xxx

अवयस्क इस साईट को ना देखे इसके लिए हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी घर के भीतर बने सेक्स रिश्तो की हिंदी कहानिया अपने अनुभव मेल करे

बरसात में की चुदाई





प्रेषक: सावन शर्मा

हेल्लो दोस्तों आप ही की तरह में भी अन्तर्वासना का एक रेगुलर पाठक हू . मैंने अन्तर्वासना में बहुत सी कहानिया पढ़ी है .इन कहानियो को पढ़ कर मैंने सोचा क्यूँ न मै भी आप के साथ अपने कुछ अनुभव शेयर करू .

में अपनी कॉलेज की छुट्टियों में अपनी सबसे छोटी चाची के घर गया हुआ था . मेरे चाचा जी आर्मी में थे साल में सिर्फ़ कभी कभार ही घर आया करते थे . उन दिनों में सेकंड इयर के एक्साम दे चुका था . इस लिए मेरी जवानी अपने सुरूर पर थी मेरी चाची को अभी कोई बच्चा नही था उनकी शादी को अभी दो साल ही हुए थे. लेकिन चाचा शादी से पहले ही आर्मी में थे . इसलिए चाची के साथ ज्यादा टाइम साथ नही रह पाए थे . पहले मैंने कभी अपनी चाची को ग़लत नजरो से नही देखा था . लेकिन एक दिन चाची बाज़ार गई हुई थी . के तभी अचानक बारिश शुरू हो गई . में टी वी पर मूवी देख रहा था मूवी में कुछ सीन थोड़े से सेक्सी थे . जिन्हें देख कर मन के ख्याल बदलना लाजमी था . उस टाइम मेरे मन में बहुत उत्तेजना पैदा हो रही थी . में धीरे धीरे अपने लंड को सहलाने लगा .

तभी डोर बेल बजी में अचानक घबरा गया . मुझे लगा जैसे किसी ने मुझे देख लिया हो . लेकिन मुझे याद आया के घर में तो कोई है ही नही में बेकार में डर रहा था .मैंने जाकर दरवाजा खोल दिया . बाहर चाची खड़ी थी उनका बदन पूरी तरह पानी से भीगा हुआ था और वो आज पहले से भी ज्यादा जवान और खुबसूरत लग रही थी . मैंने दरवाजा बंद कर दिया और जैसे ही पीछे मुड़ा तो मेरी नज़र चाची की कमर पर पड़ी जहा पर उनकी गुलाबी साड़ी के बलाउस से उनकी काले रंग की ब्रा बाहर झांक रही थी

चाची ने सामान सोफे पर रखा और मुझसे बोली सावन मेरा पूरा बदन भीग चुका है इस लिए तुम मुझे अंडर से एक तोलिया ला दो में तोलिया ले आया तो चाची मुस्कुराते हुए बोली समान हाथो में लटका कर लेन से मेरे हाथ दर्द करने लग गए है . इसलिए तुम मेरा एक छोटा सा काम करोगे मैंने पूछा क्या काम है. चाची बोली जरा मेरे बालो से पानी सुखा दोगे . मैंने कहा क्यूँ नही . चाची सोफे पर बैठ गई. मैंने देखा बालो से पानी निकल कर उनके गोरे गालो पर बह रहा था मैं चाची के पीछे बैठ गया और उनको अपने पैरो के बिच में ले लिया और बालो को सुखाने लगा .

चाची का गोरा और भीगने के बाद भी गरम बदन मेरे पैरो में हलचल पैदा कर रहा था. बाल सुखाते हुए मैंने धीरे से उनके कंधे पर अपना हाथ रख दिया . चाची ने कोई आपत्ति नही की . धीरे से मैंने उनकी कमर सहलानी शुरू कर दी . तभी अचानक चाची कहने लगी मेरे बाल सूख गए है अब में भीतर जा रही हू . वो कमरे में चली गई पर मेरी साँस रुक गई मैंने सोचा शायद चाची को मेरे इरादे मालूम हो गए . कमरे में जाकर चाची ने अपने कपड़े बदलने शुरू कर दिए. जल्दी में चाची ने दरवाजा बंद नही किया वो ड्रेसिंग मिरर के सामने खड़ी थी उन्होंने अपना एक एक कपड़ा उतर दिया . मैंने अचानक देखा के चाची बड़ी गोर से अपने बदन को ऊपर से नीचे तक ताक रही थी . मेरा दिल अब और भी पागल हो रहा था और उस पर भी बारिश का मौसम .जैसे बाहर पड़ रही बुँदे मेरे तन बदन में आग लगा रही थी . अबकी बार चाची ने मुझे देख कर अनदेखा कर दिया . शायद ये मेरे लिए ग्रीन सिग्नल था .

