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अंकल फाड़ डालो मेरी गांड


मेरी गांड को लग गई मौज

लेखक : सनी

यह जो कहानी आज लिखने जा रहा हूँ यह आज से ठीक दो महीने पहले की बात है, पापा जी ने घर ऊपर वाला हिस्सा किराये पर देने का फैसला किया और एयरफोर्स में काम करने वाले मद्रास के रहने वाले एक युगल को दिया। बीवी एयरफोर्स स्कूल में टीचर है। बीवी पर तो नहीं मियां पर मेरी नज़र थी, ऊपर जाने के लिए सीढ़ियाँ अन्दर से ही निकलतीं थीं।
जैसे कि आप सब तो जानते ही हैं कि मुझे लौड़ों से कितनी चाहत है !
एक दिन दोपहर की बात है, मैं कॉलेज से घर आया। बहुत गर्मी थी, मैं बाथरूम में नहाने के लिए जाने लगा, दिमाग में आया कि तौलिया तो ऊपर तार पर ही सूख रहा होगा। मैं ऊपर गया, उनका कमरा बंद था, अन्दर से बहसने की आवाजें आ रही थी।
वो बोला- साली ना तेरे में गर्मी है, न सुन्दर ! ऊपर से नखरे हज़ार ! चल मुँह में लेकर इसको चूस !
वो नहीं मानी। मैं चला आया। शाम को ऊपर किसी काम से गया तो अंकल नहा रहे थे, पानी से उनका अंडरवियर चिपका हुआ था और फूले हुए भाग से मालूम हुआ कि लौड़ा मस्त है। मेरी नज़र वहाँ पड़ती देख अंकल ने अन्दर हाथ डाल साबुन लगाने के बहाने साइड से लौड़ा दिखा ही दिया।
क्या मस्त लौड़ा था !
आजकल उनकी रात की शिफ्ट थी, वो नहा कर तैयार होकर चले गए। सुबह वो आठ बजे आते थे और आंटी नौ बजे जातीं थी। घर में कोई नहीं था, मैं अकेला था, कॉलेज ११ बजे जाना था। आंटी चाभी देकर चली गई। अंकल आज लेट थे।
जैसे ही वो आये, झट से कपड़े उतार बाथरूम में घुस गए। उन्होंने आवाज़ दी- मैं नहा रहा हूँ, आया !
मैं भी सिर्फ अंडरवियर पहन बाहर आया। उनकी नज़र मेरे चिकने और लड़की जैसे जिस्म पर थी- वाह बेटा ! चिकने हो ! देखूँ छाती ! कोमल !
बोले- अकेला है ?
जी हाँ ! अकेला ही हूँ !
ऊपर आजा ! मैं भी अकेला हूँ, मिलकर नहाते हैं !
मैं उनके पास गया और एक हाथ से चाबी देते हुए नीचे से लौड़े को मसलते हुए कहा- आप नीचे क्यूँ नहीं आ जाते ! ए.सी में मजा भी आयेगा !
हाय मेरी जान अभी आया !
मेन गेट बंद करते हुए आना !
सोचा- अबे ओ सनी ! तेरी गांड को तो मौज लग जायेगी ! वो भी घर में ही !
मैं शावर के नीचे नहाने लगा, अंकल भी आ गए। मैं उनसे चिपक गया, वो मेरे होंठ चूसने लगे। मैं हाथ में लौड़ा लेकर सहलाने लगा। पानी में और भी आनंद मिलने लगा।वाह मेरे गांडू !
वो मेरे चूतडों को पकड़ कर मसलने लगे। बेटा ! कितनी गांड मरवाता है कितने मस्त चूतड़ हैं !
मार के देख लेना जान ! कितने मस्त हैं ! आपका लौड़ा रात को जबसे देखा है चूसने को दिल कर रहा है।
हाँ हाँ चूस न !
मुझे पता है आंटी नहीं चूसती !
भोसड़ी की बहुत हरामी है !
