xxx

अवयस्क इस साईट को ना देखे इसके लिए हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी घर के भीतर बने सेक्स रिश्तो की हिंदी कहानिया अपने अनुभव मेल करे

मेरी चूत फाड़ दोगे

This summary is not available. Please click here to view the post.

चूत में आग लगी हुई थी


मेरी शादी मेरे व्यस्क होते ही 18 वर्ष की उम्र में कर दी थी। उस समय मैं सेक्स के बारे में अधिक नहीं जानती थी। पर शादी के बाद जब से मेरी चुदाई आरम्भ हुई है, मैं तो चुदाई की मतवाली हो गई हूँ। जैसा कि अधिकतर होता है कि समय के साथ साथ सेक्स से भी दिल ऊब जाता है, जिसका मुख्य कारण एक जैसी चुदाई, वही रात में पति को जोश चढ़ा और ऊपर चढ़ कर चोद दिया और सो गये। धत्त् … ये भी कोई जिंदगी है।

आज पांच-छः साल हो गये, अब तो पति देव का यह हाल है कि काम से लौटे, खाना खाया और बिस्तर पर लेट गये। बहुत हो गया तो महीने में एक बार चोद दिया। पर मैं … ना … ना … पतिव्रता तो हूँ, पर चुदाई के मामले में नहीं … । उसके कुछ दोस्तों से मैं चुद चुकी हूँ, पर वो सभी अब यहाँ नहीं है। मेरी चूंचियाँ भी अब बड़ी हो चुकी हैं, इतनी सी उम्र में 38 की ब्रा पहनती हूँ, मेरे चूतड़ बड़े और लचकदार हो गये हैं। मैं टाईट जीन्स और कसी हुई बनियान नुमा टॉप पहनती हूँ। मेरे बड़े बड़े चूंचे उसने उभर कर हिमालय पर्वत को भी मात देते है। कोई एक बार देखता है वो देखता ही रह जाता है।

घर की मुर्गी दाल बराबर … ! घर के पास तो किसी का ध्यान जाता ही नहीं है। बेचारा पड़ोसी रोज़ ही प्यासी नजरों से मुझे निहारता रहता था। मुझे देख कर उसका लण्ड भी कड़कता होगा। जी हां, साथ वाले घर में एक लड़का रहता है, पर उस पर कभी ध्यान ही नहीं गया। बीस साल का भरपूर जवान लड़का, नाम आदित्य, हम लोग उसे आदी कहते है। उसकी नजर मुझ पर बहुत पहले से थी, पर मेरा ध्यान उस पर कभी नहीं गया।

एक दिन मैं बाल्कनी पर बैठी किताब पढ़ कर रही थी कि मेरी नजर अचानक साथ वाले घर पर आदी पर पड़ी … वो एक छोटी सी चड्डी पहने नहा रहा था। वो अपनी चड्डी के अन्दर हाथ घुसा कर लण्ड पर साबुन मल रहा था, फिर हाथ पीछे घुसा कर गाण्ड पर साबुन भी लगाता था। आह … मेरी नजरें जैसे उस पर चिपक कर रह गई। कसा हुआ बदन, उभरी हुई मसल्स, ताकत और उर्जा से भरा हुआ शरीर … जिस पर उसका उभरा हुआ लण्ड चड्डी में से साफ़ नजर आ रहा था।