में कमरे में अन्दर चला गया चाची बोली अरे सावन मैंने अभी कपड़े नही पहने तुम बाहर जाओ . में बोला चाची मैंने तुम्हे कपड़ो में हमेशा देखा लेकिन आज बिन कपड़ो के देखा है अब तुम्हारी मर्ज़ी है तुम मेरे सामने ऐसे भी रह सकती हो . और कहते हुए मैंने उनको बाहों में ले लिया . उन्होंने थोडी सी न नुकर की लेकिन मैंने जयादा सोचने का टाइम नही दिया और बिंदास उनको किस करनी शुरू कर दी मैंने देखा की उसने आँखे बंद कर ली . इस में उनकी सहमति छुपी थी . में दस मिनट तक उसे किस करता रहा इस बीच गरम होंट उसके गोरे बदन के ज़र्रे ज़र्रे को चूम गए .

अचानक चाची ने मुझे जोर से धक्का दिया और में नीचे गिर गया एक बार को में फ़िर डर गया लेकिन अगले ही पल मैंने पाया के चाची मेरे उपर आकर लेट गई थी .और मेरे सरे कपड़े उतार दिए हम दोनों के बीच से कपड़ो की दिवार हट चुकी थी . मेरा लंड पूरी तरह तैनात खड़ा था . तभी उसने मेरे उपर आकर मेरे लंड को अपने नरम होंटो से छुआ और अपने मुह में ले लिया . वो मेरे ऊपर इस तरह बैठी थी की उसकी चूत बिल्कुल मेरे होंठो पर आ टिकी थी मैंने चूत को बिंदास चाटना शुरू कर दिया . उसके मुह से मेरा लुंड आजाद हो गया था और आआह्छ ………आआआआआआःःःःः ………ऊऊऊऊःःःःःःः …….ऊओफ्फ्फ्फ़ . की आवाज उसके मुह्ह से आने लगी थी और तभी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया . ओर वो मुझ से बोली ऊह मेरे सेक्सी सावन मेरी चूत तुम्हारे इस सुडोल लंड को लिए बिना नही रह सकती पलीस सावन अपने इस प्लेयर को मेरी चूत के प्लाय्ग्रौंद में उतर दो ताकि ये अपना चुदाई गेम खेल सके .

चची अब मेरे लंड को लेने के तड़पने लगी थी मैंने भी उसी वक्त चाची को बहो में भरा और उठा कर बेड पर लिटा दिया . चाची की चूत रसीली हो रखी थी . में चाची के ऊपर लेट गया मेरा लंड चाची के चूत के दरवाजे पर दस्तक दे रहा था . चाची ने चूत को अपने दोनों हाथो से खोल दिया और मैंने धीरे से चाची की चूत में अपना लंबा लंड डालना शुरू कर दिया . काफी दिनों से चाची की चुदाई नही हुयी थी इस लिए चाची की चूत एक दम टाईट थी . मैंने जोर से झटका लगाया और लंड पूरी तरह चूत की आगोश में समां चुका था . चाची के मुह से आआह्ह्छ मार डाला की आवाज़ निकल गई और मुझे थोडी देर हिलने से मन कर दिया कुछ देर बाद वो नीचे से हलके हलके झटके लगाने लगी

अब मुझे भी चूत का मजा आने लगा और मैंने चाची की चुदाई शुरू कर दी जितनी में अपनी चाची की चुदाई करता वो उतनी सेक्सी सेक्सी आवाज़ निकलने लगी आह्ह ….आःछ ……..ऊऊऊऊःःःः …………ईई०ईईईईईश्र्श्र्श्र्श्र्श्र्श्र्श्र्श्र ……….आआआआआआआःःःःःःःः …………..ऊऊओफ़् फफफफफ ………..ऊऊऊऊऊःःःःः फफफफ फ …… ..अआआछ ह्ह्ह . धीरे धीरे चूत लूस होने लगी . हम दोनों ने कम से कम आधे घंटे तक चुदाई की . आधे घंटे बाद अचानक चाची मुझसे जोर से लिपट गई और उसकी चूत थोडी देर के लिए टाईट हो गई . कुछ और झटके लगाने के बाद मेरे लंड ने अपना वीर्य चूत में छोड़ दिया ओर चाची फ़िर से मुझे लिपट गई . में इसी तरह दस मिनट तक चाची के ऊपर लेता रहा . उस दिन की बरसात से लेकर और अब तक ये आपका सेक्सी सेक्सी सावन अपनी चाची के प्यासे बदन पर हर रोज़ बरसता रहा है और इतना ही नही उस दिन के बाद मेरी चाची और ज्यादा सेक्सी और खुबसूरत लगने लगी है . अब अपनी चाची के अलावा आपका सेक्सी सावन बहुत सी फिमेल की प्यास मिटा चुका है .