ऐसे ही है अंकल ! मैंने उनका कच्छा उतार दिया और नीचे झुक कर मुँह में डाल लिया। मुँह में जाते ही उनका खड़ा होने लगा, देखते ही तन कर खड़ा हो गया।
आह मेरे लाल ! चूसता जा !
६९ में होकर मेरी गांड चाटने लगे, साबुन गांड पर लगा ऊँगली डालते हुए मुझे पूरा मजा देने लगे।
आह अह अह ! अंकल आई लव योउर लौड़ा !
चूस बेटा ! अच्छा लगा, बहुत अच्छा !
आह आह ! बिस्तर में चले अंकल?
ज़रूर !
तौलिए से पोंछ कर उठा मेरे ही कमरे में मेरे ही बिस्तर पर डाल दिया। अंकल ने दिल खोल कर चुसवाया, मैंने भी दिल से चूसा ऐसा लौड़ा।
मुझे घोड़ी बना पीछे से लौड़ा गांड पर रख दिया, मैंने पकड़ ठिकाने पर लगा दिया। पहले धक्के से थोड़ा सा घुसा, दो चार धक्कों से पूरा अन्दर घुस गया।
आह अंकल ! अब गांड मारो !
आह ओह !मेरे बेटा ! बहुत मस्त निकला ! तेरी गांड रोज़ मारूँगा ! क्या माल है ! ऐसा मजा तो मेरी औरत ने नहीं दिया !
आह अंकल ! फाड़ डालो मेरी गांड !
उनका लौड़ा ज़बरदस्त तरीके से मेरी गांड के अंदर बाहर हो रहा था।If I Was Gay
चल ऊपर बैठ जा ! देखूँ कैसे उछल उछल कर इस पर बैठेगा ! तुझे भी मजा आ जायेगा ! वैसे भी तेरी पोली पोली गांड जब जांघों से घिसेगी तो मजे का आलम छा जायेगा मेरी जान !
लो अंकल आ गया ऊपर !
चल इस पे बैठता जा साले, नाटक मत कर, बहनचोद, सब जाने तू !
संभालो अंकल ! मैं अपने तरीके से आराम से पूरा लौड़ा निगल गया।
औ अह मेरी जान ! उछल ! अह ओह अह ओह ! बेटा मजेदार माल है ! फाड़ दूंगा तेरी ! आज से तू मेरी औरत ! क्या मुझे रोज़ मरवाया करेगा?
ज़रूर अंकल ! बाहर मुँह मारने से अच्छा है यहीं मरवाया करूँगा बिना किसी डर से !
अंकल ने एकदम मुझे पलटा और मेरे ऊपर आ गए दोनों टांगें कन्धों पर रखवा कर बीच से मोर्चा फतह किया। अब वो झड़ने वाले थे, वो फाड़ देने पर उतर आये थे। यह अंदाज़ मुझे स्वर्ग दिखा रहा था।
ओह बेटा !
वह जोर जोर से झटके लगाने लगे। कुछ मुझे दर्द भी हुआ, लेकिन सब भूल कर मैं चुदवाता रहा। फ़िर अंकल एकदम मुझ पर गिर गए और सारा माल अन्दर डाल दिया।
दोस्तो, मेरी तो गांड को मौज लग गई। वो ड्यूटी से आते और मुझे चोदने के बाद ही कॉलेज जाने देते। वह पूरे मजे लूट रहे हैं।
अब तो आंटी का पेट बाहर आने लगा है, उनका भाई कुछ दिनों में उनको लेने आने वाला है ताकि बच्चे की और माँ की देख रेख किसी घर की सयानी की देख रेख में हो।Indian Heat
मैं और अंकल बहुत खुश हैं। बोलते हैं- अब से तू मेरी पत्नी है ! तू घबरा मत, तुझे मैं नए लौड़े दिलवाता रहूँगा। किसी दिन हम उसके एक दोस्त के घर जाकर चुदाई करेंगे, उसके बारे में जल्दी लिखूंगा।
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थूक लगा के लौड़ा गांड में डाल दिया




लेखक : सनी

मुझे शिक्षा बोर्ड में किसी काम से अपने नाम को दरुस्त करवाने जाना पड़ा ! मुझे अपना काम निपटाते हुए मोहाली में ही शाम के पांच बज गए ! मैं बस स्टैंड पहुंचा तो कुछ राहत मिली कि रात्रि सेवा के तहत रात की सर्विस थी ! मैंने विडियो कोच का टिकेट लिया और बस में बैठ गया ! वहां से बस पूरी भर कर चली ! मैंने टू सीटर सीट ली! मेरे साथ एक अच्छा खासा मर्द बैठा ! मेरी नज़र बार बार उस पे जा रही थी, उसके लौड़े वाले स्थान पर !