अब वो अपने बदन पर पानी डाल रहा था। कुछ देर बाद उसने अपने शरीर को तौलिये से पोंछना चालू कर दिया। एक बार तो उसने सावधानी से यहाँ वहाँ देखा, फिर जल्दी से अपना लण्ड निकाला और तौलिये से साफ़ कर दिया। मेरे दिल ने जैसे धड़कना बन्द कर दिया। उसका सोलिड लण्ड मोटा और लम्बा, मेरे दिल को भा गया। मेरी चूत फ़ड़क उठी, बोबे कसक गये Dolphin and Hummingbird Dual Gems Shocker Adult Sex Toy Kit… । उसने तौलिया लपेटा और चड्डी खोल कर दूसरी पहनने लगा। उसकी चूतड़ों की दरार का दर्शन भी हो गया। मेरी नजर मेरे बोबे पर पड़ी, मुझे लगा कि मेरा ब्लाऊज तंग होने लगा है। मुझसे रहा नहीं गया मैं उठ कर नीचे चली आई और उसकी दीवार के पास खड़ी हो गई, जैसे कि फूल तोड़ने आई हूँ। चड्डी में से उसका उठा हुआ लण्ड मुझे बहुत ही प्यारा लग रहा था। मुझे इस तरह से देखने पर वो बेचारा झेंप गया। मैं मुस्करा उठी।

पर उसने तौलिया नहीं लपेटा, अब वो भी मुस्करा रहा था। उसे लगा कि शरमाना आण्टी को चाहिये,” नमस्ते आण्टी … ”

“नमस्ते आदी … आजकल कहा रहते हो तुम … दिखते ही नहीं हो … ?”

“कहीं नहीं आण्टी … यहीं हूँ … कोई काम हो तो बता दीजिये … !”

“हां काम तो है … समय मिले तो घर आओ, चाय भी पियेंगे … और काम भी बताऊंगी !”

“ठीक है आण्टी … अभी आता हूँ … ” उसने चुपके से अपना लण्ड देखा जो खड़ा हुआ था, और शायद मुझे बुला रहा था। अचानक उसकी नजर मुझसे फिर मिल गई। दोनों ही मतलब से मुस्करा दिये। मैं खुश हो गई, मुझे लगा कि ये तो पट जायेगा। शायद वो भी यही सोच रहा था। अनजाने में मेरी एक आंख चल गई, आंख मारते ही वो शरमा गया। पर वो सब कुछ समझ चुका था।

कुछ ही देर में वो मेरे घर पर आ गया। इतनी देर में मैने ढीला सा कुर्ता और पेटीकोट पहन लिया था, पेण्टी और ब्रा उतार कर एक तरफ़ रख दी थी। मुझे ये सब करते हुये बड़ी झुरझुरी सी हो रही थी और मन में लग रहा था कि मुर्गा तो फ़ंसा।

मैं अपनी टांगें बड़ी बेशर्मी से मेज़ पर रख कर बैठ गई ताकि उसके अन्दर आते ही उसे चूत के दर्शन हो जायें। जैसे ही वो अन्दर आया, मैंने उसे सामने बैठा दिया। जैसा कि होना ही था, उसकी नजरें सीधे मेरे उठे हुये पेटीकोट पर पड़ी और मेरी चिकनी शेव की हुई चूत पर पड़ी। एक बार जो नजरें टिकी तो वहीं पर चिपक गई। यह देख कर मैने अपना थोड़ा सा पांव और खोल दिया। चूत अब स्पष्ट दिखने लगी थी।

“क्या देख रहे हो आदी … !”

“अह्ह् … कुछ नहीं … ” उसका लण्ड कठोर होता जा रहा था। मैं आगे को झुक गई, मेरे लो कट ब्लाऊज में से मेरे बड़े बड़े उरोज छलक उठे। उस पर प्रहार पर प्रहार हो रहे थे, वो बेचारा कब तक सहता। मेरे उरोज भी कड़क हो उठे थे, चूचुक फूल कर मचल रहे थे कि कोई उन्हें मसल दे।

“आण्टी … बहुत बड़े हैं … ” उसके मुँह से अचानक निकल पड़ा।

“क्या … ? अच्छा तो जनाब ये देख रहे थे …! ” मैंने उसे उलाहना दिया।

वो असमंजस में था कि कैसे अपने आप को कंट्रोल में रखू, कहने लगा,”आण्टी … काम हो तो बताओ मुझसे और नहीं बैठा जा रहा है … ” वो कसमसाते हुए बोला।