८ इंच के लंड से पहली चुदाई




प्रेषक - आकाश भट्ट

हैलो दोस्तों,

मेरा नाम आकाश है, मैं देहरादून का रहनेवाला हूँ, ये बात तब की है जब मैं १२वीं में पढ़ता था। सेक्स के बारे में मेरी जानकारी बहुत थोड़ी थी, और मैं ख्वाबों की दुनिया में ज़्यादा रहता था। मैं पढ़ने में तेज़ था इस वज़ह से काफी लड़कियाँ मुझे पसन्द करती थीं, लेकिन मैं अपने आप में ही मग्न था। फिर एक दिन एक घटना ने मेरी ज़िन्दगी बदल दी।

मैं जहाँ ट्यूशन पढ़ता था, वहीं पर एक लड़की जो मेरी सीनियर थी, वो भी पढ़ने आती थी। धीरे-धीरे हम दोनों आपस में बातें करने लगे, फिर एक दिन उसने मुझे बहाने से अपने कमरे में बुला लिया जो कि पास में ही था, वहाँ पर थोड़ी देर बैठने के बाद उसने मुझे कहा कि वो मुझे बहुत पसन्द करती है। मैं डर गया क्योंकि वो अपनी बाँहें फैला कर मेरी ओर देख रही थी। मैंने कहा कि प्लीज़ ऐसा मत करो।

उसने कहा, "बेवक़ूफ, केवल गले मिलने को ही कह रही हूँ और उसने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया, थोड़ी देर में मुझे अच्छा लगने लगा, फिर वो मुझे किस करने लगी और मुझमें अजीब सी हलचल होने लगी, मेरा बदन तपने लगा और मेरा लंड खड़ा होकर फनफनाने लगा। उसने ये देखा और मुस्कुराने लगी। मैं शरमा गया, क्योंकि किसी लड़की के साथ यह मेरा पहला अनुभव था।

उसने मुझसे पूछा कि क्या यह पहली बार है? मैंने हाँ में सिर हिला दिया, यह सुनकर वह बहुत खुश हो गई और मुझे ज़ोर से किस करने लग गई। अब मैं भी थोड़ा सामान्य हो गया था और उसके चु्म्बन का उत्तर देने लगा था, मेरी उसपर पकड़ भी कसी होने लगी और मैं उसकी चूचियों, जो कि नाशपातियों की तरह तनी हुईं और सुडौल थीं, को मसलने लगा। अब मुझे भी मज़ा आ रहा था और उसकी सिसकारियाँ तेज़ होने लगी थीं। फिर उसने अपने हाथ से मेरे लंड को मसला और मेरा हाल और भी बुरा हो गया। अब उसने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए।

थोड़ी देर मैं उसके सामने नंगा खड़ा था, मेरे कसरती बदन और मोटे ८ इंच के लंड को देखकर वो पागल होने लगी और वो भी जल्दी से कपड़े उतार कर नंगी होने लगी। मैं जीवन में पहली बार किसी लड़की के इतना समीप था और उसका बदन तो क़यामत था। शानदार उभरी हुई गोल चूचियाँ, पतली कमर और क्लास गांड। मेरा लंड तो फनफनाने लगा था

उससे पहले कि मैं कुछ करता, उसने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। मैं पागल हो उठा, नियंत्रण करना मुश्किल हो गया, कई सारी नये अनुभवों को एक साथ सँभाल नहीं पाया और मैंने सारा रस उसके मुँह में उड़ेल दिया। वो सारा-का-सारा पी गई और बोली, "क्या स्वाद है, मज़ा आ गया।"

मेरा लंड अब भी डंडे की तरह कठोर था और उसकी चूत से रस टपक रहा था, अब वो बोली, कम ऑन जान, चाटो मुझे। मैंने अपनी गरम जीभ झट से उसकी चूत में घुसेड़ दी, वह सिपटपिटा सी गई और सिसकारी के साथ बोली- चाट और ज़ोर से।

अंधा क्या चाहे, दो आँखें। मैं उसे चाटने लगा और वह पागल हो रही थी, अपनी गांड को उठा-उठा कर मेरे मुँह में दबा रही थी। इसी बीच वह ज़ोर से चिल्लाते हुए झड़ गई।

अब उसने कहा कि आ, तुझे पहली चुदाई सिखाती हूँ और यह कहते हुए वह लेटकर अपनी दोनों टाँगें खोलकर मुझे बुलाने लगी। मैं भी तैयार था और ज़ल्दी से अपने मोटे लंड को उसकी चूत के मुहाने पर टेक दिया और इससे पहले कि वो कुछ समझ पाती, मैंने एक ज़ोरदार झटके में लंड को चूत में पूरा जड़ तक गाड़ दिया।

वो चिल्ला पड़ी और बोली- धीरे अक्की धीरे, एक ही बार में फाड़ना है क्या? सँभल के ये बहुत काम आने वाली है ! पर मैं तो पागल था, उसके मुँह पर हाथ रखा और पेलने लगा अपने लंड को उसकी चिकनी चूत में। अब मैंने रफ़्तार बढ़ाई और उसकी चीत्कार भी बढ़ी।

धचक-धचक और फचक-फचक की आवाज़ से कमरा गूँज रहा था, वो अपनी गांड उठा-उठा कर मरवा रही थी और मैं पूरे जोश में उसे पेल रहा था, उसकी लाल चूत में मेरा काला लौड़ा रेल की तरह चल रहा था। अब रफ़्तार और बढ़ी और हम दोनों में एक ज़ोरदार धक्के के साथ छूट पड़े और खतम हो गए। मैंने अपना सारा लावा उसकी लाल चूत में उड़ेल दिया, फिर हमने फटाफट कपड़े पहने और मैं घर आ गया।

आगे फिर अगली कहानी में

akki11@in.com
__________________