थोडा अँधेरा सा हुआ ! मैं बहुत चिकना हूँ और मुझे वो मर्द बहुत पसंद आया ! अब उसने भी नोट किया कि मेरी निगाहें उसके फूले हुए हिस्से पर जा रुकती हैं ! अब मुझे लगा कि वक़्त आ गया है अपना जाल बिछाने का !
मैंने कहा,"आप कहाँ जा रहे हो? क्या करते हो?"
ऐसे ही उसने भी मुझ से कुछ सवाल पूछें ! मेरे बोलने का स्टाइल और चेहरा वो पढ़ रहा था ! जैसे ही बस नवां शहर पहुंची, काफी बस खाली हो गई और इस बस में रास्ते की सवारी नहीं लेते थे ! मैंने देखा कि अब सामने वाली सीट खाली है ! किसी की नज़र अब मेरे पर नहीं पड़ने वाली ! मैंने उसके साथ फिर से बातें करनी शुरू की ! अब बाहर पूरा अँधेरा छा गया था ! इस बार मैंने कुछ और ही विषय चुना !
मैंने कहा,"आप बहुत हैण्डसम हो ! आपकी बीवी भाग्यशाली होगी !"
वो बोला,"अच्छा ???"
मैंने कहा,"बिलकुल !"
फिर मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रखते हुए कहा," और नहीं तो क्या ! इतनी बरदस्त बॉडी है, मजबूत जांघें हैं ! और क्या चाहिए किसी को ?"
वो कुछ नहीं बोला ! मैंने अपना हाथ उसके फूले हुए स्थान पर रखते हुए कहा,"आपका तो यह भी बहुत कड़क लगता है ! और क्या चाहिए किसी को ??"
मैंने पैंट के ऊपर से ही उसको सहलाना शुरू किया ! अब उसने अपना हाथ मेरे गले में डाल दिया ! मैंने अब आराम से उसके लौड़े को सहलाते हुए पूछा," कैसा लग रहा है?"
उसने कहा,"बहुत अच्छा !"
मैंने उसकी जिप खोल कर अपना हाथ अन्दर डाल दिया और लौड़े के सर पर हाथ फेरते हुए जड़ तक उसका मुआयना किया ! मैंने कहा,"बहुत सॉलिड पीस है आपका ! "
उसने पूछा,"अच्छा लगा ?"
मैंने कहा," बहुत अच्छा ! "
हम आगे बढ़ने लगे, तभी लुधियाना आ गया ! बस रुकी और कंडक्टर ने सबको कहा," अगर किसी ने खाना वगैरा खाना है तो खा लो ! बस ३० मिनट रुकेगी ! "
सभी यात्री उतर गए ! न वो उठा न मैं ! अचानक वो सबसे पिछली सीट पे जाने के लिए उठा ! बोला,"यह पैसे पकड़ और नीचे से कोल्ड ड्रिंक के साथ प्लास्टिक ग्लास ले कर आ !"