“बैठे रहो … खड़े हो जाओगे तो … तुम्हारा यह भी खड़ा हो कर जोर लगायेगा … ” मैंने हंसते हुए कहा और धीरे से उसके लण्ड पर हाथ मार दिया।

“इसीलिये तो कह रहा हूं ना … बस मैं जाऊँ …? ” आह भरता हुआ वो बैचेन सा उठा।

” तुम मत बैठो पर इसे बैठाना नहीं है क्या … आओ पास में यहां बैठ जाओ … ” उसे मैने सोफ़े में पास बैठा लिया …

अपने बोबे दिखा कर बोली,”तुमने ये देखे हैं ना … इन्हें दबाओ ! … और देखो मैं भी यही चाहती हूं !”

कह कर मैने उसका हाथ अपने सीने पर रख दिया। उसने मुझे बड़ी आसक्ति से मुझे देखा, और मेरी चूचियां दबाने लगा लगा जैसे उसने मुझे धन्यवाद दिया। मेरा हाथ उसके लण्ड पर आ गया। मैने उसकी पेन्ट की ज़िप खोल दी और चड्डी में से उसका लण्ड खींच कर बाहर निकाल लिया।

आह कितना सुन्दर सुपाड़ा था … लाल और चिकना। उसने अपनी पेन्ट को खोल कर नीचे कर लिया। उसका पूरा लण्ड बाहर निकल आया। उसने मेरे बोबे को मसलते हुए एक हाथ चूत पर रख दिया। मेरा हाथ उसके लण्ड पर चल पड़ा … उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी।Adult Entertainment: Disrobing An American Idol

मैंने जोर से उसका लण्ड मरोड़ते हुये मुठ मारनी शुरु कर दी। वो तड़प उठा। उसने भी हिम्मत की और अब उसकी अंगुली भी मेरी चूत में घुस गई थी। मेरी चूत के पानी से उसका हाथ तर हो गया था। उसने मुझे लिपटा लिया और मेरे मुख में अपनी जीभ डाल कर चूसने लगा। जोश में मैं भी मुठ और जोर से मारने लगी। उसके मुख से जोर से हाय निकली और उसका वीर्य छूट गया। उसका लण्ड जोर से पिचकारी छोड़ने लगा। मैंने तुरन्त ही झुक कर उसका लण्ड मुँह में ले लिया और उसका कुछ वीर्य तो पी गई और कुछ बाहर गिर गया। उसने मेरे बोबे छोड़ दिये और और अपना पेण्ट ठीक करने लगा।

“अभी रुको ना … चले जाना … जल्दी क्या है …? ”

“आण्टी अभी कॉलेज जाना है … फिर कल आऊंगा” मैने भी उसे नहीं रोका। सोचा कि इसे चस्का तो लग ही गया है, साला जायेगा कहाँ, यहीं तो आयेगा लण्ड शान्त करने।Adult All-In-One Course: Lesson-Theory-Technic: Level 1

मुझे सच में बहुत मजा आया था … मैं रसोई से बैंगन उठा लाई और अपनी चूत पर घिसने लगी। कुछ ही देर में मेरा पानी निकल गया। इतना कुछ होने के बाद मुझे लगा कि बैचेन आदी नहीं … मैं हो रही हूँ।

तड़पते हुए मैं उसकी राह देखने लग गई।

शाम को वह कॉलेज से वापस आया तो मुझे देख कर उसने हाथ हिलाया। मेरे दिल को सुकून मिला। मैंने हाथ हिला कर उसका जवाब दिया। उसने यहाँ वहाँ देखा और हाथ से लण्ड बना कर चूत में घुसाने का इशारा किया। मैं शरमा गई। मैंने भी हाथ की अंगुलियों से चूत का छेद बना कर उसने एक अंगुली लण्ड बना कर डाल कर चुदाई का इशारा किया। वो खूब हंसा और आंख मार दी। मैंने शरमा कर मुँह को हाथ से छुपा लिया।

