी देर बाद मेरा दर्द जता रह और मुझे मज़ा आने लगा. ५ मं तक चुदवाने के बाद मैं फीर से झाड़ गयी. मेरे झड़ने के बाद उसने फीर से अपनी स्पीड बढ़ा दी. मुझे अब बहुत ही मज़ा आ रह था. मैंने अपना चुताड उठाना शुरू कर दिया था. मुझे चुताड उठा उठा कर चुद्वाता हुआ देखकर वो रूक गया और उसने धीरे धीरे अपना लंड (पेनिस) मेरी चुत के अन्दर और ज्यादा गह्रायी तक घुसना शुरू कर दिया. उसका लंड (पेनिस) भौत ही धीरे धीरे मेरी चुत को चीरता हुआ अन्दर घुसता जा रह था. जैसे ही उसका लंड (पेनिस) मेरी चुत के अंदर थोडा और घुसा तो मैं फीर से तड़पने लगी लेकिन इस बार मैं चीखी नहीं. दर्द के मारे मैंने अपने होठ जकड लीये. वो अपना लंड (पेनिस) धीरे धीरे मेरी चुत इमं घुसता रह. जब उसका लंड (पेनिस) मेरी चुत में लगभग ७” तक घुस गया तो मैं दर्द से तड़प उठी और मेरे
मुह से जोरदार चीख नीकल ही गयी. मेरी चीख निकलते ही वो रूक गया. थोड़ी देर तक रुकने के बाद उसने फीर से धीरे धीरे मेरी चुदायी शुरू कर दी. थोड़ी देर बाद जब मेरा दर्द फीर से कुछ कम हो गया
तो उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और मुझे तेजी के साथ चोदने लगा.

मैं जोश के मारे पागल सी हूई जा रही थी और जल्दी से जल्दी उसका पूरा का पूरा लंड (पेनिस) अपनी चुत के अंदर लेना चाहती थी. लगभग १० मं तक चुदवाने के बाद मैं फीर से झाड़ गयी. मेरे झाड़ जाने के बाद उसने फीर से अपना लंड (पेनिस) मेरी चुत में धीरे धीरे घुसना शुरू कर दिया. मेरी चुत अब तक एक दम गीली हो चुकी थी इस लीये इस बार उसका लंड (पेनिस) आसानी से मेरी चुत के अंदर धीरे धीरे घुसता जा रह था. मैंने अपने होठ जोर से जकड रखे थे. उसका लंड (पेनिस) मेरी चुत को चीरता हुआ अंदर घुसता ही जा रह था. थोड़ी देर बाद जब उसका लंड (पेनिस) मेरी चुत में लगभग ९” तक घुस गया तो मैं तड़प उठी और मेरे मुह से फीर एक चीख नीकल पडी. इस बार वो रुका नहीं. उसने अपना लंड (पेनिस) आधे से ज्यादा मेरी चुत से बहार खीचा वापस बहुत ही जोरदार धक्के के साथ मेरी चुत में घुसेड दिया. मेरे मुह से बहुत ही जोरदार चीख निकली. उसने ४-५ बहुत ही जोरदार धक्के लगा दिए तो उसका पूरा का पूरा लंड (पेनिस)
मेरी चुत में घुस गया. पूरा लंड (पेनिस) मेरी चुत में घुसा देने के बाद उसने मेरी चुदायी शुरू कर दी. मैं दर्द के मारे चीखती रही लेकिन मैंने उसे मन नहीं कीया.

थोड़ी देर बाद मेरा दर्द एक दम कम हो गया तो मैंने चुताड उठा उठा कर उसका साथ देना शुरू कर दिया. उसने अपनी स्पीड और तेज कर दी. लगभग १० मं तक चुदवाने के बाद मैं फीर से झाड़ गयी. उसने अपनी स्पीड और तेज कर दी. वो मुझे तेजी के साथ चोद्ता रह और मैं एक दम मस्त हो कर उस से चुदवा रही थी. अब वो इतने जोर जोर के धक्के लगा रह था की उसका हर धक्का मुझ पर भरी पड़ रह था. उसके हर धक्के के साथ मेरे बदन के सारे जोड़ हिल रहे थे. मेरी चुत में अब ज्यादा दर्द नहीं हो रह था. मुझे चुदवाने में आज जो मज़ा पहली पहली बार मिल रह था उसके आगे ये दर्द कुछ भी नहीं था. लगभग १५ मं और चुदवाने के बाद जब मैं झाड़ गयी तो उसने अपना लंड (पेनिस) मेरी चुत से बहार नीकल लीया. मैं उस से पूछा, अब क्या हुआ तो उसने इशारे से मुझे doggy स्टाइल में होने को कहा. मैं doggy स्टाइल में हो गयी. वो मेरे पीछे आ गया और उसने धीरे धीरे अपना पूरा का पूरा लंड (पेनिस) मेरी चुत में घुसा दिया. इस बार मुझे ज्यादा दर्द नहीं हुआ.

उसके बाद उसने मेरी क़मर को पकड़ कर मेरी चुदायी शुरू कर दी. इस बार वो बहुत ही तेजी के साथ मुझे चोद रह था. सारा बेड जोर जोर से हिल रह था. मेरी जोश भरी सिस्कारियां रूम में गूज रही थी और वो जम कर मेरी चुदायी कर रह था. थोड़ी देर बाद उसने मेरी क़मर को छोड़ दिए और अपने दोनो हाथों से मेरे दोनो निप्प्लेस को मसलते हुये मुझे चोदने लगा. मं एक दम मस्त हो चुकी थी. अब तक मुझे चुद्वाते हुये लगभग ४५ मं हो चुके थे और वो था की झड़ने का नाम ही नहीं ले रह था. वो मुझे एक दम आंधी की तरह चोद्ता रहा. लगभग १ घंटे के बाद उसने रूक रूक कर जोर जोर के धक्के लगाने शुरू कर दिए तो मैं समझ गयी की अब वो भी झड़ने वाला है.