उसके पास विस्की का पौवा था ! ज्यादा लोग नहीं थे बस में ! उसने दो पैग डाले और दोनों ने डकार लिए ! मैंने अब दिल खोल कर उसके पप्पू को निकाला और देखता रह गया ! सांवला लौड़ा मेरी कमजोरी है ! मैंने लौड़े को सहलाते हुए चेहरा झुकाया और चूसने लगा ! वो मस्त होने लगा ! तभी सीटी की आवाज़ सुन हम सीधे हो गए ! बस चल पड़ी ! सिर्फ दस के करीब सवारी बचीं थी ! उनमें से ४ तो शादीशुदा जोड़े थे ! सभी बैठ गए ! कंडक्टर आगे ड्राईवर के पास बैठ चुका था ! उसका काम अब ख़त्म था ! सभी जोड़े एक दूसरे से चिपक रहे थे ! हम अन्तिम सीट पे थे ! पूरी लम्बी की लम्बी सीट !
नशे के सरूर ने मुझे पागल कर दिया ! मैं घुटनों के बल बैठ गया और उसका लौड़ा निकाल कर चूसने लगा ! सफ़र की वजह से मैंने सिर्फ लोअर डाला था ! उसने मेरा लोअर नीचे खिसकाते हुए मेरी गांड पे हाथ फेरा तो मेरी प्यास बढ़ गई ! उसने अपनी ऊँगली गीली करके मेरी गांड में डाल दी और वो ऊँगली-बाज़ी करने लगा ! मैं उसका लौड़ा चूसने लगा ! इतने में जालंधर आ गया !
वो बोला,"तू मेरे साथ चल ! मुझे तेरी गांड मारनी है !"
"लेकिन कहाँ ?" मैंने पूछा !
वो बोला,"यहीं पास ही मेरे दोस्त ने कमरा लिया हुआ है ! वो दिल्ली से यहाँ पढ़ने आया है ! अकेला रहता है, चलो चलते हैं !"
मैंने कहा,"ठीक है !"
हमने रिक्शा किया और पहुँच गए उसके दोस्त के घर ! बाहर रुक कर उसको मोबाइल किया और मेरे बारे में बताया ! उसका दोस्त भी बहुत हैण्डसम था ! मेरे साथ आया व्यक्ति बोला,"यह सनी है ! बस में इसके साथ दोस्ती हुई है और इसको खुश करना है !"
वो बोला,"ओह ! समझ गया दोस्त ! आ जाओ, घर में दारू पड़ी है !"
हमने दो दो पैग लगाये ! नशा आते ही मैं बेशर्म बन गया और उसका एक एक कपड़ा उतार दिया ! मैं उसका लौड़ा चूसने लगा ! दूसरे वाले ने मेरा लोअर खींच दिया और मेरा अंडरवियर नीचे खिसका कर मेरी गांड सहलाने लगा ! पहले वाले ने खींच कर मेरी शर्ट उतार दी ! मेरे लड़की जैसे मम्मे देख दोनों दंग रह गए ! वो सीधा लेट गया ! मैं उसके लौड़े पर बैठा हुआ उसको पूरा अंपनी गांड की गहराई तक पहुंचा लिया और खुद आगे पीछे हो चुदने लगा ! वो साथ में मेरा मम्मा मुँह में डाल कर चूस रहा था !
उसका दोस्त मेरे पास आया ! मैंने उसका लौड़ा निकाल लिया! क्या सॉलिड था वो भी ? गुलाबी लौड़ा ????? मेरे तो मुँह में पानी आ गया और मैंने झट से उसके लौड़े को चूसना चालू किया ! पहला वाला धनाधन मेरी गांड पे वार करने लगा ! मैं घोड़ी बन गया ! मैंने उनकी ओर अपनी गांड घुमाई! पहले वाले ने थूक लगा के अपना लौड़ा फिर से अन्दर डाल दिया ! उसका दोस्त मेरे सामने घुटनों के बल खड़ा अपना लौड़ा चुसवा रहा था ! दो-दो लौड़े देख कर मुझे सेक्स चढ़ने लगता !