सवेरे नौ बजे मेरे पति ओफ़िस चले गये। अब मैं बैचेनी से आदी की राह देखने लगी थी। मैंने हल्के फ़ुल्के कपड़े पहन लिये और चुदने के लिये बेकरार थी। चूत लप लप कर रही थी, पानी से तर हो रही थी। बार बार मेरी नजरें बाहर झांक रही थी। साला आया क्यों नहीं … ये मर्द बड़े निर्दयी होते हैं, साले ने कल भी मेरी चूत नहीं मारी थी। ठण्डी आह भरते हुए मैंने सोचा कि जब तक वो आये मैं नहा कर फ़्रेश हो लूँ …Vitafusion Calcium 500 mg with Vitamin D3, Bone Support, Gummy VItamins for Adults, Natural Creamy Swirled Orange, Strawberry, & Cherry Flavors, 130 Gummies

मैं नँगी हो कर नहाने लगी। मुझे लगा कि जैसे मेरा शरीर आग में जल रहा हो। मैं अपनी आंखे बंद कर के अपने बड़े बड़े चूचे निचोड़ने लगी … स्तनाग्रों को मसलने लगी … मुझे तभी खटका हुआ … मैने झांक कर देखा तो आदी ही था। उसे देखते ही मेरे मन की कली खिल उठी। लगता था वो भी चोदने की तैयारी से आया था। हल्का पजामा और बनियान बस … यही था उसका पूरा पहनावा।

मैंने गीले बदन ही तौलिया लपेटा और बाहर आ गई।

“बड़े सेक्सी लग रहे हो … ”

“आण्टी … जरा अपने को तो देखो … पूरी बम्ब लग रही हो … यानी पटाखा … ”

“आ एक किस कर ले … ” मेरी चूत में आग लगी हुई थी।

“काहे का किस आण्टी … आज तो लौड़े का नम्बर है किस करने का !” कह कर उसने मुझे अपने से लिपटा लिया। मेरा तौलिया खींच कर एक और बिस्तर पर उछाल दिया। उसने बिना किसी देरी किये अपना पजामा खोल दिया और नीचे से नंगा हो गया।

“आजा अक्षिता … आज अपन दोनों मस्ती करें … उसने होंठ मेरे होंठ पर रगड़ दिये और उन्हें चूसना शूरू कर दिया। मैं मस्ती में झूम उठी। उसका लण्ड मेरी चूत के छेद को ढूंढने लगा और चूत के आस पास घुसने लगा।

“आदी, चूत तो सेन्टर में है … वहाँ घुसाओ … अच्छा चलो बिस्तर पर … वहां तो खुद ब खुद घुस जायेगा … और मुझे चोद देगा !”

उसने प्यार से मेरे चूंचे दबाये … और किस करता हुआ बिस्तर की ओर चल पड़ा। मुझे उसने प्यार से लेटा कर खुद पास में लेट गया। मुझे प्यार से सहला कर अपने ऊपर खींच लिया। मैं अब उसके ऊपर आ गई थी। उसका लण्ड सीधा खड़ा था। ऐसा लग रहा था कि कोई सड़क पर खम्भा खड़ा हो। मैने उसके लण्ड को हाथ में लिया और धीरे से मुठ मारी …

उसे बड़ा मजा आया … बोला,”आण्टी … और मुठ मारो … बहुत मजा आ रहा है … !”

मैने सोचा कि कही पहले की तरह झड़ गया तो चुदाई रह जायेगी। मैंने उसका सुपाड़ा खोला तो देखते ही खुश हो गई … कुंवारा लण्ड था … उसने किसी को चोदा नहीं था। मैंने बड़े प्यार से उसे अपने चूत के खड्डे में रखा और धीरे से चूत का भार उस पर डाला। फ़क से लण्ड खड्डे में घुस पड़ा। मुझे असीम मजा आया। उसके मुख से भी आह निकल पड़ी।

“मेरे आदी … तुम कितने प्यारे हो … हाय !”