मैं भी बस झड़ने ही वाली थी. २ मं में ही मैं झाड़ गयी और मेरे साथ ही साथ वो भी झाड़ गया. उसके लंड (पेनिस) से ढ़ेर सारा जूस निकला जैसे की वो बहुत दीन बाद झाडा हो. लंड (पेनिस) का सारा का सारा पानी मेरी चुत में नीकल देने के बाद वो हट गया और लेट गया. मैंने उसके लंड (पेनिस) को चाट चाट कर साफ कर दिया. आज ज़िंदगी में पहली बार मुझे चुदवाने में बहुत ही मज़ा आया और मैंने भी एक दम मस्त हो कर उस से चुद्वाया. वो भी मुझे चोदने के बाद बहुत ही खुश दीख रहा था और लग रहा था की जैसे बरसों बाद उसके लंड (पेनिस) की प्यास बुझी हो. लगभग १ घंटे तक हम दोनो लेते रहे और एक दुसरे के बदन को सहलाते हुये होंठों को चूमते रहे. उसके बाद मैंने उसका लंड (पेनिस) फीर से चूसना शुरू कर दिया तो २ मं में ही उसका लंड (पेनिस) फीर से खड़ा हो गया.

इस बार मैंने उस से doggy स्टाइल में ही चुद्वाया. मरई चुत पहली बार की चुदायी में सूज गयी थी इस लीये मुझे फीर से थोडा थोडा दर्द होने लगा लेकीन थोड़ी देर बाद मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आया. उस ने भी इस बार मेरी जम कर चुदायी की.इस बार उसने मुझे लगभग १ १/२ घंटे तक बहुत ही बुरी तरह से चोदा और फीर झाड़ गया. इस बार की चुदायी के दौरान मैं ४ बार झाड़ गयी थी. झाड़ जाने के बाद उसने अपना लंड (पेनिस) मेरी चुत से बहार निकला और मेरी चुत को चाटने लगा. जब उसने मेरी चुत को चाट चाट कर एक दम साफ कर दिया तो उसने अपना लंड (पेनिस) मेरे मुह के पास कर दिया. मैंने भी उसके लंड (पेनिस) को बडे प्यार से चाटा और चाट चाट कर एक दम साफ कर दिया. मैंने उस से कहा, आज तुमसे चुदवाने में मुझे जो मज़ा आया है मैं उसे कभी भी नही भूल पाऊँगी. तुमसे चुदवाने में मेरी चुत में बहुत दर्द हो रहा है लेकीन मुझे तुमसे चुदवाने में जो मज़ा आया है उसके आगे ये दर्द कुछ भी नहीं है. वो चुप चाप उठा और kitchen में चला गया. थोड़ी देर बाद वो पानी गरम कर के ले आया और उसने बडे प्यार से मेरी चुत की ख़ूब सिकयी की. १५-२० मं की सिकयी के बाद मेरी छुआ का सारा दर्द जता रहा. उसके बाद वो मेरी बगल में लेट गया. थोड़ी देर बाद उसने टेबल पर से लैटर पड़ और पेन उठा लीया और कुछ लिखने लगा. मैंने अब जाना की ये तो पढा लीखा भी है. मैं चुप चाप देखती रही. थोड़ी देर बाद मैंने पूछा क्या लीख रहे हो तो उसने मुझे लैटर पड़ दे दिया. उसे पढने के बाद मैं सकते में आ गयी.Gibraltar - Male Climax Control Spray - Increased Stamina & Performance for Longer Lasting Pleasure - Reduce Premature Ejaculation Now!

उसने लीखा था की वो सुनील का सबसे बड़ा भाई रोहन है और property हड़पने के चक्कर में सुनील ने उसकी जुबान कट कर उसे पागल बाना दिया था जब की वो बिल्कुल भी पागल नहीं है. सुनील ने अपने मझले भाई सोहन का मुर्देर भी कर दिया था. उसने ये भी लीखा था की वो १२ तक पढा लीखा है. उसकी कहानी पढने के बाद मुझे सुनील से नफरत होने लगी. मैंने मन ही मन सोच लीया की अब मुझे सुनील के साथ नहीं रहना है. मैं मन ही मन रोहन से बहुत ज्यादा प्यार करने लगी. मैंने सोच लीया की रोहन भले ही गूंगा है, मैं उसी को अपना जीवन साथी बाना कर उस के साथ अपनी सारी ज़िंदगी गुजर दूँगी. सुनील के आने तक मैंने उस से ख़ूब चुद्वाया. उसने भी मेरी बहुत ही अच्छी तरह से चुदायी की. वो हर बार मुझे लगभग १ घंटे तक चोद्ता था और उस के पहले कभी नहीं झाड़ता.

मुझे भी उस से चुदवाने में बहुत बहुत मज़ा आता था और मैं एक दम मस्त हो कर उस से चुद्वाती थी. सुनील के आने के बाद एक दीन मैंने मायके जाने का बहाना कीया. सुनील ने कहा, ठीक है, चली जाओ लेकीन जल्दी वापस आ जाना. मैंने रोहन को बस स्टोप पर बुला रखा था. रोहन को लेकर मैं दुसरे शहर में चली गयी. उस के बाद मैंने सुनील से तलक ले लीया और रोहन के साथ शादी कर ली. मैंने एक ऑफिस में नौकरी कर ली. बाद में उसी ऑफिस में रोहन को भी नौकरी मील गयी. आज मैं रोहन के साथ बहुत ही खुश हूँ.