वो बोले," साले ! तू तो लड़की जैसा है ! कितना नाज़ुक और चिकना है तेरा बदन ?? ऊपर से यह मम्मे ? कोई १७ साल की लड़की जितने होंगे !"
"सालो ! दबवा -दबवा कर हुये हैं ! चोदो बस मुझे !" मैंने कहा !
"अभी ले साले ! दो लौड़े एक साथ डालेंगे तो फट जायेगी तेरी ! देखता जा बस ! " उनमें से एक बोला !
वो गया और फ्रिज में से काफी मोटा खीरा ले कर आया ! उसने अपने दोस्त को दिया और पास में पड़ी बियर की बोतलें उठाई ! उसने अपना लौड़ा निकाला और पहले बियर की बोतलें घुसा दीं और मुझे उसी से चोदने लगा ! मैंने दोनों के लौड़े बारी-बारी चूस रहा था ! उसने बोतलें दूसरी तरफ रख कर खीरा मेरी गांड में घुसा दिया ! काफी मोटा था ! थोड़ा सा तेल लगा कर करीब ५ मिनट दोनों ने खीरे से मुझे चोदा ! देखते ही देखते मैंने पूरा खीरा अन्दर डलवा लिया !
एक दम से दोनों ने कंडोम अपने लौड़ों पर डाल लिए ! वो सीधा लेट गया और मैं उसके लौड़े पर बैठ गया ! पूरे का पूरा लौड़ा मेरी गांड में घुस गया ! साथ में उसने अपनी दो ऊँगली भी डाल ली ! पूरा घुसने पर उसने मुझे अपने साथ चिपका लिया ! अब पीछे से मेरी गांड चौड़ी हो गई ! दूसरा व्यक्ति मेरे पीछे बैठ गया और ऊँगली निकाल उसकी जगह अपना लौड़ा रखते ही दबाया ! दूसरे का लंड-मुंड भी मेरी गांड में घुस गया !
मेरी चीख निकल गई,"छोड़ दो, पलीज़..........! " मैंने कहा," एक- एक करके लो !"
किन्तु वो नहीं माना और आधे से ज्यादा लौड़ा मेरी गांड में घुसा कर रगड़ने लगा ! मेरा बुरा हाल था ! धीरे धीरे मुझे सुकून मिला और वो धक्के लगाने लगे !
एक बार दोनों ने मेरी गांड में दो लौड़े डाल कर दिखा दिया ! फिर एक ने निकाल लिया और दूसरे ने तेजी से गांड मारते हुए अपना माल कंडोम में छोड़ दिया ! दूसरा मेरे ऊपर चढ़ गया और उसने भी कुछ देर मेरी गांड फाड़ने के बाद एक दम कंडोम उतार दिया और पेल दिया ! तीनों हांफने लगे ! दोनों मुझे चूमा-चाटी करते रहे और मैं उनके लौड़े सहलाता रहा ! उन दोनों के लौड़े आधे घंटे में फिर से तन गए और फिर शुरू हुआ दूसरा राउंड !
दो-दो बार चोदने के बाद हम नंगे वहीं सो गए ! सुबह ११ बजे मेरी आंख खुली ! मैं झट से उठा लेकिन उसके दोस्त ने मेरी बाजू पकड़ कर रोक लिया ! बोला,"छोड़ ! कितनी गर्मी है बाहर ! कल सुबह-सुबह निकल जाना ! एक रात और रुक जा ! रात को तुझे और मजे दिलवाऊंगा अपने दो नए दोस्तों के साथ ! "
मुझे ग्रुप सेक्स का शौक था ! वो बोले," पास में दो और गांडू रहते हैं ! साथ-साथ करेंगे ! "
मैं मान गया और फिर हम मिल कर नहाने लगे ! बाथरूम में फिर से ठुकाई हुई मेरी !!!
उसके बाद क्या हुआ रात को यह अगली बार लिखूंगा ! बाय !!!
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