फिर मैंने और जोर लगाया … उसमें जोश भरा था … नई उमन्गें थी, उसने भी नीचे से उछाल भरी। मेरी चूत ने उसका पूरा लण्ड निगल लिया। उसके मुँह से एक दर्द भरी आह निकल गई।

“आण्टी … मुझे लण्ड पर लग गई है … !”

“बस … सह लो … पहली बार ही ऐसा होता है … बाद में नहीं होगा … ”

मैं उसके ऊपर लेटी रही, फिर बहुत ही धीरे धीरे से चूत हिलानी शुरू कर दी। उसकी आह निकलती गई। मैंने उसे होंठों पर होंठ रख कर कस कर दबा लिया और धक्के बढ़ा दिये। थोड़ी देर तक तो वो कसमसाता रहा फिर शान्त हो चला … मैंने अब उसे किस करना चालू कर दिया और चूतड़ो को दबा कर उसके लण्ड पर मारना शुरू कर दिया। उसे भी अब मस्ती आने लगी। वासना की रंगीनियाँ रंग दिखाने लगी। वो कुछ ही देर में वासना के नशे में झूम उठा और उसने मुझे दबा कर नीचे पटक दिया। मेरा शरीर उसके बोझ तले दब गया, ये सुहाना दबाव मुझे और मस्त कर गया जब उसके लण्ड ने मुझे दबा कर चोदना शुरू कर दिया।

“वाह मेरे शेर … लगा जोर … चोद दे अपनी अक्सू को … ” मैं भावना में बह चली।

“हाय रे अक्सू आन्टी … आप कितनी अच्छी हैं … पहले क्यो नहीं चुदाया … !”

“उईईई … क्या मेरी फ़ाड़ डालेगा राम … आह्ह्ह मेरा आदीऽऽऽऽ … चोद दे रे।”

वो भचाभच चोद रहा था … मुझे स्वर्ग की सैर करा रहा था। कभी वो मेरे बोबे मचकाता और कभी मेरे होंठो को चूमता और साथ में मेरे गालों को चाटता भी जा रहा था। मैंने चूतड़ों कि लय उसके लण्ड के साथ मिला ली और फ़च फ़च की आवाज के साथ मुझे चोदता जा रहा था। मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी, मेरे शरीर में लग रहा था कि खिंचाव होने लगा था। सारे जिस्म में जैसे मीठा मीठा जहर भरने लगा। मेरी वासना की तड़प बढ़ने लगी। मैं उसके जिस्म को जोर से जकड़ने लगी … उसने भी लण्ड का भार मेरी चूत पर डाल दिया और उसका बदन जैसे कस गया।

“मेरे आदी … हाय रे … फ़ाड़ दे मेरी चूत को … ।” मेरी आंखों में गुलाबी डोरे तैर रहे थे, अधखुली आंखे नशे से चूर थी … लग रहा था कि मुझे जिन्दगी भर चोदता ही रहे।Leslie Sansone - Older Adults Walk & Firm

” आण्टी … मेरा लण्ड … हाय रे … गया … ” वो शायद झड़ने वाला था। मुझे भी झड़ने जैसी उत्तेजना लगने लगी थी। आखिर चूत को मस्त लण्ड मिला था और हम दोनों दिल से चुदाई कर रहे थे। मैं आह भर कर उसे जकड़ कर चूत का रस निकालना चाह रही थी।

” आदीऽऽऽऽऽ … आह्ह्हह्ह्ह् … तेरी तो … … … हाय चुद गई रे … गई मैं तो … ऊईईईई … ”

मेरी चूत से जवानी का रस चू पड़ा और मैं झड़ने लगी …

तभी आदी भी चीख सा उठा,”अक्सू आण्टी … गया मेरा लौड़ा … निकला माल … हाय रे … निकला … ”

और वीर्य निकलते ही उसने अपना लण्ड बाहर खींच लिया। मैंने उसका लण्ड पकड़ लिया,”आजा ऊपर ले आ … ”

वो लण्ड मेरे मुँह तक लाता, उससे पहले ही उसकी पिचकारी निकल पड़ी और सीधे मेरे चेहरे पर आ कर वीर्य गिरा और अब उसका लौड़ा मेरे मुँह में था … थोड़ा ही सही पर वीर्य पीने को मिल गया … उसका लण्ड पूरा चाट कर साफ़ कर लिया फिर अपने चेहरे का वीर्य भी जीभ से मुँह में चाट लिया। आदी ने भी मेरे मुख से मुख को सटाते हुए मेरे चेहरे का वीर्य चाट किया। अब आदी ने पास पड़े कपड़े से मेरा मुख साफ़ किया और मुझसे लिपट कर लेट गया।

मुझे उसने आज भरपूर मजा दिया था। उससे मैंने दिन को रोज चोद जाने का आग्रह किया जिसके लिये वो सहर्ष तैयार हो गया।

“अक्सू आण्टी … आप बहुत ही प्यारी चुदाती है … आप मुझसे गाण्ड भी मरा लेंगी क्या?”

“मुझे तरसाओगे क्या … अभी गाण्ड मार लो आदी … ”

“सच आण्टी … ।” मेरे कुछ कहने के पहले ही वो मेरी पीठ से चिपक गया और मेरी चूतड़ो की फ़ांके खुल गई। उसका लण्ड कठोरता से भर उठा। उसने मेरे चूतड़ों को सहलाया और दोनों गोल गोल चूतड़ों को फ़ाड़ कर गाण्ड का छेद खोल दिया। एक थूक का लौंदा मेरी गाण्ड के छेद पर महसूस हुआ और उसका सुपाड़ा जो कि कुछ दर्द से सूज भी गया था उसका स्पर्श हुआ। जोर लगाते ही उसका लण्ड मेरी गाण्ड में था … ।

मुझे मीठा सा एक अह्सास हुआ। गाण्ड की दीवारों को सहलाता हुआ लण्ड अन्दर उतरने लगा। मुझे बड़ा सुहाना सा लग रहा था। अब उसने धीरे धीरे लण्ड को अन्दर बाहर करना चलू किया और मेरी गाण्ड चुदने लगी थी … मैं निहाल हो उठी थी … फिर मेरी उसने जी भर कर गाण्ड मारी …

गाण्ड मराने की इच्छा पूरी हो गई, गाण्ड मराने का मजा काफ़ी दिनों बाद आया था। उसका गाण्ड मारना मुझे बहुत ही भाया और जब वो झड़ गया तब मैने उसे एक बार फिर से मेरी चूत की प्यास मिटाने को कहा …

इतनी देर में मेरी चूत फिर से पानी छोड़ने लगी थी। वो बेचारा बुरी तरह फ़ंस चुका था … कुछ ही देर में उसे तैयार करके मैने अपनी टांगे उठा कर चूत को खोल दिया। आदी को मुझे चोदना ही पड़ा …

उसे भूखी शेरनी जो मिल गई थी … जो उसकी जवानी के रस को पूरा पी जाना चाहती थी। अचानक मुझे लगा मेरा काम तो हो गया है अब इसे रवाना कर देना चाहिये, कही भण्डा फ़ोड़ ना हो जाये … पर इस चूत का क्या करुं साली प्यासी की प्यासी रहती है।

जी भर कर जब मैं चुद चुकी तो उसे मैंने लिपटा कर प्यार किया। वो भावना में बह चला और प्यार की कसमें खाने लगा। उसे शान्त करके मैंने उसे कहा कि यदि तुम मुझे प्यार करते हो तो कल फिर दिन में मुझे चोद जाना। उसने मेरे बोबे दबा कर अलविदा कहा।In Praise Of Older Women